11/10/2023
एकांत मन के एक कमरा में बैठ
कुछ पल के सरगम गाने लगा
गुजारे थे जो पल साथ हम
अब वो पल याद आने लगा
जहां बैठ लिखे हजारों प्रेम पत्र
वो कोना भीं खीझाने लगा
मन के अंदर आत्म मनोरथ का
अब वो बीता कल याद आने लगा
रात गई सुबह हो गई
ये कब से समझ आने लगा
पूछ रही वो जमीं मुझसे
अब वो तल क्यों याद आने लगा
शिरकत में डूबी आंखे
मन बेचैनी सा छाने लगा
हसीं गायब नहीं होती थीं चेहरे की
वो शुकून पल याद आने लगा
आंखे भर आने लगा
💕💔