21/06/2025
*हालात रिपोर्ट....फार्मासिस्टों के बिना घिसट रहा हरियाणा का स्वास्थ्य ढांचा*
*36 प्रतिशत पद खाली, चार साल से भर्ती अटकी, सीएचसी-पीएचसी बेहाल*
*स्वास्थ्य मंत्री ने विस में दिया था आश्वासन मगर नियमों में संशोधन अधर में*
*हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट के 36 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। विभाग में फार्मासिस्ट के कुल 1085 स्वीकृत पदों में से 390 पर फिलहाल कोई नियुक्ति नहीं है.प्रहलाद। पिछले चार वर्षों से भर्ती प्रक्रिया ठप है, जिससे राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में दवा वितरण, स्थानीय खरीद और रोगी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।*
*नियुक्ति प्रक्रिया में अड़चन*
*2021 में फार्मासिस्ट की शैक्षणिक योग्यता को डिप्लोमा से बदलकर बी-फार्मा कर दिया गया था। इसके साथ छह महीने का प्रशिक्षण भी अनिवार्य किया गया। 2023 में जब भर्ती निकाली गई, तो बी-फार्मा डिग्री धारकों ने नई शर्तों को हाईकोर्ट में चुनौती दी.प्रहलाद। कोर्ट के निर्देशों के बाद नियमों में संशोधन की प्रक्रिया शुरू तो हुई, लेकिन अब तक पूरी नहीं हो सकी है।*
*विधानसभा में दिया गया था आश्वासन*
*मार्च 2024 के बजट सत्र में कई विधायकों ने यह मुद्दा उठाया था, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने नियमों में शीघ्र संशोधन का आश्वासन दिया था, मगर अब तक संशोधन अधर में लटका हुआ है।*
*स्वास्थ्य ढांचे पर असर*
*सीएचसी और पीएचसी में फार्मासिस्टों की भारी कमी है। जिन अस्पतालों में फार्मासिस्ट नहीं हैं, वहां बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से काम चलाया जा रहा है। एक फार्मासिस्ट पर कई अस्पतालों का बोझ है। दवाओं की उपलब्धता और आपूर्ति में देरी हो रही है क्योंकि फार्मासिस्ट की मौजूदगी स्थानीय आवश्यकताओं को तुरंत पूरा करने में अहम होती है।*
*सेवानिवृत्ति से संकट और गहरा*
*गवर्नमेंट फार्मेसी एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीप सिंह के अनुसार, असल संख्या और भी चिंताजनक है। राज्य में 40 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। हर महीने औसतन तीन से चार फार्मासिस्ट सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सिर्फ जून में ही तीन सेवानिवृत्ति हो रही हैं। डाटा अपडेट नहीं होने के कारण सरकार वास्तविक स्थिति का अंदाजा नहीं लगा पा रही है।*
*कब तक मिलेगा समाधान?*
*मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि राज्य सरकार सभी खाली पदों की समीक्षा कर रही है। कर्मचारी चयन आयोग और लोक सेवा आयोग से भी आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। सीईटी परीक्षा के बाद भर्ती प्रक्रिया तेज करने की बात कही गई है, लेकिन फिलहाल फील्ड में संकट बरकरार है।*
*भर्ती प्रक्रिया में देरी कैसे हुई?*
2021: नियमों में संशोधन, डिप्लोमा की जगह बी-फार्मा अनिवार्य
2023: नई भर्ती अधिसूचना जारी, कोर्ट में चुनौती
मार्च 2024: विधानसभा में मंत्री ने संशोधन का आश्वासन दिया
जून 2024: अब तक कोई संशोधन या नियुक्ति नहीं
वर्तमान स्थिति: हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रक्रिया धीमी गति से जारी
सूरत-ए-हाल
कुल स्वीकृत पद -1085
वर्तमान में खाली- 390 (36%)
भर्ती की आखिरी प्रक्रिया- वर्ष 2021
औसतन मासिक सेवानिवृत्ति- 3–4 फार्मासिस्ट
बीते 4 सालों में नई नियुक्ति- शून्य
प्रभावित क्षेत्र- सीएचसी, पीएचसी, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र