28/06/2025
उत्तर प्रदेश में हुआ मानवता शर्मशार.........
भारत एक अनोखा देश - डॉ. अमन..........
विविधता में एकता भारत की पहचान..............
प्रधानमंत्री को पत्र प्रेसित करते हुए अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह जिला अध्यक्ष सुपौल डॉ. अमन कुमार ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी विविधता, रंग-बिरंगी संस्कृति, विचारधारा और शानदार इतिहास के लिए जाना जाता है। भारत में हर धर्म, संस्कृति, जाति और भाषा का सम्मान होता है। विभिन्न धर्म और जाति के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। यहाँ के लोगों की मेहमान नवाजी और आतिथ्य विश्व भर में प्रसिद्ध है। विविधता में एकता के लिए पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान है। डॉ. अमन कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश की ज्वलंत घटना मानवता को शर्मशार कर दिया है। आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ लोग जातिवाद के घृणित मानसिकता व विचार धारा से ग्रसित होकर सामाजिक भाईचारा, सामाजिक एकता व अखंडता, सामाजिक सौहार्द के साथ-साथ मानवता को शर्मशार करने का कार्य किया है। कुछ लोग जातिवाद रूपी जहर फैलाकर समाज को नष्ट करना चाहते हैं। जिसका ताजा उदाहरण है उत्तर प्रदेश के इटावा जिला अन्तर्गत बकेबर थाना क्षेत्र के दादरपुर गाँव में 22 जून 2025 को घटित घृणित घटना इंसानियत को तार-तार किया है। कहा कि श्रीमद् भागवत कथावाचक मुकुटमणी यादव एवं उनके सहयोगियों के साथ सरेआम मारपीट, जबरन चोटी काटना, बाल काटना, नाक रगड़वाकर जातिगत अपमान करना, पेशाब शरीर पर छिड़कना तथा अमानवीय कुकृत्य का वीडियो बनाकर बहुत ही शर्मनाक तरीके से सोशल मीडिया पर वायरल कर भारतीय संविधान, उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार सहित स्थानीय पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन को अंगुठा दिखाने का काम किया है। कहा कि दादरपुर घटना से भारत के सम्पूर्ण यादव समुदाय सहित बहुजन समाज को गहरा सदमा लगा है। घटना को अंजाम देने वाले लोगों ने भारतीय संविधान की आत्मा सामाजिक समरसता, आपसी भाईचारा एवं एकता को नष्ट करने का कार्य किया है। इन लोगों नें अक्षम्य अपराध किया है। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, गृह मंत्री, भारत सरकार, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को भी पत्र प्रेषित कर कठोर कार्रवाई करते हुए यादव समुदाय सहित बहुजन समाज को न्याय दिलाने की मांग की गई।