11/08/2025
श्रीमद्भागवत और पुराणों में वर्णन मिलता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल में बाल रूप धारण किया, तो उनकी सबसे प्यारी लीलाओं में से एक थी माखन चोरी।
यशोदा मैया और गोकुल की ग्वालिनें मटकी में माखन बनाकर ऊँचाई पर लटका देतीं, ताकि नटखट कान्हा हाथ न लगा पाएं। लेकिन श्रीकृष्ण अपने सखाओं संग मिलकर अद्भुत योजना बनाते — कोई एक साथी कंधे पर चढ़ाता, कोई मटकी पकड़ता और कान्हा माखन निकाल लेते।
कभी वे माखन अपने मित्रों को बांटते, तो कभी बछड़ों और बंदरों को खिला देते।
शास्त्रों के अनुसार, यह लीला एक संदेश देती है — माखन हृदय की निर्मलता का प्रतीक है, और भगवान अपने भक्त का निर्मल हृदय ही ‘चुरा’ लेते हैं।
यही कारण है कि उन्हें "माखन चोर" और "हृदय चोर" कहा जाता है।
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का पावन त्योहार विश्वभर में 16 अगस्त 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। मंदिरों में रात्रि 12 बजे जन्म आरती, माखन-मिश्री का भोग और झूला सजाने की परंपरा निभाई जाती है।
दही हांडी की रस्म
कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में दही हांडी का आयोजन होता है। यह रस्म श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रतीक है, जब वे अपने सखाओं के साथ ऊँचाई पर टंगी मटकी से दही-माखन चुराते थे।
इस परंपरा में युवा ‘गोविंदा’ टीमें पिरामिड बनाकर ऊँचाई पर लटकी मटकी तोड़ती हैं। इसमें संगीत, नृत्य और प्रतिस्पर्धा का माहौल रहता है, और विजेता टीम को इनाम भी मिलता है।
दही हांडी न केवल उत्साह और मस्ती का प्रतीक है, बल्कि यह एकता, साहस और टीमवर्क का संदेश भी देती है।