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भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए किसानों का मार्गदर्शन करें - डॉ. वी. वी. सिंहभरतपुर (राजस्थान), जय हिन्द Newz रिपोर्ट :...
30/07/2025

भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए किसानों का मार्गदर्शन करें - डॉ. वी. वी. सिंह
भरतपुर (राजस्थान), जय हिन्द Newz
रिपोर्ट : डॉ अशोक शर्मा
31 जुलाई 2025 : भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान की ओर से 29 - 30 जुलाई 2025 के दौरान कृषि विभाग, बागवानी विभाग और गैर सरकारी संगठनों के विस्तार कर्मियों के लिए पीएमयू स्तरीय कार्यशाला के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इस दौरान संस्थान के निदेशक डॉ. वी. वी. सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि विस्तार कर्मियों को नवीनतम तकनीकों, सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम के बारे में अच्छी तरह से जानकारी और कौशल होना चाहिए ताकि लाभार्थियों और हितधारकों का उचित मार्गदर्शन कर सके। उन्होंने कहा कि
जलवायु परिवर्तन को देखते हुए, हमें किसानों का इस तरह मार्गदर्शन करना होगा ताकि वे किसी भी तरह के परिवर्तनों का सामना कर सकें। उन्हें न केवल उत्पादन के बारे में ज्ञान और कौशल प्रदान करने की आवश्यकता है, बल्कि उनके उत्पाद के उचित विपणन और मूल्य संवर्धन की भी जरूरत है ।

इस अवसर पर आर. के. सिंह, कृषि एवं खाद्य मूल्य श्रृंखला विशेषज्ञ, परियोजना प्रबंधन समिति ने प्रतिभागियों को राजस्थान वाटरशेड आजीविका सुधार परियोजना के उद्देश्य और कार्यान्वयन, लखपति दीदी गतिविधि के लिए डब्ल्यू- एफआईजी और डब्ल्यू-पीजी गठन, क्लस्टर निर्माण और रिपोर्टिंग के बारे में जानकारी दी। परियोजना के तकनीकी सहायक, अनीता कुमारी और जगदीश कुमार ने प्रतिभागियों को कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं और कार्यान्वयन प्रक्रिया से अवगत कराया।

इस अवसर पर प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम का इस कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं, इसके घटकों, प्रक्रिया, वित्तपोषण आदि के बारे में जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान सरकार के सिंचाई विभाग द्वारा राजस्थान वाटरशेड आजीविका सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत प्रायोजित है, जिसे जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी द्वारा वित्त पोषित किया गया है। इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. पी. डी. मीणा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. एम.एल. दोतानिया, डॉ. अरुण कुमार ने अपने-अपने व्याख्यान दिए। प्रतिभागियों को जैविक और प्राकृतिक खेती की अवधारणा, फसलों के लिए एकीकृत प्रबंधन आदि पर प्रशिक्षण दिया गया।

इस कार्यक्रम में डीग, भरतपुर और करौली जिलों के 37 प्रसार अधिकारियों ने भाग लिया। समापन समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक कुमार शर्मा तथा डॉ. विनोद कुमार ने किया।

12/07/2025
दुर्गेश मोहन को मिला राष्ट्र रत्न सम्मान 2025पटना(बिहार), जय हिन्द Newz 9 जुलाई 2025 : गत दिनों अंतर्राष्ट्रीय सखी साहित...
09/07/2025

दुर्गेश मोहन को मिला राष्ट्र रत्न सम्मान 2025

पटना(बिहार), जय हिन्द Newz
9 जुलाई 2025 : गत दिनों अंतर्राष्ट्रीय सखी साहित्य परिवार (रजिo), ( बिहार का साहित्यिक सामाजिक एवं संस्कृत संस्थान), असम के द्वारा शिक्षक साहित्यकार दुर्गेश मोहन को राष्ट्र रत्न सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।
इनका साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान है। आप स्व ब्रजनंदन मिश्र के पुत्र हैं। आप चकवेदौलिया (समस्तीपुर) निवासी हैं और आपका कार्य क्षेत्र बिहटा (पटना) है। आप साहित्य के क्षेत्र में गद्य पद्य विधाओं में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लेखन कार्य पत्र पत्रिकाओं में किए हैं और सम्मानित भी होते रहे हैं ।
संस्था की संस्थापिका एवं राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ दीपिका सिसोदिया सखी और बिहार अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक रूपेश कुमार ने दुर्गेश मोहन को सम्मानित करने पर हर्ष व्यक्त किया।उन्होंने कहा कि साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्य अमूल्य हैं। हम लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इन्हें सम्मानित होने पर साहित्यप्रेमियों में हर्ष है।

