The Real Fact

The Real Fact By This Page I will touch some real facts of our society.

एक समय था जब देशी घी गरम किया जाता था या बनाया जाता था तो आसपास के 3-4 घरों तक उसकी महक फैल जाती थी। इतनी सुंदर महक होती...
29/06/2025

एक समय था जब देशी घी गरम किया जाता था या बनाया जाता था तो आसपास के 3-4 घरों तक उसकी महक फैल जाती थी। इतनी सुंदर महक होती थी कि पूरा मन व मस्तिष्क सब मदमस्त हो जाते थे। ❤️

जिस पात्र में घी रखा जाता था, मात्र वही खुल जाए तब भी आसपास के वातावरण में घी की सुंदर महक फैल जाती थी।

लेकिन आज कितने भी अच्छे Brand का घी लाओ, कोई महक नहीं आती। यहाँ तक कि उसमें नाक भी घुसा लो तब भी वह महक नहीं मिलती जो आज के 20 से 30 वर्ष पहले मिलती थी।

कितना मिलावट हम खाते हैं, यह सोचने वाली बात है। गाँवों में भी यही स्थिति हो गयी है, शुद्ध घी बनाने पर भी वह महक नहीं मिल पाती जो पहले होती थी। 😐

कारण एकमात्र यही है कि पहले गायों को चराया जाता था जो विभिन्न प्रकार की वनस्पति ग्रहण करती थी, वह भी बिना Insecticides, Pesticides, रासायनिक खाद से युक्त होती थी।

जो भी होता था शुद्ध ग्रहण करती थी। जितना भी वनस्पति या औषधि खाती या चरती थी, वह सब दूध में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा बन कर व्याप्त हो जाती थी। पूरा दूध ही औषधि युक्त होता था। 🐂🐄

तब तो दूध भी Oxytocin Injection घोंप कर जबरदस्ती नहीं निकाला जाता था। ☹️

लेकिन आज ठीक इसके विपरीत है, अब तो दूध में कोई औषधीय गुण ही नहीं बचा। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन से जबरदस्ती निकाले हुए इंसेक्टिसाइड, पेस्टीसाइड, रासायनिक खाद से पोषित वनस्पतियों से बने दूध का हश्र धीरे-धीरे धीमे जहर में बदलता जा रहा है।

अरे आजकल तो दही तक रसायन डालकर बनाया जाता है, जो पहले जामन से बनाया जाता था जो बिल्कुल जैविक और प्राकृतिक पद्धति से बनता था। 🤷‍♂️

धनिया व पुदीना अगर घर में आ जाता था तो पूरा घर महकता था। लेकिन आज... 🥺

चने का साग इतना खट्टा होता था कि चटकारे लगा कर खाया जाता था लेकिन अब... 🥺

बहुत दुख होता है कि हम कहाँ से कहाँ आ गए। और हैरानी की बात यह है कि इसी को हम क्रमिक विकास (Development) और आधुनिकता (Modernisation) का नाम देते हैं।

हवा, पानी, जल, नदी, झरना, वनस्पति, आकाश, मिटी इत्यादि कोई एक भी ऐसा तत्व बता दें जिसको हमने ज़हर न बना दिया हो।

हमने विनाश का दरवाजा स्वयं खोल दिया है। लेकिन यही तथाकथित विकास है और आधुनिकता की सीढ़ी है।

पछतायेगा… पछतायेगा, फिर गया समय नहीं आएगा 😔🤷‍♂️

एक समय था जब गांव में टीवी होना किसी चमत्कार से कम नहीं था। गांव के ज्यादातर घरों में न बिजली थी, न टीवी। लेकिन जब कोई त...
29/06/2025

एक समय था जब गांव में टीवी होना किसी चमत्कार से कम नहीं था। गांव के ज्यादातर घरों में न बिजली थी, न टीवी। लेकिन जब कोई त्योहार, शादी या खास कार्यक्रम होता, तो बाहर से टीवी बुक करके मंगाया जाता। शाम होते ही गांव के बच्चे दूर से देखते कि एक रिक्शा गांव में आ रहा है, उस पर बड़ा सा कलर टीवी, डीवीडी प्लेयर, दो बैटरियाँ और ढेर सारी सीडी रखी होती थीं। 📺🏃💿

बच्चों की आंखों में चमक आ जाती, वे तालियां बजाते हुए टीवी वाले के पीछे-पीछे दौड़ते। वो रास्ते में ही पूछने लगते, "भइया, आज कौन सी फिल्म चलेगी?" और टीवी वाला मुस्कुराकर बताता कि आज रात स्कूल के मैदान में टीवी लगेगा और सब लोग आकर देख सकते हैं।

