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 #पाकिस्तान में जब किसी सुंदर लड़की की मौत होती है तो उसके परिजन महीनों उसकी कब्र की पहरेदारी करते हैंक्योंकि सुंदर लड़क...
19/05/2025

#पाकिस्तान में जब किसी सुंदर लड़की की मौत होती है तो उसके परिजन महीनों उसकी कब्र की पहरेदारी करते हैं
क्योंकि सुंदर लड़की की कब्र को भी खोदकर हवसखोर मुर्दा लड़की के शरीर के साथ भी बलात्कार करते है,

#नेक्रोफिलिया
नेक्रोफिलिया एक मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति #शव यानी लाश यानी #डेड बॉडी के साथ #बलात्कार करता है,,

अगर मनोवैज्ञानिकों की मानें तो सामान्य रूप से यह बीमारी हर 10 लाख व्यक्तियों में से एक को होती है,, लेकिन #इस्लाम में हर #पाँचवा व्यक्ति नेक्रोफिलिया का शिकार है,,

यानी जिंदा तो जिंदा अगर लड़की की लाश भी मिल गई या खुद भी उसकी हत्या करनी पड़ी है तो भी बलात्कार जरूर करेंगे

मिस्र की साम्राज्ञी #क्लियोपेट्रा ने जो मौत चुनी उससे दुनिया स्तब्ध थी आखिर क्यों एक औरत नग्न अवस्था में अपने #स्तन पर #सांप से डसवाएगी,,लेकिन वो जानती थी कि जिसने मिस्र पर हमला किया है वे इस्लामिक फ़ौज के लोग हैं,,

स्तन पर डँस मरवाने से पूरे शरीर में जहर फैल जाएगा,,तो कोई इंफेक्शन के डर से उसकी मृत देह के साथ #बर्बरता नहीं कर पाएगा,, साथ ही स्तन को मुँह में लेकर कुचल नहीं पाएगा,, वहशियों का क्या वे किसी भी हद तक जा सकते हैं,,

फिर भी आपको बता दूं कि इतिहासकार कहते हैं कि उसके शव के साथ #तीन हज़ार बार बलात्कार किया गया था,,,

#महारानी #पद्मावती ने भी लड़कर मरने के बजाय जौहर चुना,, अभी जब पिछले दिनों फ़िल्म आई तो कितने लोगों ने कहा कि वो तो योद्धा थी,,
लड़कर क्यों नहीं मरी??
जौहर क्यों चुना??
तो इसका स्प्ष्ट कारण था #ख़िलजी और वैसे ही #इस्लामिक दरिंदो की फ़ौज,,
महारानी जानती थी की अगर लड़ते हुए उसने और उसकी साथी औरतों ने जान दी तो उसके शरीर के साथ क्या होगा,,

बल्कि दुनिया इस असलियत को जानती है सिर्फ हमारे बच्चों से इसे छुपाया गया है,,नेक्रोफिलिया,,

बस बहन बेटियों को इतना ही सन्देश देना चाहता हूं कि देखो मेरी बहनों,, जो

पूरे विश्व में अपनी #दरिंदगी और हवस के लिए प्रसिद्ध हैं,, जो शव को भी बिना बलात्कार नहीं छोड़ते,,

अगर तुम लोग इस चक्कर में आ गई कि सब एक जैसे नहीं होते तो याद कर लेना #क्लियोपेट्रा और महारानी पदमावती जैसी हजारों वीरांगनाओं जो जोहर की आग में समा गई

बस इतना सन्देश आज हम मां बहन बेटियों को देना चाहते हैं,, आप भी अपने बच्चों को आगाह करके बचा सकते हैं,,

बच्चे समझने को #तैयार हैं,, बस हम तैयार नहीं हैं सही शब्दों में समझाने के लिए....

🚩🚩🇮🇳🇮🇳

हर हर महादेव 🔱 🔱 🚩🚩

बनारस की बेहूदीरोशनी कुशल जायसवाल......ये वो औरत हैजो हमबिस्तरी से पुरुषार्थ तय करती हैये वो औरत हैजो ध्यान को रासलीला ब...
19/05/2025

बनारस की बेहूदी

रोशनी कुशल जायसवाल......

