10/11/2025
2010 के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में एक मुस्लिम लीडर वाली पार्टी डाक्टर अयूब अंसारी की क़यादत में मुस्लिमों की सियासत करने के लिए आगे बढ़ी और 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा इलेक्शन में उस पार्टी ने 4 सीट जीत कर सभी को चौंका दिया....!
पीस पार्टी नामी इस दल को अखिलेश यादव ने अपनी सियासत के लिए खतरा माना और सत्ता के दम पर पीस पार्टी के 3 विधायक खरीदकर पार्टी को खत्म करने की सफल कोशिश की....
फिर उसके बाद पीस पार्टी अगले 3 इलेक्शन में कभी भी एक विधायक की सीट भी जीत न पायी और डाक्टर अयूब को बाद में जेल में भी डाल दिया गया और उत्तर प्रदेश की लोकल मुस्लिम सियासत को दफ़न कर दिया अखिलेश यादव ने...!
बिल्कुल यही काम तेजस्वी यादव ने बिहार में AIMIM से जीते हुए विधायकों के साथ किया ताकि बिहार से मुस्लिम सियासत को उत्तर प्रदेश की तरह ख़तम किया जा सके,,,, और अपने हिसाब के वो सब कुछ किया जो नौंवी फेल तेजस्वी से बन पाया...
लेकिन बिहार में तेजस्वी को ये मुस्लिम सियासत को खत्म करने वाली पॉलिसी गले पड़ गई.... AIMIM खत्म होने के बजाय और ताकत के साथ उभर कर सामने आयी...
और फिर ओवैसी को चरमपंथी कह कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी खुद मार ली है,,,
अब इस डैमेज को कवर करने के लिए उत्तर प्रदेश के यादववादी पार्टी के मुस्लिम नेताओं को मैदान में उतारा गया है..
और उतारा भी उनको है जिनके ऊपर हिन्दुत्ववादी गुंडों ने मौखिक हमला किया तो हम लोगों ने आवाज़ उठाई और इनके यादववादी नेता किसी गुफा में घुसे बैठे थे.....
मुस्लिम सियासत को खत्म करने के लिए जितना दिमाग,पावर और पैसा ये दोनों यादववादी पार्टियों ने लगाया है अगर इतना ही भाजपा के खिलाफ लगाया होता तो आज हालात अलग होते...!