रात को जब आसमान में तारे टिमटिमा रहे होते, तब गांव के लोग अपने-अपने घरों से चटाई, बोरा, चारपाई लेकर मैदान में आ जाते। बच्चे आगे की लाइन में बैठते, बुज़ुर्ग पीछे आराम से टिकते। और जैसे ही टीवी चालू होता — तो जैसे पूरा गांव एक साथ सांस लेता। वो हँसी, वो तालियां, वो अचरज से टीवी को देखना — सब कुछ जादू सा लगता था। 📺 💕👌

वो दिन अब बीते ज़माने की बात हो गए, लेकिन उन सुनहरी रातों की यादें आज भी हर गांववाले के दिल में ताज़ा हैं।

26/06/2025

Noted .

 #रोटीएक मित्र ने पत्नी के स्वर्ग वास हो जाने के बाद अपने दोस्तों के साथ सुबह शाम पार्क में टहलना और गप्पें मारना, पास क...
23/06/2025

#रोटी
एक मित्र ने पत्नी के स्वर्ग वास हो जाने के बाद अपने दोस्तों के साथ सुबह शाम पार्क में टहलना और गप्पें मारना, पास के मंदिर में दर्शन करने को अपनी दिनचर्या बना लिया था।
हालांकि घर में उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। सभी उनका बहुत ध्यान रखते थे, लेकिन आज सभी दोस्त चुपचाप बैठे थे।
एक दोस्त को वृद्धाश्रम भेजने की बात से सभी दु:खी थे" आप सब हमेशा मुझसे पूछते थे कि मैं भगवान से तीसरी रोटी क्यों माँगता हूँ? आज बतला देता हूँ। "
कमल ने पूछा "क्या बहू तुम्हें सिर्फ तीन रोटी ही देती है ?"
बड़ी उत्सुकता से एक दोस्त ने पूछा? "नहीं यार! ऐसी कोई बात नहीं है, बहू बहुत अच्छी है।
असल में "रोटी, चार प्रकार की होती है।"
पहली "सबसे स्वादिष्ट" रोटी "माँ की "ममता" और "वात्सल्य" से भरी हुई। जिससे पेट तो भर जाता है, पर मन कभी नहीं भरता।
एक दोस्त ने कहा, सोलह आने सच, पर शादी के बाद माँ की रोटी कम ही मिलती है।" उन्होंने आगे कहा "हाँ, वही तो बात है।
दूसरी रोटी पत्नी की होती है जिसमें अपनापन और "समर्पण" भाव होता है जिससे "पेट" और "मन" दोनों भर जाते हैं।", क्या बात कही है यार ?" ऐसा तो हमने कभी सोचा ही नहीं।
फिर तीसरी रोटी किस की होती है?" एक दोस्त ने सवाल किया।
"तीसरी रोटी बहू की होती है जिसमें सिर्फ "कर्तव्य" का भाव होता है जो कुछ कुछ स्वाद भी देती है और पेट भी भर देती है और वृद्धाश्रम की परेशानियों से भी बचाती है", थोड़ी देर के लिए वहाँ चुप्पी छा गई।
"लेकिन ये चौथी रोटी कौन सी होती है ?" मौन तोड़ते हुए एक दोस्त ने पूछा-
"चौथी रोटी नौकरानी की होती है। जिससे ना तो इन्सान का "पेट" भरता है न ही "मन" तृप्त होता है और "स्वाद" की तो कोई गारँटी ही नहीं है", तो फिर हमें क्या करना चाहिये यार?
माँ की हमेशा पूजा करो, पत्नी को सबसे अच्छा दोस्त बना कर जीवन जिओ, बहू को अपनी बेटी समझो और छोटी मोटी ग़लतियाँ नज़रन्दाज़ कर दो, बहु भी खुश रहेगी तो बेटा भी ध्यान रखेगा।
यदि हालात चौथी रोटी तक ले आये तो भगवान का आभार जताओ कि उसने जीवित रखा हुआ है और अब स्वाद पर ध्यान मत दो केवल जीने के लिए थोड़ा कम खाओ ताकि आराम से बुढ़ापा कट जाए। बड़ी खामोशी से दोस्त सोच रहे थे वाकई हम कितने खुशकिस्मत हैं ।

दाढ़ी मात्र रु.10/- में,_ विद्युत वितरण कंपनी का एक अधिकारी दाढ़ी बनवाने सैलून में गये और सैलून में लगे बोर्ड को पढ़ने ल...
23/06/2025

