The vinay yadav -TVY

The vinay yadav -TVY content creator and public figure

कोई घर अपनी शानदार सजावट खराब होने से नहीं, बल्कि अपने गिनेचुने सदस्यों के दूर चले जाने से खाली होता है,’’ मां उस को फोन...
25/03/2025

कोई घर अपनी शानदार सजावट खराब होने से नहीं, बल्कि अपने गिनेचुने सदस्यों के दूर चले जाने से खाली होता है,’’ मां उस को फोन करती रहीं और अहसास दिलाती रहीं, ‘‘वह घर से निकला है तो घर खालीखाली सा हो गया है.’’

‘मां, अब मैं 20 साल का हूं, आप ने कहा कि 10 दिन की छुट्टी है तो दुनिया को समझो. अब वही तो कर रहा हूं. कोई भी जीवन यों ही तो खास नहीं होता, उस को संवारना पड़ता है.’

‘‘ठीक है बेबी, तुम अपने दिल की करो, मगर मां को मत भूल जाना.’’ ‘मां, मैं पिछले 20 साल से सिर्फ आप की ही बात मानता आया हूं. आप जो कहती हो, वही करता हूं न मां.’

‘‘मैं ने कब कहा कि हमेशा अच्छी बातें करो, पर हां मन ही मन यह मनोकामना जरूर की,’’ मां ने ढेर सारा प्यार उडे़लते हुए कहा. वह अब मां को खूब भावुक करता रहा और तब तक जब तक कि मां की किटी पार्टी का समय नहीं हो गया.

जब मां ने खुद ही गुडबाय कहा, तब जा कर उस ने चैन पाया. बस कुछ घंटों में वह भवाली पहुंचने वाला था. अभी बस रामपुर पहुंची थी, किला दूर से दिखाई दे रहा था. कितनी चहलपहल और रौनक थी रामपुर में. उस ने बाहर झांक कर देखा. बहुत ही मजेदार नजारे थे.

एक किशोरी नीबू पानी बेच रही थी. उस ने भी खरीदा और गटागट पी गया. बस फिर चल पड़ी थी. इस बार वह अपनी मरजी से बस में ही आया था. मां ने 50,000 रुपए उस के खाते में डाले थे कि टैक्सी कर लेना. पर वह टैक्सी से नहीं गया. दरअसल, वह सफर के पलपल का भरपूर मजा लेना चाहता था.

नीबू पानी पी कर उस को मीठी सी झपकी आ गई और कहा कि रामपुर के बाद पंतनगर, टांडा का घनघोर जंगल, रुद्रपुर, बिलासपुर, काठगोदाम कब पार किया, उस को खबर ही नहीं लगी.

‘भवालीभवाली’ का शोर सुन कर उस की आंख खुली. वह पहली बार किसी पहाड़ी सफर पर गया था. जब उस ने सफेद बर्फ से संवरे ऊंचेऊंचे पहाड़ देखे, तो अपलक निहारता ही रह गया. वह मन भर कर इस खूबसूरती को पी लेना चाहता था.
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उन दिनों मैं बी.ए. फाइनल इयर में थी। मम्मी, पापा को छोड़कर वेदांत अंकल के साथ ही रहने लगी थी। महीने-दो-महीने में वह इधर ...
24/03/2025

उन दिनों मैं बी.ए. फाइनल इयर में थी। मम्मी, पापा को छोड़कर वेदांत अंकल के साथ ही रहने लगी थी। महीने-दो-महीने में वह इधर का एक चक्कर लगाती और मुझसे मिलकर चली जाती। जहां तक मैं जानती थी, मम्मी-पापा में अलगाव का कारण सेक्स ही था।

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पापा से रवीना उम्र में बहुत ही छोटी थी। वह शादी कर किसी दूसरे शहर में चली गई थी। पापा को इस मामले में करारी मात मिली थी। इस दौरान मुझे जो भी युवक अच्छा लगा था, मैंने उसे छोड़ा नहीं था। अब तक मैं सैकड़ों पुरुषों से यौन-संबंध बना चुकी थी, लेकिन उस युवक और देवगन को मैं आज तक भुला नहीं पाई थी। मेरे मन-मंदिर में आज भी उनकी धुंधली तस्वीरें थी, लेकिन मैं अतीत को लेकर जीने वालों में से नहीं थी। मुझे तो हर शाम एक नया स्वाद चाहिए था।