मानवोदय ने आयोजित की लघुकथा सह काव्य गोष्ठी पटना सिटी(बिहार), जय हिन्द Newz रिपोर्ट : दुर्गेश मोहन 7 जुलाई 2025 : सोमवार...
07/07/2025

मानवोदय ने आयोजित की लघुकथा सह काव्य गोष्ठी
पटना सिटी(बिहार), जय हिन्द Newz
रिपोर्ट : दुर्गेश मोहन
7 जुलाई 2025 : सोमवार को मानवोदय की ओर से लघुकथा गोष्ठी सह काव्य गोष्ठी का आयोजन यात्री निवास, हरिमंदिर गली पटना साहिब में किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता कवि लघुकथाकार मनोज उपाध्याय ने की। मुख्य अतिथि कवि लघुकथाकार अनिल रश्मि थे। संचालन संस्था के महासचिव प्रभात कुमार धवन ने किया।
मौके पर अनिल रश्मि ने पिता की वेदना, कितना प्रतिशत। आलोक चोपड़ा ने छवि, प्रतिज्ञा, नपुंसक। संजय राय ने खिलौना, अबोध, प्रतिबिंब। चौधरी संजय सलिल ने मैं मजदूर हूं, पूर्व और वर्तमान। प्रभात कुमार धवन ने कृष्ण बनाम सुदामा, पहचान। मनोज उपाध्याय ने दिवस और भाषण शीर्षक लघुकथाएं पढ़ी। दूसरे सत्र में सभी उपस्थित रचनाकारों ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को रस विभोर कर दिया।
अध्यक्ष मनोज उपाध्याय ने कहा ऐसी गोष्ठी से साहित्य को ज्यादा बल मिलता है इससे हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं, संस्था का यह काम सराहनीय है। धन्यवाद ज्ञापन अर्चना धवन ने किया। मौके पर श्रोता अदनान खान, गौरी शंकर राय, अंकुर धवन ने उपस्थित होकर रचनाओं की प्रशंसा की। अंत में दिवंगत साहित्यकार राजभवन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

06/07/2025

कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ शायर एवं आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा
नई दिल्ली, 29 जून। कवि घनश्याम की ग़ज़लों में प्रेम, जीवन के अनुभव और जन सरोकारों के विषयों की झलक इतनी सरल एवं स्पष्ट भाषा में मिलती है, जो पाठकों और श्रोताओं के दिल में आसानी से रच-बस जाती है। अपनी ग़ज़लों में हिन्दी के तत्सम शब्दों का सार्थक प्रयोग उन्हें दुष्यंत कुमार के नजदीक लाकर खड़ा कर देता है। यह बातें वरिष्ठ लेखक सिद्धेश्वर ने नई दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में आयोजित विन्यास साहित्य सम्मान समारोह के दौरान स्मृति शेष कवि घनश्याम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये कही।

कवि घनश्याम की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत कवि घनश्याम के चित्र पर माल्यार्पण एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद कवि घनश्याम के वरिष्ठ सुपुत्र एकलव्य केसरी ने स्मृति शेष शायर के ग़ज़ल संग्रह ‘खुशबू-ख़ुशबू रात ग़ज़ल है’ से उनकी चुनिंदा ग़ज़लों का पाठ किया।

कार्यक्रम के दौरान मुंगेर (बिहार) के चर्चित शायर एवं आलोचक श्री अनिरुद्ध सिन्हा को वर्ष 2025 का कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान श्री सिन्हा ने कवि घनश्याम को याद करते हुये कहा कि मुंगेर की साहित्यिक धरती को सींचने में कवि घनश्याम की भूमिका को विस्मृत नहीं क्या जा सकता। सरल और सहृदय व्यक्तित्व के धनी कवि घनश्याम के मन में वरिष्ठों और कनिष्ठों सभी प्रति प्यार और आदर हमेशा रहा। उन्होंने कवि घनश्याम के साथ बिताए लम्हों को याद करते हुए कहा कि घनश्याम की ग़ज़लें लोगों के दिलों में उतर जाती है। उनकी ग़ज़लें कल भी प्रासंगिक थी और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगी। उनका असमय दुनिया से चले जाना साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पुत्र चैतन्य और एकलव्य इस कार्यक्रम के जरिये अपने पिता की यादों को जीवंत रखे हुए हैं।