ये वो औरत है

जो हमबिस्तरी से पुरुषार्थ तय करती है

ये वो औरत है

जो ध्यान को रासलीला बोलती है

ये वो औरत है

जो एक महिला स्मृति ईरानी को कमीनी बोलती है

ये वो औरत है

जो भारत माँ का नंगा चित्र प्रदर्शित करती है

कल से अबतक जबसे इसने आंसुओं वाली वीडियो बनाई है तबसे इसके लिए स्टैंड लेने वाले कॉंगी कीड़ों का छिद्र रुन्दन शुरू हुआ जो अभी तक चल रहा, सिर्फ इसलिए क्यूंकि गटर जैसी शक्ल और कीचड़ जैसी सोच वाली ये महिला राहुल और प्रियंका का मल चाटने को सदैव तत्पर रहती...

ये पिछले कई सालों से मोदी जी योगी जी स्मृति ईरानी जी, निर्मला जी आदि पर बेहद अश्लील व घटिया निजी टिप्पडी करती जा रही थी, लेकिन इसपर न तो किसी ने एक्शन लिया न ही किसी जाहिल कॉंग्रेसी ने इसे रोका, लेकिन जब किसी विरोधी ने इसपर कोई टिप्पड़ी की तो पुलिस कम्प्लेन की जगह ये खुद के पसीने पे पल रहे गुंडों को लेकर उस व्यक्ति के घर जाती है और उसके परिवार पर जानलेवा हमला बोलकर तोड़फोड़ व लूटपाट करती है

और दिन रात संविधान की दुहाई देने वाले निर्लज्ज कॉंग्रेसी चाहते कि इस गुंडी पर कार्यवाही न हो,

इसकी FIR मैंने देखी, कम से कम 3 धारायें कम लगी हैं जो जुड़ सकती थीं लेकिन नहीं जोड़ी गयीं इसे महिला होने का ये फायदा मिल गया वरना इसने जिस व्यक्ति का सर फोडा उसका बचना मुश्किल हो गया था कई दिन वो लगभग कोमा में रहा उसकी पत्नी सदमे में थी

लेकिन किसी भी जाहिल ने उस परिवार को लेकर दो शब्द नहीं लिखे..

यही है इन बेशर्म कांगियों का चरित्रहीन चरित्र


कब्रिस्तान        मोमिनों ने वैदिक रीति से शव को जलाने में आने वाले खर्च से बचने के लिए दफ़नाने को अच्छा बताया है। शोध क...
18/05/2025

कब्रिस्तान



मोमिनों ने वैदिक रीति से शव को जलाने में आने वाले खर्च से बचने के लिए दफ़नाने को अच्छा बताया है। शोध किया तो पता चला कि दिल्ली प्रान्त में 82 % हिन्दू रहते हैं और उनके शव दाह के लिए यहाँ केवल 56 शमशान घाट हैं। जबकि 13 % मुस्लिमों के लिए 562 कब्रिस्तान हैं।

यदि इसी अनुपात में यदि हिन्दू शवों को दफ़नाने लग जाएँ तो 3500 अतिरिक्त कब्रिस्तानों की आवश्यकता पड़ेगी।

इसका कारण यह है कि एक कब्र में शव को कंकाल सहित पूरी तरह नष्ट होने में कई वर्षों का समय लग सकता है । जबकि एक चिता में शव को भस्म होने में कुछ घण्टे का समय लगता है और अगला शव उसी जगह कुछ ही देर बाद जलाया जा सकता है।

अतः कई वर्षों की अवधि में जहाँ एक कब्र में केवल एक शव को दफनाया जा सकता है जबकि उतनी ही अवधि में एक ही जगह में हजारों शवों को जलाया जा सकता है और जलाया भी जा रहा है ।

दिल्ली में दो वर्ग गज जमीन का किराया औसत 24000 रूपये से 24,00,000 रूपये वार्षिक तक हो सकता है। अतः एक कब्र के 1 वर्ष के किराए में हजारों शवों का बहुत बढ़िया ढंग से अंतिम संस्कार हो सकता है।

आप देख सकते हैं कि मुर्दों ने दिल्ली की बहुत सारी कीमती जमीन पर कब्ज़ा कर रखा है। यदि उन सभी शवों को निकाल कर शमशान घाटों में जला दिया जाए और 562 कब्रिस्तानों की जगह पर स्कूल, कोलेज, अस्पताल और घर बना दिए जाएँ तो सभी नागरिकों का जबरदस्त फायदा होगा।

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर स्टेनली वोलपर्ट की लिखी गई यह किताब जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के द्वारा प्रकाशित है इस...
17/05/2025

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर स्टेनली वोलपर्ट की लिखी गई यह किताब जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के द्वारा प्रकाशित है इसका हिंदी अनुवाद भी उपलब्ध है यह पढ़कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे

