26/07/2025
जीवन से जूझते एक मछुआरे की अद्भुत कहानी
रवींद्रनाथ दास… एक साधारण मछुआरा, लेकिन उनके साहस और जीवटता ने उन्हें असाधारण बना दिया। बंगाल की खाड़ी में पांच दिन तक ज़िंदगी और मौ'त के बीच झूलते रहे, फिर भी हार नहीं मानी। 4 जुलाई को वे 14 साथियों के साथ समुद्र में मछली पकड़ने निकले थे। लेकिन 6 जुलाई को आया भीषण तूफान, और उनका ट्रॉलर पलट गया। तीन लोग ट्रॉलर में ही फंस गए और 11 अन्य के साथ दास समुद्र में कूद पड़े। लहरों ने बाकी सभी को निगल लिया, लेकिन रवींद्रनाथ दास ने पाँच दिन तक बिना खाना-पानी के, उम्मीद का दामन थामे तैरना जारी रखा।
हर बीतता दिन मौ'त के साए को और करीब ला रहा था, लेकिन उनके भीतर जीने की जिद बाकी थी। 10 जुलाई को चटगांव के पास एक बांग्लादेशी जहाज ने उन्हें समुद्र में भटकते हुए देखा और बचा लिया।
यह सिर्फ एक व्यक्ति की जान बचने की कहानी नहीं, बल्कि इंसानी हौसले, उम्मीद और धैर्य की सबसे बड़ी मिसाल है। रवींद्रनाथ दास आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं—कि जब तक सांस है, तब तक आस है। 🌊💔🙏