इस नए स्वाद का चस्का ही शायद मुझे पुरुष-दर-पुरुष भटकाता रहा। न मालूम मुझमें ऐसी क्या खूबी थी, कि जिस भी पुरुष पर वह नजरें टिका देती, वह मुझे पाने के लिए मचल उठता था। यौन-क्रीड़ा से भी अधिक आनंद छूने छाने या सहलाने से मुझे मिलता। इसकी वजह मेरे पूर्व आशिकों का इस कला में निपुण होना ही था।

स्पर्श, फिर चुंबन, इसके बाद यौनानंद…. मेरे जीवन का एक मात्र ध्येय बन गया था। अब तक मेरे जीवन में कुछ ऐसे पुरुष भी आ चुके थे, जो बड़े उद्योगपति या देश के शीर्षस्थ नेता थे, लेकिन मैंने उनके नाम को भुनाया नहीं था, क्योंकि मैंने कभी इस दृष्टि से किसी पुरुष से संबंध बनाए ही नहीं थे। इसे कोई मेरी जिंदगी की भूल समझे या उसल। मेरी उम्र भी तो पैसे को महत्व देने वाली नहीं थी। खाने-पीने या घूमने-फिरने में जो पुरुष मेरे साथ होता, वह खर्च करता ही था। मैं उसको निचोड़ना अच्छी बात नहीं समझती थी।

समय यूं ही धीरे-धीरे बीतता रहा।

मेरे पतिदेव को चलतेफिरते मुझे छेड़ते हुए शरारत करने की आदत है. वे कभी गाल छू लेते हैं, तो कभी कमर पर चुटकी ले लेते हैं. ...
23/03/2025

मेरे पतिदेव को चलतेफिरते मुझे छेड़ते हुए शरारत करने की आदत है. वे कभी गाल छू लेते हैं, तो कभी कमर पर चुटकी ले लेते हैं. यह भी नहीं देखते कि आसपास कोई है या नहीं. बस, मेरे प्रति अपना ढेर सारे प्यार को सरेआम जता देते हैं. मेरे मना करने पर या ‘शर्म करो’ कहने पर कहते हैं, ‘अरे यार, अपनी खुद की बाकायदा बीवी को छेड़ रहा हूं, कोई राह चलती लड़की को नहीं और प्यार जता रहा हूं, सता नहीं रहा... समझी जानू...’

बेशक, मुझे भी उन का यों प्यार जताना गुदगुदा जाता है. कभी चुपके से मैं भी इन की पप्पी ले लेती हूं... हम मियांबीवी जो हैं. पर, 1-2 बार मैं ने नोटिस किया है कि मेरी कामवाली गीता हम पतिपत्नी की ये अठखेलियां दरवाजे के पीछे खड़ी रह कर छिपछिप कर देखती है. पहले तो मुझे लगा कि यह मेरा भरम है, पर अब तो गीता ऐसी हरकतें बारबार करने लगी थी. वैसे, गीता बहुत अच्छी है. स्वभाव भी मिलनसार और काम भी परफैक्ट, कभी शिकायत का मौका नहीं देती.
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एक दिन खाली बैठे मैंने फेसबूक पर एक अनजाने आदमी को फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेज दी, जो दिखने में बहुत हैंडसम था। उस आदनी ने उस...
21/03/2025

