Sirmour News

Sirmour News FOUNDER -LATE PROF.SANTOSH KUMAR
EDITOR -RAJESH KUMAR
(1)

PAONTA SAHIB :- नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई  डिटैक्शन सैल की टीम ने गुप्त सूचना के आधार की कार्रवाई लाल ढाग क...
13/09/2025

PAONTA SAHIB :- नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई
डिटैक्शन सैल की टीम ने गुप्त सूचना के आधार की कार्रवाई
लाल ढाग के पास काबू किया नशा तस्करी का आरोपी
13.175 किलोग्राम भुक्की बरामद, आरोपी पुलिस गिरफ्त में
अमृतसर (पंजाब) निवासी अंकुश के रूप में हुई आरोपी की पहचान
पुलिस टीम ने जाल बिछाकर दबोच लिया नशा तस्करी का आरोपी
नशे की बड़ी खेप को कहीं पहुंचाने की फिराक में था आरोपी

13/09/2025

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के माध्यम से किसान हो रहे खुशहाल

13/09/2025

बिजली मित्रों की भर्ती पर बिजली बोर्ड के सेवानिवृत कर्मचारियों ने उठाए सवाल

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के माध्यम से किसान हो रहे खुशहाल23 लाख की सोलर फैंसिंग से पांवटा साहिब के करनेल सिंह की 95...
13/09/2025

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के माध्यम से किसान हो रहे खुशहाल

23 लाख की सोलर फैंसिंग से पांवटा साहिब के करनेल सिंह की 95 बीघा भूमि हुई सुरक्षित

प्रदेश में किसानों कि मेहनत सुरक्षित रखने तथा उनकी आय संसाधनों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा बहुत सी जन हितैषी तथा कल्याणकारी योजनाएं प्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से क्रियान्वित की जा रही है, साथ ही इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की फसलों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की फसलों को पशुओं व जंगली जानवरों के नुकसान से बचाना तथा किसानों की मेहनत को सुरक्षा प्रदान कर उनकी आय संसाधनों को सशक्त बनाना है।
ऐसे ही मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के लाभार्थी करनेल सिंह सुपुत्र ओंकार सिंह जोकि पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना के निवासी हैं, उन्होंने बताया कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी खेती करता आ रहा है लेकिन हर वर्ष जंगली जानवरों और पशुओं के कारण उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ता था पूरी मेहनत के बावजूद उपज बहुत कम तथा आमदनी घटती जा रही थी।उन्होंने बताया कि उनकी ज़मीन का कुछ हिस्सा जंगल के साथ लगता है जहां से जंगली जानवर खेतों में घुसकर फसलों को नष्ट कर देते थे। उन्होंने बताया कि वह रात-रात भर जागकर अपनी फसलों की रखवाली करते परंतु फिर भी जंगली जानवरों तथा पशुओं से फसलों को बचा पाना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा कि इन स्थितियों में खेती घाटे का सौदा लगने लगी थी, उनके साथ गाँव के अधिकांश किसान इसी समस्या से जूझ रहे थे।
उन्होंने बताया कि इन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई। जब करनेल सिंह को पता चला कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सरकार खेतों के चारों ओर सौर ऊर्जा आधारित बाड़ लगाने के लिए 70 प्रतिशत अनुदान राशि प्रदान करती है तो उन्होंने तुरंत इस योजना की पूर्ण जानकारी प्राप्त करना आरंभ किया। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने उनका मार्गदर्शन किया, जिसके उपरांत उन्होंने तीन क्लस्टर बनाकर आवश्यक दस्तावेजों सहित पूर्ण प्रक्रिया के साथ आवेदन किया।
उन्होंने बताया कि विभागीय प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत सोलर फ़ेंसिंग हेतु 23 लाख 12 हज़ार की राशि स्वीकृत की गई जिसमें 70 प्रतिशत के हिसाब से 16 लाख 18 हज़ार का अनुदान प्रदेश सरकार द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि कुछ ही महीनों में उनके तीनों क्लस्टरों की लगभग 95 बीघा भूमि के चारों ओर सोलर फ़ेंसिंग करवा दी गई।उन्होंने बताया कि इस सोलर फ़ेंसिंग से न केवल जंगली जानवरों का खेतों में प्रवेश बंद हुआ बल्कि उनकी पूरी फसलें बच सकी, जिससे उनकी मेहनत सुरक्षित हुई साथ ही उनकी आमदनी में भी भारी बढ़ोतरी हुई।
करनेल सिंह का कहना है कि पहले खेती घाटे का सौदा लगने लगी थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना की मदद से हमें फिर से खेती में भरोसा मिला है, अब डर नहीं लगता कि जंगली जानवर रातों रात फसल बर्बाद कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना जैसी योजनाएं ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।उन्होंने बताया कि उनकी बाढ़ बंदी को देखकर क्षेत्र के किसान भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित हुए तथा बहुत से किसानों ने इस योजना का लाभ उठाकर अपनी फ़सलों को सुरक्षित किया।
करनेल सिंह ने अपने पूरे परिवार की ओर से किसानों को लाभान्वित करने के उदे्दश्य से चलायी गई मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया है।
कृषि विकास अधिकारी पांवटा साहिब मंजीत सिंह ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सौर बाड़बंदी की जाती है जिसमें चार फुट तक जालीदार तथा उसके ऊपर तीन तारें लगायी जाती है। इस बाड़बंदी में सौर ऊर्जा के माध्यम से करंट का संचालन भी किया जाता है ताकि पशु तथा जंगली जानवर फसलों से दूर रह सकें। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को खेतों की परिधि पर सौर ऊर्जा आधारित बाड़ लगाने के लिए 70 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि यह बाड़ जानवरों के शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती, केवल उन्हें खेत में घुसने से रोकती है।