दाढ़ी मात्र रु.10/- में,_
विद्युत वितरण कंपनी का एक अधिकारी दाढ़ी बनवाने सैलून में गये और सैलून में लगे बोर्ड को पढ़ने लगे 👉 दाढ़ी ₹.10/-👉 ब्लेड अधिभार. ₹. 2/-👉 उस्तरा भाड़ा ₹. 3/- 👉 क्रीम ₹ 5/-👉 बिजली भाड़ा ₹ 20/-👉 कैंची भाड़ा ₹. 3/- 👉 कुर्सी भाड़ा ₹.10/- 👉 लोशन ₹. 7/- 👉 पाउडर ₹. 5/- 👉 नॅपकिन भाड़ा.₹. 5/- योग ₹. 70/-🤔 बोर्ड पढ़कर अधिकारी बोले ,तुम तो कमाल करते हो यार.! "दाढ़ी मात्र 10 रु." लिखकर अन्य दूसरे छुपे खर्चे जोड़कर ग्राहकों को 'लूटते' हो ?? 🤪

रधुवंशी केस में हर दिन नए ड्रामे से मीडिया और समाज को फुरसत मिले तो ये भी पढ़ें... 40 से ज़्यादा लोग इस बाढ़ में जान गंव...
13/06/2025

रधुवंशी केस में हर दिन नए ड्रामे से मीडिया और समाज को फुरसत मिले तो ये भी पढ़ें... 40 से ज़्यादा लोग इस बाढ़ में जान गंवा चुके हैं..



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According to various reports, the incessant rains in Assam, Sikkim, Tripura, Arunachal Pradesh, Manipur, and other states have raised the water levels of major rivers like Brahmaputra, Pachnoi, Kushiyara, and others.

13/06/2025

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी जी की सभी गाड़ियों का नंबर था 1206..चाहे पुराना स्कूटर हो,चाहे नई गाड़ी हो.विजय भाई इसे बेहद लकी नंबर मानते थे..आज तारीख़ 12/06 ही है। प्लेन की यात्री लिस्ट में सीरियल नंबर भी 12 था 💔😔

बहुत याद आयेंगे साहब.

#प्रेम_त्रिकोण #सोनम #राजा

सबका टोटल 9 ही आ रहा... Date : 12/06 : 09, year 2025 : 09, flight no. : 171 : 09, accident time 1341 : 09, Date : 12/06/2025 :18 / 1+8 : 09...

बेवफा सोनम - हत्यारे राज कुशवाहा की प्रेम कहानी की भेंट चढ़ गया निर्दोष राजा रघुवंशी :-इस सच को भी जानिए । सोनम पढ़ाई के...
09/06/2025

बेवफा सोनम - हत्यारे राज कुशवाहा की प्रेम कहानी की भेंट चढ़ गया निर्दोष राजा रघुवंशी :-

इस सच को भी जानिए । सोनम पढ़ाई के बाद पिता की प्लाईवुड वाली "माइका कंपनी" में ही काम करने लगी थी। माइका कंपनी में ही वह एचआर हेड थी। वहीं, राज कुशवाह नामक व्यक्ति इसी कंपनी में बिलिंग मैनेजर का काम करता था। दोनों की पहचान यही हुई । राज सोनम से 5 साल छोटा था । इसके बावजूद सोनम उसके प्यार में पागल हो गई ।

राजा रघुवंशी से शादी तय होते ही सोनम ने राज कुशवाहा के साथ मिलकर साजिश रची। राज कुशवाहा ने अपने दोस्त विशाल सिंह, आनंद कुर्मी और आकाश राजपूत को इस काम के लिए तैयार किया। प्लान के मुताबिक, तीनों गुवाहाटी गए। जब सोनम और राजा शिलांग आए, तो ये तीनों भी वहां पहुंच गए। उन्होंने वहां बाइक किराए पर ली। सोनम ही राजा को डबल डेकर इलाके में ले गई, जहां उसकी हत्या कर दी गई।

अब सोनम रघुवंशी कितनी शातिर थी ये आप सोचीये । अभी इधर कई मामलों में मैंने देखा की लड़कियों को अपना प्रेमी भी चाहिए और अपने पति की पूरी प्रॉपर्टी और पूरे गहने भी चाहिए। लेकिन उन्हें अंत में जेल की सलाखें मिलती हैं बदनामी मिलती है उनके मां-बाप किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं होते

ये मूर्ख लड़कियां ये क्यों नहीं सोचती कि आज फॉरेंसिक साइंस और अपराध अनुसंधान बहुत एडवांस हो चुका है। वहअपने पति को भी अंगूठी और सोने की चेन ब्रेसलेट आदि पहना कर ले गई । मजा देखिए ससुरालअपने पति के गहने और अपने गहने सोनम छुपा कर ले गई थी।

फिर जब उसके पति ने वहां से एक सेल्फी अपनी मम्मी को भेजी तब उसकी मम्मी ने उसको पूछा कि "बेटा ! तू इतने महंगे महंगे सोने के गहने पहन कर क्यों गया है?"

