संरक्षक - श्री जे. एन. त्रिवेदी
श्री जे.एन. त्रिवेदी बिहार के एक जानेमाने समाजसेवी और राजनेता हैं. सीमेंट उद्योग को बिहार में एक मुकाम पर पहुंचाने के बाद सामाजिक सरोकार के मुद्दों को लेकर संघर्ष करनेवाले श्री त्रिवेदी बिहार के लाखों लोगों के चहेते हैं. इनकी एक पहचान सीमेंट उद्योग लिए बहुत मजबूत वितरण नेटवर्क विकसित करनेवाले सफल प्रोफेशनल के रूप में है तो दूसरी पहचान एक सामाजिक कार्यकर्त्ता की है. सामाजिक कार्यों से जुड़े तो राजनीतिक दलों की नजर भी इनके ऊपर पडी. सबसे पहले ये बी.एस.पी. से जुड़े फिर जेडीयू में लाये गए. जेडीयू छोड़ने के बाद श्री त्रिवेदी ने अपने समाज के खोये हुए मान-सम्मान को वापस स्थापित करने के लिए काम करना शुरू किया है.
श्री त्रिवेदी को इस बात का बहुत दुःख है कि ब्राह्मण समाज, जिसने दुनिया को सभ्यता संस्कृति और धर्म-अधर्म का पाठ पढ़ाया, आज वही सबके निशाने पर है. ब्राहमणों के देश निर्माण और समाज निर्माण में जो अहम् भूमिका है, जो योगदान है, उसे फिर से लोगों के सामने लाने के लिए श्री त्रिवेदी पिछले कई सालों से काम कर रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी के सवर्ण भाईचारा के प्रदेश अध्यक्ष (बिहार) बनाए जाने के साथ ही वो लोगों की नजर में उभरकर आ गए. इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने एस. के. मेमोरियल हॉल, पटना में सवर्ण भाईचारा समिति के बैनर के तहत “सवर्ण भाईचारा बनाओ कार्यक्रम” का आयोजन किया. फिर जनता दल (युनाइटेड) के उपाध्यक्ष बने और उन्हें व्यापार प्रकोष्ठ के प्रभारी की जिम्मेवारी दी गई. लेकिन यहाँ भी ज्यादा दिन नहीं टिके. बदलाव की प्रबल इच्छा ने उन्हें उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी आर.एल.एस.पी से जोड़ दिया. उन्होंने इस दौरान ब्राह्मण समाज को एकजुट करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये. देश भर के ब्राहमण विद्वानों का पटना में सम्मलेन करवाया.
श्री त्रिवेदी ने "क्या भारतीय संविधान के तहत आरक्षण की समीक्षा की जा सकती है?" विषय पर (होटल मौर्य, पटना) में एक संगोष्ठी का आयोजन किया था। पटना से कई सेवानिवृत्त न्यायाधीश, प्रो. इम्तियाज अहमद, प्रो. शिव जतन ठाकुर और कई अन्य उच्च पदस्थ लोग इस सेमिनार में शामिल हुए थे।
जब श्री त्रिवेदी को लगा कि राजनीतिक दलों के साथ जुड़कर वो अपने ब्राहमण समाज को उसका खोया हुआ मान-सम्मान नहीं दिला सकते, इन्होने ब्रह्मजन एकता परिषद का गठन किया. ब्रह्मजन एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से ब्राहमण –भूमिहार समाज की एकता और उसके खोये हुए मान-सम्मान को फिर से प्रतिष्ठित करने के लिए श्री त्रिवेदी दिन रात जुटे हुए हैं. जे.एन. त्रिवेदी की अगली योजना देश दुनिया के ब्राहमण विद्वानों का पटना में एक अंतराष्ट्रीय सम्मलेन कराना है. इस सम्मलेन में जुटे विद्वान् देश-दुनिया को बताएगें कि ब्राहमण समाज का देश और समाज के निर्माण में, धर्म-संस्कृति और परंपरा को बचाने में क्या योगदान रहा है.