एक दिन खाली बैठे मैंने फेसबूक पर एक अनजाने आदमी को फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट भेज दी, जो दिखने में बहुत हैंडसम था। उस आदनी ने उसी रात फेसबूक पर मेरी भेजी फ्रेंड रिक्‍वेस्‍ट एक्‍सेप्‍ट कर ली। "तुम्‍हे पता है कि तुम इस साड़ी में कितनी खूबसूरत लग रही हो, उसने मेसेज किया"। "थैंक्‍स, मुझे भी तुम्‍हारी DP अच्‍छी लगी"। इसी तरह हमने बातें करनी शुरू कर दी।
मुझे पता था कि वह 39 साल का शादी शुदा आदमी है, जो दो बच्‍चों का बाप भी है। इन सब चीजों के बाद भी हमने अपनी बातें शुरू कर दी। इतना ही नहीं हमने अपना नंबर भी एक दूसरे के साथ बदल लिया। देखते ही देखते हम एक दूसरे के करीब आ गए, और एक दूसरे के बेस्ट फ्रेंड बन गए। फेसबूक पर हम एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा बाते करने लगे, और सोशल मीडिया पर ज्‍यादा से ज्‍यादा समय बिताने लगे। दूसरी ओर उस आदमी को लगने लगा कि हमारे करीब आने से इतनी बाते करने से वह अपनी बीवी से दूर जा रहा है। वह अपने बच्‍चों के साथ दूसरे स्‍टेम में रहती थी। वह मुझसे बोलता था, "अभी पता नहीं मैं सारा दिन तुम्‍हारे बारे में ही सोंचता रहता हूं, मुझे अफसोस है इस बात पर।"
मैं नेचर से काफी शर्मीली थी, मेरे काफी अच्‍छे दोस्‍त भी थे। लेकिन मुहाफिज़ जैसा दोस्‍त होना काफी स्‍पेशल था मेरे लिये। 1 महीने की चैटिंगे के बाद हमने स्‍काइपिंग करना भी शुरु कर दिया। हम उस पर बातें कम और एक दूसरे को घंटों निहारा ज्‍यादा करते थे। एक रात वह मेरे साथ वीडियो कॉल पर था। उसने बोला, ''ऐसे देखते देखते कहीं प्‍यार ना हो जाए"। खैर, अब हम रोज ही वीडियो कॉल करने लग गए। हम इतने पास आ चुके थे कि अब हम एक रियल कपल की तरह बिहेव करने लगे थे। हम रोमांस करते, एक दूसरे को चिढ़ाते और थोड़ी लड़ाइयां भी करते। कहने का मतलब था कि एक 17 साल की लड़की को 39 साल के आदमी से प्‍यार हो गया था
जिस तरह से प्‍यार की कोई उम्र नहीं होती, उसी तरह से हम दोंनो को भी अपना रिश्‍ता बिल्‍कुल गलत नहीं लगा। हमें नहीं लगा कि हमने कुछ गलत काम किया है।

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एक शांत गाँव में रहने वाली, कला प्रेमी लड़की, रीना, जो हमेशा से सपनों में खोई रहती थी, उसकी मुलाकात शहर से आए, महत्वाकां...
20/03/2025

एक शांत गाँव में रहने वाली, कला प्रेमी लड़की, रीना, जो हमेशा से सपनों में खोई रहती थी, उसकी मुलाकात शहर से आए, महत्वाकांक्षी इंजीनियर, अर्जुन से होती है। अर्जुन, अपनी नौकरी के सिलसिले में गाँव में आता है, और रीना की कला और उसकी आँखों में बसी दुनिया से वह मोहित हो जाता है।
अर्जुन, रीना की आँखों में एक अलग ही दुनिया देखता है, जो उसे अपनी दुनिया से दूर ले जाती है। रीना, अर्जुन की ऊर्जा और उसके सपनों से प्रभावित होती है। दोनों की मुलाकातें, धीरे-धीरे प्यार में बदल जाती हैं, और वे एक-दूसरे के साथ अपनी दुनिया को साझा करने लगते हैं।
लेकिन, उनकी प्रेम कहानी में, एक बड़ी मुश्किल आती है। रीना के परिवार को अर्जुन का शहर से आना और उसकी नौकरी पसंद नहीं है। वे अर्जुन को रीना से दूर करना चाहते हैं। अर्जुन के परिवार को भी रीना का गाँव से आना और उसकी कला पसंद नहीं है। वे अर्जुन को रीना से दूर करना चाहते हैं।
दोनों परिवार, अपनी-अपनी सोच से, रीना और अर्जुन को अलग करना चाहते हैं। लेकिन रीना और अर्जुन, एक-दूसरे से प्यार करते हैं, और वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। वे अपने प्यार को बचाने के लिए, एक साथ मिलकर संघर्ष करते हैं।
आखिरकार, रीना और अर्जुन की प्रेम कहानी, मुश्किलों से भरी होती है, लेकिन उनकी मोहब्बत, हर मुश्किल को पार कर जाती है। वे एक-दूसरे के साथ अपनी जिंदगी बिताने का फैसला करते हैं, और एक नया जीवन शुरू करते हैं।
थीम:
प्रेम की शक्ति:
यह कहानी प्रेम की शक्ति को दर्शाती है, जो हर मुश्किल को पार कर सकता है।
अलग-अलग दुनिया के लोग:
यह कहानी, अलग-अलग दुनिया के लोगों के बीच प्यार की संभावना को दर्शाती है।
संघर्ष और जीत:
यह कहानी, संघर्ष और जीत की भावना को दर्शाती है।
निष्कर्ष:
यह एक खूबसूरत प्रेम कहानी है, जो हमें सिखाती है कि प्यार, हर मुश्किल को पार कर सकता है, और हमें एक साथ रहने के लिए प्रेरित करता है।

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