तब राजा रघुवंशी ने कहा कि "मम्मी सोनम ही लेकर आई है । मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता ।"

अब मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि जब सोनम का लव अफेयर चल रहा था तब उसने एक मां की गोद क्यों उजाड़ी ? वह अपने घर वालों को बता देती और आज तो जमाना बहुत एडवांस हो चुका है कोई भी विरोध नहीं करता । जातिवाद की दीवार अब टूट चुकी है ।

शादी के बाद सोनम रघुवंशी लगातार अपने प्रेमी के संपर्क में थी और उसके प्रेमी ने ही हनीमून की पूरी प्लानिंग सोनम को बताई और सोनम ने ही टिकट बुक कराए । वह इतनी शातिर थी कि रिटर्निंग टिकट बुक नहीं कराई ।

सोनम बहुत आक्रामक लगती है क्योंकि ससुराल आते ही बिना पूछे टिकट बुक करवा दी । फिर बुकिंग होने के बाद उसने अपने ससुराल वालों और पति को बोला कि हमें हनीमून पर मेघालय चलना है ।

खैर अब सोनम , उसका प्रेमी राज कुशवाह दो और भाड़े के हत्यारे गिरफ्तार हो चुके हैं

मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर उसे यह सब करके मिला क्या ??

जिंदगी भर उसके ऊपर कातिल होने का धब्बा लग गया।उसके मां-बाप समाज में मुंह दिखाने के काबिल नहीं बचेंगे

और अभी एक टीवी चैनल पर मैं देख रहा था जैसे ही सोनम के भाई से राज कुशवाहा को लेकर सवाल किया गया तब उसका चेहरा एकदम उतर गया और उसने कहा कि अब आगे में कुछ नहीं बोलूंगा

यह साबित होता है कि सोनम के परिवार वालों को उसके लव अफेयर की पूरी जानकारी थी ।

सादर

सुधांशु

#सोनम #रघुवंशी #राजा #हत्या #प्रेम_त्रिकोण

अवशेष बनने से पहले शेष बची जिंदगी को, विशेष बना लें!कुछ चेहरों पर मुस्कान लाकर, कुछ की जिंदगी में खुशियां लाकर।  fans Th...
08/06/2025

अवशेष बनने से पहले
शेष बची जिंदगी को, विशेष बना लें!

कुछ चेहरों पर मुस्कान लाकर, कुछ की जिंदगी में खुशियां लाकर।
fans The Real Fact Followers Highlights

मोबाइल एडिक्शन पर सबसे ज़्यादा डराने वाली स्टडी91% बच्चे आक्रामक..78% में मेलजोल की कमीदेखिए, रोगों से जंग स्वामी रामदेव...
06/06/2025

मोबाइल एडिक्शन पर सबसे ज़्यादा डराने वाली स्टडी

91% बच्चे आक्रामक..78% में मेलजोल की कमी

देखिए, रोगों से जंग स्वामी रामदेव के संग

सोचने वाली और बहुत ही गंभीर विषय है इसका ध्यान हमें खुद के लिए और अपने बच्चों के लिए देना बहुत जरूर है।


बचपन से पेड़ लगाने का जो जुनून चढ़ा, वो आज करोड़ों पेड़ों की शक्ल में सबके सामने है। मिलिए पीपल बाबा से जिन्होंने अपना प...
06/06/2025

बचपन से पेड़ लगाने का जो जुनून चढ़ा, वो आज करोड़ों पेड़ों की शक्ल में सबके सामने है। मिलिए पीपल बाबा से जिन्होंने अपना पूरा जीवन पेड़ लगाने और प्रकृति को बचाने में लगा दिया। अब तक पीपल बाबा करोड़ों पेड़ लगा चुके हैं और आने वाली पीढ़ी को भी अपनी मुहिम से जोड़ने का काम कर रहे हैं।

अदभुत अविश्वनीय अकल्पनीय ,
ऐसे महान व्यक्ति को हमारा शत शत नमन।

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