हमारे पूर्वजों ने सिर्फ 7 व्यक्तियों महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन, क्लीमेंट एटली, और चर्चिल के पाप के कारण क्या-क्या तबाही झेली है

सबसे ज्यादा तबाही बंगाल और पंजाब के लोगों ने झेली है 7 करोड लोगों का विस्थापन जो दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन है आठ लाख लोगों का कत्ल, सवा लाख महिलाओं का बलात्कार, एक लाख महिलाओं का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन जिसमें ज्यादातर हिंदू और सिख थी, 5 लाख से ज्यादा परिवारों में भाइयों का या बहन का या बाप बेटे का बाप बेटी का बिछड़ जाना पति-पत्नी का बिछड़ जाना

यह सब कुछ तबाही सिर्फ इस जिद पर हुआ कि आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री कौन बनेगा

जिन्ना की जिद थी कि मैं बनूंगा नेहरू की जिद थी कि मैं बनूंगा और गांधी धृतराष्ट्र की तरह एक जिद्दी और उदण्ड चेले नेहरू की जिद के आगे समर्पण कर दिए और इतनी बड़ी तबाही हमारे पूर्वजों ने झेली

इस किताब में लिखा है की जिसने विभाजन की लाइन खींची सर रेडक्लिफ उसने जब यह कत्लेआम, कत्लोगारद, सामुहिक बलात्कार यह तबाही का मंजर देखा तो उसे जमाने में उसे अंग्रेजों ने ₹40000 फीस देकर भारत का विभाजन करने सर्वे करने के काम पर रखा था और उसने उसे जमाने में ₹40000 यह कह कर लेने से इनकार कर दिया था कि मुझे नहीं पता था कि इस बंटवारे के बाद इतनी संख्या में लोग मारे जाएंगे महिलाओं का बलात्कार होगा और मुझे यह पैसा नहीं चाहिए

लेकिन इसी किताब में लिखा है की 10 लाख इंसानों के कत्ल लाखों महिलाओं के बलात्कार के बावसूद जब पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना शपथ ले रहे थे और भारत में जवाहरलाल नेहरू शपथ ले रहे थे तो दोनों के चेहरे पर ना कोई दुख था ना कोई शिकन थी बल्कि दोनों खुश थे


Ɽ𝖀𝖉𝖗𝖆

 #बिखरी__व्यवस्था__        आईये आज और एक "छिपे हुये कोहिनूर" की दास्तान से अवगत कराता हूँ, और एक सड़ी हुई व्यवस्था, मरी ह...
14/05/2025

