SBN Bihar

SBN Bihar Sanatan Khabar

जगन्नाथ मंदिर रहस्य है या विज्ञान ??
04/06/2023

जगन्नाथ मंदिर रहस्य है या विज्ञान ??

क्या आपको पता है हर 12 साल में भगवान जगन्नाथ की मूर्ती को बदला जाता है, महाप्रभु के मूर्ति को बदलते समय पूरे पुरी शहर .....

बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु….
04/06/2023

बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु….

बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु....

25/02/2023

शिवलिंग का महत्व शिवलिंग एक हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह प्रतीक भगवान शिव को संदर्भित करता है और हिंदू ध...

https://sanatankhabar.com/dharmanagari-kashi-dharmnagari-kashi/
25/02/2023

https://sanatankhabar.com/dharmanagari-kashi-dharmnagari-kashi/

धर्मनगरी काशी, Dharmnagari Kashi काशी धर्म नगरी, जिसे हम वाराणसी भी कहते हैं, भारत का प्राचीन शहर है। यह शहर सबसे पुराना नहीं हो...

https://sanatankhabar.com/mithila-culture-mithila-sanskrit/
25/02/2023

https://sanatankhabar.com/mithila-culture-mithila-sanskrit/

मिथिला संस्कृति: Mithila Sanskriti मिथिला संस्कृति, जिसे मैथिली संस्कृति भी कहा जाता है, एक प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विर.....

17/09/2022

NH105 सुगौना से खरौआ की तरफ जाने वाली सड़क, खरौआ कब्रिस्तान के निकट एक व्यक्ति बेहोसी की हालत में मिला है,
ग्रामिनो ने इसकी सुचना रहिका थाने को दिया प्रसाशन मौके पर समय पर पहूँचकर उस व्यक्ति को ईलाज के लिए ले गए, जिसकी कोई पहचान नहीं ही पा रही है
अगर आप लोग इनको जानते है तो उनके घर वाले को बताएं और रहिका थाना में संपर्क करें!

रिपोर्ट_ विनय कुमार झा

16/09/2022
15/09/2022

रसना गर्ल् तरुणी की कहानी, आखिर क्या हुआ रसना गर्ल का

सिर्फ 14 साल की उम्र में ही हो गई रसना गर्ल् की मौत

कोई नहीं जानता!जिंदगी कब कौन सी करवट ले ले,रसना गर्ल् तरुणी सचदेव की कहानी भी ऐसी है। मासूम उम्र में अपनी प्‍यारी सी मुस्‍कान और एक टैगलाइन ‘आई लव यू रसना’ से तरुणी ने सभी का दिल जीत लिया था। करिश्‍मा कपूर के साथ उस एक टीवी एड ने तरुणी की जिंदगी को नई राह दी। वो सिनेमा के पर्दे पर राज करना चाहती थी। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था तरुणी अब सिर्फ हमारी यादों में रह गयीं है, सिर्फ 14 साल की उम्र में ही तरुणी इस दुनिया से चली गयीं।

2012 में एक प्‍लेन क्रैश में रसना गर्ल की मौत हो गयी

रसना गर्ल् तरुणी सचदेव का जन्म मुंबई में 14 मई 1998 को हुआ था। पिता हरेश सचदेव इंडस्ट्रियलिस्ट हैं, जबकि मां का नाम था गीता सचदेव। सिर्फ पांच साल की उम्र में तरुणी लाइट्स, कैमरा और एक्‍शन की दुनिया में कदम रख चुकीं थी। रसना के एक एड फिल्‍म से इस कदर पॉपुलैरिटी मिली कि वह उस दौर में सबसे ज्‍यादा पैसा कमाने वाली चाइल्‍ड आर्टिस्‍ट भी बनी। शाहरुख खान, अमिताभ बच्‍चन के साथ भी काम किया। लेकिन नेपाल में 2012 में हुए प्‍लेन क्रैश में तरुणी की जीवनलीला समाप्‍त हो गई। और वो सिर्फ हमारे यादों में ही रह गयीं।