Himachal Weather Today : हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के द्वारा 13 और 14 सितंबर को कई स्थानों पर हल्की से...
13/09/2025

Himachal Weather Today :

हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के द्वारा 13 और 14 सितंबर को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है। प्रदेश के कई जिलों में अब मौसम फिर से बिगड़ने लगा है. ऐसे में अब कई स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की भी संभावना जताई गई है.
आज शनिवार (13 सितंबर 2025 ) को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ हिस्सों में हल्की तो कुछ हिस्सों में तीव्र बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. जबकि शिमला, सिरमौर, सोलन कुल्लू और चंबा जिले के अलग अलग स्थानों पर हल्की से माध्यम बारिश का येलो अलर्ट रहेगा.

13/09/2025

सांसद बोले सड़क सुरक्षा को लेकर उठाए जाएंगे अहम कदम

डगशाई जेल की दीवारों में आज भी जिंदा है आयरलैंड के इतिहास का एक पन्नामनमोहन सिंहआज मुझे डगशाई की ऐतिहासिक जेल देखने का म...
13/09/2025

डगशाई जेल की दीवारों में आज भी जिंदा है आयरलैंड के इतिहास का एक पन्ना

मनमोहन सिंह

आज मुझे डगशाई की ऐतिहासिक जेल देखने का मौका मिला। वहां जाते ही मुझे बिस्मिल अज़ीमाबादी के उस गीत की ये लाइनें मेरे होठों पर आ गईं:

"सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाजू -ए- कातिल में है"

यह बात सही है कि बिस्मिल का यह गीत इंकलाबी लोगों का तराना बन कर देश भर में गूंजता रहा और आज भी इसे आंदोलनों में गया जाता है। अधिकतर लोग इसे रामप्रसाद बिस्मिल की रचना समझते हैं पर ऐसा नहीं है। इसे बिस्मिल अज़ीमाबादी ने पहली बार 1921में पढ़ा था। लेकिन डगशाई की इस जेल की दीवारों की बीच यह नगमा जज्बात बन कर न जाने कब से गूंज रहा होगा, इसकी कल्पना कि जा सकती है। उस नग़्में के चाहे अल्फ़ाज़ अलग होंगे, भाषा अलग होगी पर जज़्बा यही था। हमारे यहां भारत की आज़ादी की लड़ाई चल रही थी तो वह यूरोप में आयरलैंड को आज़ाद कराने के लिए लोग सर धड़ की बाजी लगाए हुए थे। जेल की दीवारें आज भी आयरलैंड में आज़ादी की लड़ाई में जुटे 75 सैनिकों की दास्तां सुना रही हैं जो यहां लाए गए थे। उन पर आरोप था कि उन्होंने बरतानिया की गोरी सरकार के खिलाफ बगावत की है। बिस्मिल ली ये लाइनें उन पर बिल्कुल सही उतरती हैं।

