
07/07/2025
॥ रुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥१॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं।
गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्॥
करालं महाकाल कालं कृपालं।
गुणागार संसारपारं नतोऽहम्॥२॥
हर हर महादेव!
हर हर महादेव!