
17/10/2025
"दीपों की ये जगमगाहट, फूलों का ये श्रृंगार है,
लक्ष्मी-गणेश विराजे हैं, मन में भक्ति अपार है।
हर ओर खुशियाँ फैली हैं, ऐसा पावन त्योहार है,
जीवन में सुख-समृद्धि आए, यही हमारी दरकार है।"