01/08/2025
`साली और भावज से मज़ाक़ करना:`
_कुछ लोग साली *(बीवी की बहन)* और भावज *(बड़े भाई की बीवी, भाभी)* से मज़ाक़ करते बल्कि उसे अपना ह़क़ ख़्याल करते हैं और उन्हें इस क़िस्म की बातों से रोका टोका जाए तो कहते हैं कि हमारा रिश्तह ही ऐसा है, ह़ालांकि इस्लाम में येह मज़ाक़ ह़राम बल्कि सख़्त ह़राम जहन्नम का सामान है_
_औ़रतों और मर्दों के दर्मियान मख़स़ूस़ मुआ़मलात से मु-तअ़ल्लिक़ गन्दी और बेहूदह बातें ख़्वाह खुले अल्फ़ाज़ में कही जाएं या इशारों किनायों में सब मज़ाक़ है और ह़राम है_
`ह़दीस शरीफ़` में जेठ *(शौहर के बड़े भाई)*, देवर *(शौहर के छोटे भाई)* और बहनोई *(बहन के शौहर, जीजा)* से पर्दह करने की सख़्त ताकीद आई है - और जिस त़रह़ मर्दों के लिए साली और भावज (भाभी) से मज़ाक़ ह़राम है ऐसे ही औ़रतों को भी देवर और बहनोई *(जीजा)* से मज़ाक ह़राम है - `[ग़लत़ फ़हमियाँ और उनकी इस़लाह़, पेज ¹³⁷,¹³⁸`