22/04/2025
आश्चर्य की बात है कि जब आपके दांत में परेशानी य दिक्कत होती है तो आप आहत होते है ,कराहते है क्योंकि वो दर्द का रूप लेकर इजहार और दर्द प्रकट कर देता है लेकिन कुछ दर्द,दुःख ऐसे होते है जिसका दिख पाना लगभग असंभव होता है , वो प्रकट होना चाहते है पर मौका नही मिलता,परिस्थिति नही बनती य मिलती य ऐसे लोग नही मिलते जहां सुना सके,बता सके य समझा सके , वो दुख दर्द पीड़ा चाहती है तो निकलना , बहना पर सही व्यक्ति,परिस्थिति की तलाश में अंदर ही अंदर नासूर बनती है , दर्द छुपाने य दबाने से !
पीड़ा यदि साझा न हो या उसका इलाज न हो तो वो कष्ट असाध्य रोग बनकर सामने आती है और जीवन को बहुत नुकसान कर सकती है , छोटी सी परेशानी काफी दर्द दे सकती है यदि उसका समय पर इलाज न किया जाए और इलाज से जरूरी है ये स्वीकार करना कि आप कष्ट में है , आप दुःखी है और आप दर्द पीड़ा में है !!
जिस दिन आप ये स्वीकार कर लेंगे की आप गलत है , आप दुःखी है ,पीड़ा में है ,कष्ट में है , दर्द में है ,तकलीफ में है , आपके स्वीकारने मात्र से आपका मार्ग प्रशस्त हो जाएगा कि इलाज उसका कैसे करना है !
मैने मेरे दर्द को आज खत्म किया , उस कष्ट के कारण का अंत कर दिया जिसने इतने माह से मेरी रातों की नींद छीन ली , सर में दर्द , कान में दर्द और न जाने कहाँ कहाँ दर्द होता था ! दांत निकल गए अक्ल दांत लेकिन काफी अक्ल दे गए वो दांत , यदि आप अभी दांत के दर्द जैसे किसी अन्य दर्द ,पीड़ा,क्लेश से परेशान है तो पहले उस दर्द,पीड़ा,परेशानी को स्वीकार्य करिये और उसके समाधान,इलाज हेतु प्रयासरत हो जाइए !
आपका जीवन सुगम व सुलभ हो जाएगा !!
जयसियाराम