शाहरुख खान और अमिताभ के साथ भी फ़िल्मों मे किया काम

आपको बता दें शाहरुख खान के एक टीवी शो ‘क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं?’ में भी तरुणी कंटेस्टेंट बनकर पहुंची थीं। साल 2004 में तरुणी को पहली बार फिल्‍म मिली। मलयालम फिल्म ‘वेल्लिनक्षत्रम’ से उसने बड़े पर्दे पर डेब्यू किया। विनायन इस फिल्‍म के डायरेक्‍टर थे। उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में कहा, ‘मैंने तरुणी को अमिताभ बच्चन के साथ एक विज्ञापन में काम करते देखा था। विज्ञापन एजेंसी से उसका नंबर लिया और उन्हें कॉल किया। जब तरुणी फोन पर आई तो उसने मुझसे कहा- अंकल, मुझे फिल्मों में काम करना है।’

एक फिल्‍म में अमिताभ की दोस्‍त बनी थी रसना गर्ल्

रसना गर्ल् तरुणी ने अमिताभ बच्‍चन के साथ फिल्‍म ‘पा’ में भी काम किया था। वह स्‍कूल में उनकी दोस्‍त बनी थी। 14 मई को तरुणी का जन्‍मदिन था। यह एक दुखद संयोग है कि जन्मदिन के दिन ही उसकी मौत हो गई। 14 मई 2012 को तरुणी दुनिया छोड़कर चली गई। नेपाल के अग्नि एयर फ्इट सीएचटी प्लेन क्रैश में उसका निधन हो गया। साथ में तरुणी की मां गीता सचदेव भी थीं। तरुणी के साथ ही उनकी माँ गीता की भी मौत हो गई। वह दिन तरुणी का 14वां जन्मदिन था।

रसना गर्ल् तरुणी का वो अंतिम सोमवार का दिन

2012 में वो सोमवार का दिन था, जब पश्चिमी नेपाल में विमान क्रैश हो गया था। विमान में 16 भारतीय यात्री, 2 डेनमार्क के रहने वाले और पायलट क्रू के तीन लोग सवार थे। इस हादसे में 13 यात्र‍ियों समेत पायलट क्रू के दो सदस्यों की भी मौत हो गई।

01/09/2022

क्या आपको पता है ?
सार्वजनिक गणेश पूजा की शुरुआत मिथिला से हुआ है ।

महराजा रूद्र सिंह के पोते और महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह के भाई और आप्त सचिव बाबू जनेश्वर सिंह ने 1886 के आसपास ही वर्तमान मधेपुरा जिले के शंकरपुर में सार्वजनिक रूप से गणेश पूजा की शुरुआत की थी । जबकि महराष्ट्र में इसके करीब सात साल बाद 1893 में गणेश उत्सव सार्वजनिक रूप से आयोजित किया जाने लगा । ऐसे में गणेश उत्सव की सार्वजनिक रूप से मनाने का श्रेय शंकरपुर के लोगों को जाता है ।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी डॉ सर गंगानाथ झा की ऑटो बायोग्राफी में इस बात का जिक्र किया गया है कि वर्ष 1893 में दरभंगा आने से पूर्व बाबू जनेश्वर सिंह शकरपुर में सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरुआत कर दी थी । ये ऐतिहासिक बातें हैं लेकिन एस बी एन न्यूज टीवी इसकी पुष्टि नही करती है ।



रिपोर्ट_ विनय कुमार झा

30/08/2022

कई जिलों के कई प्रखंडों में BPM विदाई समारोह के नाम पर कैडरों से 500-500 रुपया चंदा वसूली
क्या यह उचित है ?