#बिखरी__व्यवस्था__




आईये आज और एक "छिपे हुये कोहिनूर" की दास्तान से अवगत कराता हूँ, और एक सड़ी हुई व्यवस्था, मरी हुई कौम, गलीच, स्वार्थी और भ्रष्टाचारी लोगों की वजह से एक जिंदगी कैसे बर्बाद हो रही है। दास्ताँ पढिए...
जबसे मैंने मुंबई की "देविका रोटवान" के बारे में पढ़ा है... तबसे सिस्टम और उसके हरामी नौकरशाही से नफरत दस गुना बढ़ गयी है...
देविका रोटवांन वही लड़की है जिसकी गवाही पर कसाब को फांसी हुई थी...
आपको बता दें की देविका मुंबई हमलों के दौरान महज 9 साल की थी... उसने अपनी आँखों से कसाब को गोली चलाते देखा था...
लेकिन जब उसे सरकारी गवाह बनाया गया तो उसे पाकिस्तान से धमकी भरे फोन कॉल आने लगे... देविका की जगह अगर कोई और होता तो वो गवाही नहीं देता... लेकिन इस बहादुर लड़की ने ना सिर्फ कसाब के खिलाफ गवाही दी बल्कि सीना तान के बिना किसी सुरक्षा के मुंबई हमले के बाद भी 5 साल तक अपनी उसी झुग्गी झोपड़ी में रही...
लेकिन इस देश भक्ति के बदले उसे क्या मिला?... लोगों ने साथ तक नही दिया।
आपको बता दें कि देविका रोटवान जब सरकारी गवाह बनने को राजी हो गयी तो उसके बाद उसे उसके स्कुल से निकाल दिया गया... क्योंकि स्कूल प्रशासन का कहना था कि आपकी लड़की को आतंकियों से धमकी मिलती है... जिससे हमारे दुसरे स्टूडेंट्स को भी जान का खतरा पैदा हो सकता है...
देविका के रिश्तेदारों ने उससे दूरी बना ली... क्योंकि उन्हें पाकिस्तानी आतंकियों से डर लगता था जो लगातर देविका को धमकी देते थे... देविका को सरकारी सम्मान जरुर मिला... उसे हर उस समारोह में बुलाया जाता था जहाँ मुंबई हमले के वीरों और शहीदों को सम्मानित किया जाता था... लेकिन देविका बताती है कि सम्मान से पेट नहीं भरता...
मकान मालिक उन्हें तंग करता है उसे लगता है की सरकार ने देविका के परिवार को सम्मान के तौर पे करोडो रूपये दिए हैं...
जबकि असलियत ये हैं की देविका को अपनी देशभक्ति की बहुत भरी कीमत चुकानी पड़ी है...
देविका का परिवार देविका का नाम अपने घर में होने वाली किसी शादी के कार्ड पे नहीं लिखवाता... क्योंकि उन्हें डर है कि इससे वर पक्ष शादी उनके घर में नहीं करेगा... क्योंकि देविका आतंकियों के निशाने पे है...
देविका के परिवार ने अपनी आर्थिक तंगी की बात कई बार राज्य सरकार और पीएमओ तक भी पहुचाई लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात निकला... देविका की माँ 2006 में ही गुजर गयी...
देविका के घर में आप जायेंगे तो उसके साथ कई नेताओं ने फोटो खिचवाई है... कई मैडल रखे हैं... लेकिन इन सब से पेट नहीं चलता... देविका बताती है कि उसके रिश्तेदारों को लगता है कि हमें सरकार से करोडो रूपये इनाम मिले है... लेकिन असल स्थिति ये हैं की दो रोटी के लिए भी उनका परिवार तरसता है...
आतंकियों से दुश्मनी के नाम पर देविका के परिवार से उसके आस पास के लोग और उसकी कई दोस्तों ने उससे दूरी बना ली... कि कहीं आतंकी देविका के साथ साथ उन्हें भी ना मार डाले...
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और डीएम ऑफिस के कई चक्कर लगाने के बाद उधर से जवाब मिला कि हमारे जिम्मे एक ही काम नहीं है...
देविका के पिता बताते हैं की उन्होंने अधिकारीयों से कहा की मुख्यमंत्री साहब ने मदद करने की बात कही थी... सरकारी बाबू का कहना है कि लिखित में लिखवा के लाइए... तब आगे कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा...
अब आप बताइये की क्या ऐसे देश... ऐसे समाज... और ऐसी ही भ्रष्ट सरकारी मशीनरी के लिए देविका ने पैर में गोली खायी थी...? उसे क्या जरूरत थी सरकारी गवाह बनने की? उसे स्कुल से निकाल दिया गया? क्योंकि उसने एक आतंकी के खिलाफ गवाही दी थी...
ऐसे खुदगर्ज समाज... सरकार... और नेताओं के लिए अपनी जान दाव पे लगाने की कोई जरूरत नहीं है...
देविका तुमने बिना मतलब ही अपनी जिन्दगी नरक बना ली... सलमान खान एक देशद्रोही संजय दत्त... और अब एक वैश्या सन्नी लियोन के ऊपर बायोपिक बनाने वाला बॉलीवुड तो देविका के मामले में महा घटिया निकला...
आपको बता दें की देविका का इंटरव्यू लेने के लिए बॉलीवुड निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने देविका को अपने घर बुलाया लेकिन उसे आर्थिक मदद देना तो दूर उसे ऑटो के किराए के पैसे तक नहीं दिए... ऐसा संवेदन हीन है अपना समाज...
थूकता हूँ मै ऐसे समाज पर...
शायद कितनो को तो देविका के बारे पता भी नहीं होगा की देविका रोटवान कौन है!!!...
अपने सभी मित्रो एवं परजनो को इस बहादुर बच्ची से अवगत कराए
साभार🙏🙏

यह मुख्तार अंसारी के घर का ड्राइंग रूम है यहां बड़े से पोट्रेट पर अरबी में कलमा लिखा है।और नीचे अंग्रेजी में लिखा है The...
13/05/2025

यह मुख्तार अंसारी के घर का ड्राइंग रूम है यहां बड़े से पोट्रेट पर अरबी में कलमा लिखा है।

और नीचे अंग्रेजी में लिखा है There is no god but only Allah.

न जाने कितने हिंदू इसके घर जाते हैं और इससे सवाल नहीं करते भाई क्या गुरु नानक गुरु गोविंद सिंह ईसा मसीह भगवान राम भगवान श्री कृष्ण भगवान शंकर तुम उन सबके अस्तित्व को नकारते हो?