विन्यास प्रकाशन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कला साधना में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पटना के वरिष्ठ चित्रकार एवं लेखक सिद्धेश्वर को वर्ष 2025 का विन्यास प्रकाशन कला विभूति सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही श्रीमती कमला नायक को विन्यास प्रकाशन रचनाकार सम्मान से विभूषित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान स्मृति शेष प्रोफेसर दविंदर कौर उप्पल स्मृति पत्रकारिता सम्मान से प्रो गोविंद सिंह को सम्मानित किया गया। प्रो गोविंद सिंह वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक हैं तथा वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष हैं। उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुये भारतीय जनसंचार संस्थान के राजभाषा अधिकारी अंकुर विजयवर्गीय ने कहा कि प्रो गोविंद सिंह सिर्फ एक पत्रकार, एक लेखक या एक शिक्षक ही नहीं हैं, बल्कि एक विचार हैं, एक चेतना हैं और हम सभी के लिए मार्गदर्शक भी हैं। प्रो गोविंद सिंह ने इस अवसर पर प्रो उप्पल की जीवन यात्रा की चर्चा करते हुये कहा कि उप्पल मैडम पत्रकारिता की एक बेमिसाल शिक्षक होने के साथ ही जन सरोकारों के लिए हमेशा से संघर्ष करने के लिए तत्पर रहती थीं। उनके विद्यार्थियों द्वारा इस सम्मान की शुरुआत ऐसे महान शिक्षक के प्रति उनकी सच्ची गुरु दक्षिणा है।

पटना के शायर मो नसीम अख्तर के बेहतरीन एवं सधे हुये संचालन में चल रहे इस कार्यक्रम में सिद्धेश्वर द्वारा संपादित पुस्तक ‘21 वीं सदी की लघुकथाएं’ का लोकार्पण भी किया गया। इस पुस्तक के सह संपादक की भूमिका ऋचा वर्मा ने निभाई है। इस दौरान सिद्धेश्वर ने लघुकथा की इस पुस्तक के बारे में प्रकाश डालते हुये कहा कि लघुकथा एक ऐसी विधा है, जो कम शब्दों में एक छोटी घटना को प्रभावशाली तरीके से पाठकों के मन-मस्तिष्क को झकझोरने में कामयाब होती है। उन्होने इस पुस्तक को ऐतिहासिक बताते हुये प्रकाशक को इसके प्रकाशन के लिए धन्यवाद ज्ञपित किया।

कार्यक्रम के तीसरे सत्र में वरिष्ठ शायर विज्ञान व्रत की अध्यक्षता में आयोजित मुशायरे में देशभर से आए कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं का पाठ किया। मुख्य अतिथि की भूमिका वरिष्ठ शायर लक्ष्मी शंकर वाजपेई ने निभाई एवं विशिष्ट अतिथि विजय स्वर्णकार एवं दिवाकर रहे। मुशायरे में विज्ञान व्रत, अनिरुद्ध सिन्हा, लक्ष्मीशंकर वाजपेई, सिद्धेश्वर, नसीम अख्तर, राहुल शिवाय, पीयूष कान्ति, मयंक राजेश, एकलव्य केसरी, ममता किरण, कालजई घनश्याम, माधुरी स्वर्णकार, विश्व मोहन, अपूर्व कुमार, कमला अग्रवाल, निशा भास्कर आदि कवियों ने अपनी कविताओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य पाठ करने वालेन सभी कवियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन कवि घनश्याम के कनिष्ठ सुपुत्र चैतन्य चन्दन ने किया। इस दौरान कवि घनश्याम की पत्नी उषा किरण एवं पुत्रवधु अनूपा केसरी सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

किसान ईश्वर स्वरुप हैं, उनके हितों का ध्यान रखना मेरा धर्म: रूप नारायण मेहता पटना सिटी(बिहार ),जय हिन्द Newz 1जुलाई 2025...
01/07/2025

किसान ईश्वर स्वरुप हैं, उनके हितों का ध्यान रखना मेरा धर्म: रूप नारायण मेहता
पटना सिटी(बिहार ),जय हिन्द Newz
1जुलाई 2025 : हमारे जीवन की साँसों का आधार अनाज है और उसे किसान उपजाते हैं, इसलिए वो ईश्वर के समान हैं l मुझे उनके हितों पर ध्यान देना परम कर्त्तव्य है I पूरी निष्ठा से उसका निर्वाहन करूंगा ये बातें किसान आयोग के अध्यक्ष बनने पर शिष्टाचार मुलाकात के दौरान रूप नारायण मेहता ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही I उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसान जीवनदाता है, तो कार्यकर्ता पार्टी की आत्म- शक्ति हैं I
भाजपा के सक्रिय सदस्य अनिल रश्मि, प्रदेश कार्यसमिति के
सदस्य रामजी मेहता,सीता सिन्हा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे I अनिल रश्मि और रामजी मेहता ने रूप नारायण मेहता को पुष्प गुच्छ और अंग वस्त्र से सम्मानित किया l इस आशय की जानकारी संस्था के मीडिया प्रभारी जितेंद्र पाल ने दी l

