26/07/2025
राजस्थान के झालावाड़ के एक छोटे से गांव में कुछ दिन पहले तक हंसी-ठिठोली और खिलखिलाती आवाजों से गूंजता एक आंगन था, जो आज गहरे सन्नाटे में डूबा है. वहां दो मासूम भाई-बहन मीना और कान्हा खेलते, हंसते और मां के सामने जिद करते थे, आज उन दोनों की मां अकेली उदास आंसू बहाते हुए बैठी है... निःशब्द, विह्वल और टूट चुकी.
'मेरे तो दो ही बच्चे थे... एक बेटा और एक बेटी. दोनों चले गए. अब घर सूना है, आंगन सूना है... भगवान मुझे ही उठा लेता, बच्चों को बचा लेता...' यह शब्द उस मां के हैं, जो कल शुक्रवार को हुए स्कूल हादसे में अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सहारा खो चुकी है.
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