
16/08/2025
“””””नूतन, जिनका पूरा नाम नूतन समार्थ था, हिंदी सिनेमा की उन दुर्लभ अदाकाराओं में से थीं जिनके अभिनय में शालीनता, संवेदनशीलता और गहरी आंतरिक शक्ति का अद्वि’तीय मेल देखने को मिलता था। उनका बचपन एक ऐसे घर में बीता जहाँ कला का माहौल था—उनकी माँ शोभना समर्थ खुद एक जानी-मानी अभिनेत्री थीं—लेकिन नूतन का स्वभाव बिल्कुल संकोची और आत्ममंथन करने वाला था। स्कूल के दिनों में वे पढ़ाई में अच्छी थीं, लेकिन उन्हें पेंटिंग और क’विता लिखने का भी गहरा शौक था, जो उन्होंने कभी प्रचारित नहीं किया। फिल्मों में आने के शुरुआती वर्षों में उन्हें ‘पतली-दुबली’ होने के कारण कुछ लोगों ने नायक-नायिका की जोड़ी के लिहाज़ से कमज़ोर कहा, लेकिन उन्होंने अपनी गंभीर और सूक्ष्म अभिव्य’क्ति से यह साबित कर दिया कि असली अभिनय चेहरे के हावभाव और आंखों की भाषा में होता है, न कि सिर्फ़ बाहरी रूप-रंग में। एक दिलचस्प बात यह थी कि सेट पर वे अक्सर अपने शॉट से पहले कोने में बैठकर हल्के स्वर में भजन गुनगुनातीं—यह उनकी निजी तैयारी का हिस्सा था, ताकि वे किरदार के भावों में पूरी तरह डूब सकें। अपने करियर में उन्होंने ‘सुजाता’, ‘बंधन’, ‘मिलन’ और ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ जैसी फिल्मों में इतने प्रभावशाली किरदार निभाए कि वे सिर्फ़ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि भावनाओं की जीवंत प्रतीक बन गईं। असल जिंदगी में वे बेहद अनुशासित और आत्म’निर्भर थीं—उन्होंने पढ़ाई, परिवार और करियर, तीनों को संतुलित ढंग से निभाया, और यही उन्हें बाकी नायिकाओं से अलग करता है!!!! लाइक करे?????