
07/09/2025
ढोंढ़ी की खोंज किसी ने नहीं की। न्यूटन ने भी गुरुत्वाकर्षण का खोज किया। ढोंढी को छोड़ दिया। ढोढ़ी का इतिहास हजारों साल तक दबा रहा। पर 90s आया और हर शोषित की तरह ढोंढी भी बाहर आ गया।
भोजपुरी के रसखानों ने ढोंढ़ी को ढूँढ निकाला। फिर कभी वापस ढोंढी रत्न को खोने नहीं दिया। उसके याद में स्तुतियों की बाढ़ ला दी।
खेसारी लाल यादव ढोढ़ी स्तुतिगाण के क्रांतिकारी गायक हैं। एक नायिका कल्पना की आवाज में कहती है, 'हम तो ढोढ़ी मुदले रहनी पियरी माटी से", खेसारी उस उपेक्षित ढोढ़ी को कांटी से खोल देते हैं।
इसके बाद पवन सिंह की एंट्री होती है , वह ढोंढी में बियर डाल देते हैं। इधर अक्षरा सिंह का ढोढ़ी पसीना से भर जाता है।
शिल्पी राज ने ढोढ़ी में शहर लुधियाना बसाया ही था कि बुलेट राजा आए और ढोढ़ी छील दिए।
समय-असमय ढोढ़ी में सामियाना को चोप आते-जाते रहता है।
इतना कुछ घटित होने के बाद अमित पटेल ने ढोढ़ी में साइलेंसर सटा दिया। चंदन चंचल से रहा नहीं गया तो ढोढ़ी को देवरा से चटवा के सारा संताप दूर कर दिया।
इन गायकों के अथक प्रयास से ढोढ़ी का दबा हुआ इतिहास बाहर आ रहा है और वह IT सेक्टर में भी स्थापित हो रहा है। कोई गायक ढोंढी में लोकेशन ढूँढ रहा था कि भोजपुरी की नेहा कक्कड़ …अंतरा सिंह प्रियंका जी ने ढोढ़ी में 32 GB रैम निकाल दिया है।
मेरा मानना है कि 32 GB रैम कम है, हैंग कर जाएगा।