यह सिर्फ भारत में संभव है की कोई व्यक्ति बड़े से पोर्ट्रेट पर लिखें कि किसी और भगवान का अस्तित्व नहीं है सिर्फ अल्लाह का अस्तित्व है और फिर भी उसे लोग कहें कि वह बड़ा अच्छा नेता था धर्मनिरपेक्ष था।

"राष्ट्रहित सर्वोपरि" 💪💪

जय श्री राम 🙏

हर हर महादेव 🔱🙏🚩

बेटियों के बलात्कारियों हवसी भेड़ियों से जब माँ ने कहा "अब्दुल अली एक एक करके करो, नहीं तो वो मर जाएंगी"।ये सच्ची घटना घ...
13/05/2025

बेटियों के बलात्कारियों हवसी भेड़ियों से जब माँ ने कहा "अब्दुल अली एक एक करके करो, नहीं तो वो मर जाएंगी"।

ये सच्ची घटना घटित हुई थी 8 अक्टूबर 2001 को बांग्लादेश में।

अनिल चंद्र और उनका परिवार 2 बेटीयों पूर्णिमा व 6 वर्षीय छोटी बेटी के साथ बांग्लादेश के सिराजगंज में रहता था।

उनके पास जीने खाने और रहने के लिए पर्याप्त जमीन थी।

बस एक गलती उनसे हो गयी, और ये गलती थी एक हिंदु होकर 14 साल व 6 साल की बेटी के साथ बांग्लादेश में रहना।

एक क़ाफिर के पास इतनी जमीन कैसे रह सकती है..?

यही सवाल था बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के पार्टी से सम्बंधित कुछ उन्मादी लोगों का।

8 अक्टूबर के दिन; अब्दुल अली,अल्ताफ हुसैन, हुसैन अली, अब्दुर रउफ,यासीन अली,लिटन शेख और 5 अन्य लोगों ने अनिल चंद्र के घर पर धावा बोल दिया, अनिल चंद्र को डंडों से मारकर बाँध दिया, और उनको काफ़िर कहकर गालियां देने लगे।

इसके बाद ये शैतान माँ के सामने ही उस १४ साल की निर्दोष बच्ची पर टूट पड़े और उस वक्त जो शब्द उस बेबस लाचार मां के मुँह से निकले वो पूरी इंसानियत को झंकझोर देने वाले हैं।

अपनी बेटी के साथ होते इस अत्याचार को देखकर उसने कहा "अब्दुल अली, एक एक करके करो,नहीं तो मर जाएगी, वो सिर्फ १४ साल की है।"

वो यहीं नहीं रुके उन माँ बाप के सामने उनकी छोटी 6 वर्षीय बेटी का भी सभी ने मिलकर बलात्कार किया... उनलोगों को वही मरने के लिए छोडकर जाते जाते आस पड़ोस के लोगों को धमकी देकर गए की कोई इनकी मदद नहीं करेगा।

ये पूरी घटना बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी अपनी किताब “लज्जा" में लिखी जिसके बाद से उनको देश छोड़ना पड़ा, ये पूरी घटना इतनी हैवानियत से भरी है पर आजतक भारत में किसी बुद्धिजीवी ने इसके खिलाफ बोलने की हैसियत तक नहीं दिखाई है, ना ही किसी मीडिया हाउस ने इसपर कोई कार्यक्रम करने की हिम्मत जुटाई।

ये होता है किसी इस्लामिक देश में हिन्दू या कोई अन्य अल्पसंख्यक होने का, चाहे वो बांग्लादेश हो या पाकिस्तान।

पता नहीं कितनी पूर्णिमाओं की ऐसी आहुति दी गयी होगी बांग्लादेश में कि हिंदुओं की जनसँख्या को 22 प्रतिशत से 8 प्रतिशत और पाकिस्तान में 15 प्रतिशत से 1 प्रतिशत पहुँचाने में।

और हिंदुस्तान में हामिद अंसारी जैसे घिनौने लोग कहते है कि हमें डर लगता है, जहाँ उनकी आबादी आज़ादी के बाद से 24 प्रतिशत अधिक बढ़ी है।

{क्या हम एक ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं जहां हर व्यक्ति को अपनी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर भेदभाव के बिना सम्मान मिले? एक ऐसा समाज जहां महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी हो? बांग्लादेश में एक हिंदू परिवार के साथ हुई एक दुखद घटना ने हमें इस प्रश्न की ओर ध्यान दिलाया है। क्या हम इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं और एक अधिक सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी समाज का निर्माण कर सकते हैं?}