आज इस जेल को एक अजायबघर बना दिया गया है। यहां आने पर पता चलता है कि आयरलैंड के जिन 75 कैदी सैनिकों को इस जेल में लाया गया था उन पर इसी जेल में कोर्टमार्शल की कार्रवाई चली। उनमें से अधिकतर को उम्र कैद और 27 को मौत की सज़ा सुना दी गई। लेकिन बाद में इनमें से 13 की मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया। बाकी बचे 14 सैनिकों को जेल के पीछे गोली मार दी गई।

यहां यह बता देना भी ज़रूरी है कि आयरलैंड में चली आज़ादी की उस लड़ाई का असर भारत में चल रहे आज़ादी के आंदोलनों पर भी पड़ा। और जब जनवरी 1919 में आयरलैंड आज़ाद हो गया तो भारत के लिए भी एक उम्मीद बंध गई। यहां आंदोलन और तेज़ हो गए। आयरलैंड क्रांति के एक नेता ईमोन डे वेलोरा महात्मा गांधी के मित्र थे। महात्मा गांधी उनके बड़े प्रशंसक भी थे। इस कारण जब महात्मा गांधी को आयरलैंड में आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले सैनिकों को डगशाई की जेल में लाया जाने की खबर मिली तो वे हालात का जायज़ा लेने खुद डगशाई आ गए। और उन्होंने अनुरोध किया कि उन्हें भी एक रात के लिए इसी कारागार की किसी कोठड़ी में रहने दिया जाए। महात्मा गांधी जिस कोठडी में उस रात रहे थे वह भी आज मौजूद है।

समुद्र तल से लगभग छह हजार फुट की ऊंचाई पर बसे डगशाई की यह जेल 1849 में निर्मित की गई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर स्थित धर्मपुर से इसकी दूरी चार किलोमीटर और कुमारहट्टी से मात्र दो तीन किलोमीटर है। इसी जेल में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के भी कई पन्ने जुड़े हैं। अपने अगले लेखों पर उन पन्नों पर भी विस्तार से नज़र डालूंगा और बात करूंगा उन स्थलों की जो धर्मपुर कुमारहट्टी के आसपास आठ -10 किलोमीटर के दायरे में फैले हैं। आज सैलानियों के लिए ये आकर्षण का मुख्यकेंद्र बनते जा रहे हैं।

13/09/2025

NSS शिविर में जागरूकता कार्यक्रम के साथ साथ मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए जुटाया धन

12/09/2025

भाजपा सांसद बोले हिमाचल में आई आपदा को लेकर केंद्र सरकार गंभीर...

11/09/2025
11/09/2025

प्रदेश में 5 हजार सौ करोड़ से ज्यादा हुआ नुकसान, केंद्र सरकार से स्पेशल पैकेज की थी उम्मदी, ओर भी मदद करे केंद्र सरकार - नरेश चौहान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते दिन हिमाचल आए थे और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा कर कांगड़ा में प्रभावित परिवार से मिले और हिमाचल को 15 सौ करोड़ की फौरी राहत दी है लेकिन हिमाचल को इससे ज्यादा मदद की दरकार थी। मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के आने का काफी समय से इंतजार था। प्रदेश में नुक्सान का आंकड़ा बहुत ज्यादा है। पीएम मोदी ने बीते दिन हिमाचल का दौरा किया ओर कांगड़ा में मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री के साथ बैठक की । मुख्यमंत्री ने हिमाचल में हुए नुकसान के बारे में जानकारी भी दी।15सो करोड़ देने आश्वासन दिया। उसके लिए प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हैं। इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है जब तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं होती ।क्या यह राहत स्पेशल पैकेज के तौर पर मिली है या योजनाओं का हिस्सा होगी जब अधिसूचना होगी उसके बाद ही इसकी स्थिति स्पष्ट होगी मुख्यमंत्री ने मुख्य तौर पर अपनी सरकार की सभी बातों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा इसको लेकर स्पेशल पैकेज की मांग की है 2023 में भी नुकसान हुआ है एक छोटा सा राज्य है यहां पर अपने आय के साधन कम है इस तरह के हालात में भारत सरकार के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है और यह अधिकार भी है की ऐसी आपदा में हिमाचल को केंद्र सरकार मदद करें ।हिमाचल प्रदेश में 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है खासकर सड़कों बिजली की योजनाओं को और पेयजल परियोजनाओं को काफी नुकसान हुआ है और कहीं घरों में नुकसान हुआ है ।

Address

Regd. Office 147/5, BEHIND ITI, SHAMSHERPUR
Paonta Sahib
173025

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Sirmour News posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Sirmour News:

Share