#जीविका

18/08/2022

वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में जदयू एवं राजद सरकार की जन्म तो हो गई परन्तु जीवन कितने दिनों का होगा कहना मुश्किल है ।
किसी भी सरकार को चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है लेकिन बिहार सरकार की वर्तमान बहुमत की आकड़ो को देखा जाय और राजनीती में अपना स्वार्थ साधने की परंम्परा को देखा तो कभी भी कोई अनहोनी होने में आश्चर्य की कोई गुंजाइस नही रहती क्योंकि अब राजनीति में न कोई ईमान बचा है न कोई सिध्यांत । केवल अपने निजी स्वार्थ की राजनीती कर रहे है नेता । उन्हें जनता के द्वारा दिए गए जनमत से या उनके विकास कोई लेना देना नही होता । राजनेताओ को एक अवसर मिला होता है अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए ऐसे में इस सरकार का जन्म तो हो गया परन्तु जीवन कितने दिनों की होगी ये यक्ष प्रश्न आज बिहार के हर जनता के जुवान पर है जिसका एक राजनीतिक विश्लेशन आंकड़ों के आधार पर किया गया है । नीतीश कुमार को चाहिए पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने के लिए 77 और विधायक
सरकार के समर्थन के लिए और
वो मुख्यमंत्री है ।

जबकि तेजस्वी को चाहिए केवल
2 विधायक सरकार बनाने के लिए । मगर वो उपमुख्यमंत्री है -
बहुत नाइंसाफी है तेजस्वी यादव के साथ ।

नीतीश कुमार का खेला तेजस्वी
यादव किसी भी दिन बिगाड़ सकता है क्यूंकि मुख्यमंत्री बनने की तड़प तो बहुत है उसमें भी ।

अब बिहार विधानसभा का गणित
देखिये भाजपा के पास 77 विधायक हैं, जेडीयू के पास 45 विधायक हैं, राजद के पास 79 और बाकी घटक दलों के पास 41 विधायक है । यानी जदयू को छोड़, महागठबंधन के सभी दलों की संख्या 120 है और इस तरह तेजस्वी को सी एम बनने के लिए 122 विधायकों की विधानसभा में मात्र 2 विधायकों की जरूरत है जबकि नीतीश को सी एम
बने रहने के लिए 77 विधायकों की आवश्यकता और होगी ।

ऐसे में तेजस्वी यादव जब चाहेगा,
तब नीतीश चाचा के 5 विधायकों को प्रलोभन देकर त्यागपत्र करा कर मुख्यमंत्री बन सकता है क्यूंकि तब उसे बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होगी

ऐसे में बेशक उसकी सरकार तलवार की नोक पर चलेगी मगर फिर वो जदयू के और विधायक भी तोड़ सकता है ।

ऐसा खेल कर दिया तेजस्वी ने तो
नीतीश बाबू तो धूल चाट लेंगे ।
नीतीश को चाहिए 77 एमएलए पर फिर भी मुख्यमंत्री है मगर तेजस्वी को चाहिए केवल 2 एमएलए लेकिन
फिर भी वो उप मुख्यमंत्री है ये तो
अन्याय है ना ।

नीतीश का सुशासन तो देखिये कि
लालू पार्टी का MLC कार्तिकेय सिंह को जिस दिन कोर्ट में पेश होना था अपहरण के केस में, उसे नीतीश उसी दिन कानून मंत्री बना रहे थे और अब कह रहे हैं कि उन्हें मालूम नहीं था कार्तिकेय सिंह के बारे में । जो राजद का विधायक चावल घोटाला का आरोपी है उसे कृषि मंत्री बनाया गया है । जंगल राज का इससे अच्छा नमूना देखने को मिल नही सकता और नीतीश कुमार जैसे सुशासन बाबू की मानसिक दिवालियापन और क्या हो सकती । ये है जंगल राज की शुरुआत जिसमे कानून मंत्री को कानून तलाश रही है और कानून मंत्री कानून के चंगुल से फरार चल रहा है । ऐसी सरकार से बिहार की जनता क्या अपेक्षा कर सकती है ।



रिपोर्ट_ विनय कुमार झा

15/08/2022

13/08/2022

यदि आपका कोई शत्रु नहीं है तो इसका अर्थ है,कि आप उन जगहों पर भी मौन थै,जहा अन्याय हो रहा था जहा बोलना जरूरी था..

Address

Patna New City
800008

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when SBN Bihar posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to SBN Bihar:

Share