14/03/2025
बिहार के इन तीन जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि से हड़कंप, मुर्गियों को जलाकर दफनाने का काम शुरू…
Bird Flu In Bihar: बिहार में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है. पटना, भागलपुर और जहानाबाद में इसके मामले सामने आने के बाद सरकार अलर्ट मोड में है. पशुपालन विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में सैंपल जांच और सेनेटाइजेशन में जुटी हैं.
Bird Flu In Bihar: बिहार में बर्ड फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. अब तक पटना, भागलपुर और जहानाबाद में इसके मामले सामने आ चुके हैं, जिससे सरकार सतर्क हो गई है. केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है और प्रभावित क्षेत्रों में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं. पशुपालन विभाग की टीमें लगातार सैंपल जांच और फार्म सेनेटाइजेशन में जुटी हैं.
इंसानों के लिए भी बड़ा खतरा
बर्ड फ्लू से प्रभावित मुर्गे, मुर्गी या अन्य पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से यह मनुष्यों के लिए भी घातक हो सकता है. संक्रमण के 3-5 दिनों बाद लक्षण उभरते हैं, जिनमें तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, पेट दर्द और नाक-मसूड़ों से खून आना शामिल हैं.
पहली पुष्टि जहानाबाद में, पटना और भागलपुर में भी केस मिले
इस साल बिहार में बर्ड फ्लू का पहला मामला जहानाबाद में एक कौवे की मौत से सामने आया. उसके बाद पटना के आईसीएआर परिसर और भागलपुर में मुर्गियों में संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में मुर्गियों को मारकर सुरक्षित दफनाया गया.
सैंपल कहां भेजे जाते हैं?
बर्ड फ्लू की जांच के लिए सैंपल कोलकाता स्थित क्षेत्रीय रोग अनुसंधान लैब (आरडीडीएल) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएसएचएडी), भोपाल भेजे जाते हैं.
लगातार बढ़ रहा खतरा, हर साल सामने आते हैं मामले
बिहार में लगभग हर साल बर्ड फ्लू के मामले दर्ज होते हैं. 2020 में कोरोना महामारी के दौरान पटना के कंकड़बाग में मुर्गियों में बर्ड फ्लू पाया गया था, जबकि मुंगेर में इस संक्रमण के कारण हजारों मुर्गियों को नष्ट किया गया था.
कैसे बचें बर्ड फ्लू के खतरे से?
मुर्गी फार्म की नियमित सफाई और सेनेटाइजेशन जरूरी
मजदूरों को मास्क, दस्ताने और जूते पहनकर ही काम करना चाहिए
कच्चा या अधपका अंडा और चिकन न खाएं, अच्छी तरह पकाकर ही सेवन करें
100°C तापमान पर मांस पकाने से वायरस नष्ट हो जाता है