किसी स्त्री का बलात्कार करने के उपरांत आरा मशीन से उसे दो भागों में चीर देने की किसी घटना के बारे में आपने सुना है ? और ...
13/05/2025

किसी स्त्री का बलात्कार करने के उपरांत आरा मशीन से उसे दो भागों में चीर देने की किसी घटना के बारे में आपने सुना है ? और दो भाग भी ऐसे कि उसके गुप्तांग से आरी चलाते हुए दोनों वक्ष स्थलों को दो भाग में करते हुए माथे को दो भाग में चीर देना .
सुना है आपने ???
उस स्त्री का नाम था गिरिजा टिक्कू . जो 25 वर्ष की एक ख़ूबसूरत महिला थी एवं कश्मीर के बांदीपोरा में एक शिक्षिका थी .
1990 में जब आतंकवाद बढ़ा तो वह बांदीपोरा छोड़ कर बाहर निकल गयी लेकिन वह अपना सामान नहीं ले जा पायी थी. एक दिन किसी के यह कहने पर कि अब वहां स्थिति सामान्य है, वह बांदीपोरा अपना सामान लाने गयी. लेकिन वहां से वह वापस नहीं आ पायी. एक शिक्षिका जो अपना सामान लाने गयी थी का भीड़ के द्वारा बलात्कार किया गया . लेकिन बलात्कार इस देश में कौन सी बड़ी घटना है
यह तो होता ही रहता है..... आपने सुना होगा मुलायम ने कहा था लड़कों से गलतियाँ हो जाती हैं . ......
लेकिन बलात्कार के बाद जो हुआ वह अत्यंत वीभत्स था एवं सम्पूर्ण मानव इतिहास को कलंकित करने वाला था . बलात्कार के बाद उसके शरीर को उसके गुप्तांगो के पास से आरी चलाकर दो भागों में काट दिया गया एवं सड़क के किनारे फ़ेंक दिया गया ..... लेकिन इतनी बड़ी घटना अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर अपना स्थान नहीं बना पायी . देश के लोगों को इसकी खबर नहीं हुई. कोई कैंडल मार्च नहीं निकला ... कोई सभा नहीं हुई..... क्यों ?
कश्मीर की आज़ादी के नाम पर एक हिन्दू स्त्री से ऐसा व्यवहार क्या भुला देने योग्य था ? लेकिन ऐसा हुआ।
यहाँ यह बात दृष्टव्य है कि यह घटना 25 जून 1990 की है , उस समय V P singh प्रधान मंत्री थे एवं मुफ़्ती मोहम्मद सईद उनके गृह मंत्री।
आपको बताती चलूँ कि 19 जनवरी 1990 को जब कश्मीर में मस्जिदों से यह घोषणा की गयी कि कश्मीर के हिन्दू काफ़िर हैं एवं वे कश्मीर छोड़ दें या इस्लाम कबूल कर लें या मारे जायें और जो पहला विकल्प चुने वे अपनी औरतों को छोड़ कर जाएँ
विषय यह है कि गिरिजा टिक्कू की खबर आप तक कभी क्यों नहीं पहुंची . एक व्यक्ति को अभी हाल ही में लात मारा तो पूरा भारत हिल गया, जान बचाने के लिए फोर्सेज ने जीप के आगे बिठाकर घुमाया तो इसपर काफी चर्चा हुई एवं उसके मानवाधिकार पर गहरी चिंता जाहिर की गयी तो फिर गिरिजा टिक्कू के मानवाधिकार का क्या हुआ?
कांग्रेस ने सर्वथा कलंकित शासन किया, कांग्रेस काश्मीर को पाकिस्तान को समर्पित करने के लिए ऐसा कुचक्र चलाया, कश्मीर से हिन्दूओं का पलायन का परिणाम गिरिजा टिक्कू को सामूहिक बलात्कार कर कुकर्मी मूसल-इमान ने दो भागों में चीरा,

 Ɽ𝖀𝖉𝖗𝖆
22/07/2024

Ɽ𝖀𝖉𝖗𝖆

राष्ट्रवादी विचारधारा है, घुसपैठिए बिल्कुल भी पसंद नहीं, नास्तिक होते हुए भी सनातन धर्म में आस्था रखते हैं, मांस क.....

22/07/2024

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने, ईरान द्वारा इजरायल पर हमले के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, अब हम...

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