16/08/2025
▪️आज़ादी की जंग में हमारे पूर्वजों का बलिदान अविस्मरणीय है: मौलाना अरशद कासमी
▪️महद आयशा लिलबनात रानीगंज, डूमरिया, अररिया में बड़े जोश के साथ मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
▪️प्रेस विज्ञप्ति
▪️आज, 15 अगस्त, को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, महद आयशा लिलबनात डूमरिया, रानीगंज, अररिया में स्वतंत्रता दिवस का जश्न पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। संस्थान के प्रभारी, मौलाना अरशद कासमी ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर एक संक्षिप्त कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें महद आयशा लिलबनात के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में कई सम्मानित अतिथि भी शामिल हुए।
▪️कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई। इसके बाद, मोहम्मद साजिद और मोहम्मद नौमान ने राष्ट्रीय गान गाया। मास्टर मोहम्मद आमिर ने जोश भरे नारों से माहौल को और भी गर्मजोशी से भर दिया। फिर, छात्रों ने विभिन्न देशभक्ति गीत और कविताएं पेश कीं। इनमें "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा" और "ऐ वतन जान-ए-मन" जैसी लोकप्रिय कविताएं शामिल थीं।
छोटे बच्चों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया। नन्हीं निसा परवीन ने "जंग-ए-आजादी और हमारी कुर्बानियां" पर एक प्रभावशाली भाषण दिया। रूकैया हाफिज शकीलुर्रहमान ने "जश्न-ए-यौम-ए-आजादी और हमारे उलमा की कुर्बानियां" विषय पर बहुत ही अच्छी तकरीर पेश की।
संस्थान के प्रधानाध्यापक हाफिज व कारी जनाब मतीउर्रहमान साहब ने स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बात की। आखिर में, संस्थान के संरक्षक मौलाना अरशद कासमी ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता की रक्षा करने और किसी भी तरह की गुलामी को अस्वीकार करने की बात कही। उन्होंने यह भी जोर दिया कि कानून के शासन को बनाए रखने के लिए हर भारतीय के लिए शिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना केवल शिक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है।
मौलाना ने अपने संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी और सभी मेहमानों का स्वागत और धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में जनाब गयासुद्दीन, जनाब मोहम्मद इस्लाम, जनाब मोहम्मद जावेद सिद्दीक, और अन्य कई सम्मानित व्यक्ति मौजूद थे।