कविवर घनश्याम की स्मृति में  काव्य संध्या का हुआ आयोजनपटना(बिहार), जय हिन्द Newz रिपोर्ट : दुर्गेश मोहन1 जुलाई 2025: समा...
01/07/2025

कविवर घनश्याम की स्मृति में काव्य संध्या का हुआ आयोजन

पटना(बिहार), जय हिन्द Newz
रिपोर्ट : दुर्गेश मोहन
1 जुलाई 2025: समाज एवं साहित्य संवर्धन को समर्पित राष्ट्रीय संस्था पुरवैया के तत्वावधान में राजधानी पटना (कुम्हरार) में कविवर घनश्याम की स्मृति में एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम घनश्याम के साहित्यिक जीवन पर संयोजक गोरख प्रसाद मस्ताना, पुरवैया के पटना शाखा अध्यक्ष एवं गीतकार मधुरेश नारायण, शायर सुनिल कुमार, प्रभात कुमार धवन, सुशील साहिल और कार्यक्रम अध्यक्ष शुभ चन्द्र सिन्हा ने प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में गोष्ठी में पधारे कवियों व कवयित्रियों का काव्य पाठ हुआ। जिसमें गोड्डा से पधारे सुविख्यात ग़ज़लकार सुशील साहिल, रविकिशन, सुनील कुमार, आराधना प्रसाद, हरेंद्र सिन्हा, मधुरेश नारायण, प्रभात कुमार धवन और गोरख प्रसाद मस्ताना ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की ।इस अवसर पर श्री सुशील साहिल को पुरवैया की ओर से अंग वस्त्र एवं पुस्तक देकर सम्मानित भी किया गया ।
गोष्ठी की अध्यक्षता शुभ चन्द्र सिन्हा, संचालन डा. गोरख प्रसाद मस्ताना और धन्यवाद ज्ञापन धीरेन्द्र कुमार ने किया। नवरत्नों की उपस्थिति से घनश्याम स्मृति काव्य संध्या काफी सफल रहा। सबने संयोजक गोरख प्रसाद मस्ताना जी के प्रति बहुत बहुत आभार व्यक्त किया।

‘घनश्याम की ग़ज़लों में दिखती है दुष्यंत कुमार की छवि’कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ शायर एव...
30/06/2025

‘घनश्याम की ग़ज़लों में दिखती है दुष्यंत कुमार की छवि’
कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान से नवाजे गए वरिष्ठ शायर एवं आलोचक अनिरुद्ध सिन्हा

नई दिल्ली, 29 जून। कवि घनश्याम की ग़ज़लों में प्रेम, जीवन के अनुभव और जन सरोकारों के विषयों की झलक इतनी सरल एवं स्पष्ट भाषा में मिलती है, जो पाठकों और श्रोताओं के दिल में आसानी से रच-बस जाती है। अपनी ग़ज़लों में हिन्दी के तत्सम शब्दों का सार्थक प्रयोग उन्हें दुष्यंत कुमार के नजदीक लाकर खड़ा कर देता है। यह बातें वरिष्ठ लेखक सिद्धेश्वर ने नई दिल्ली स्थित हिन्दी भवन में आयोजित विन्यास साहित्य सम्मान समारोह के दौरान स्मृति शेष कवि घनश्याम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये कही।

कवि घनश्याम की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत कवि घनश्याम के चित्र पर माल्यार्पण एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद कवि घनश्याम के वरिष्ठ सुपुत्र एकलव्य केसरी ने स्मृति शेष शायर के ग़ज़ल संग्रह ‘खुशबू-ख़ुशबू रात ग़ज़ल है’ से उनकी चुनिंदा ग़ज़लों का पाठ किया।

कार्यक्रम के दौरान मुंगेर (बिहार) के चर्चित शायर एवं आलोचक श्री अनिरुद्ध सिन्हा को वर्ष 2025 का कवि घनश्याम स्मृति विन्यास साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। इस दौरान श्री सिन्हा ने कवि घनश्याम को याद करते हुये कहा कि मुंगेर की साहित्यिक धरती को सींचने में कवि घनश्याम की भूमिका को विस्मृत नहीं क्या जा सकता। सरल और सहृदय व्यक्तित्व के धनी कवि घनश्याम के मन में वरिष्ठों और कनिष्ठों सभी प्रति प्यार और आदर हमेशा रहा। उन्होंने कवि घनश्याम के साथ बिताए लम्हों को याद करते हुए कहा कि घनश्याम की ग़ज़लें लोगों के दिलों में उतर जाती है। उनकी ग़ज़लें कल भी प्रासंगिक थी और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगी। उनका असमय दुनिया से चले जाना साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके पुत्र चैतन्य और एकलव्य इस कार्यक्रम के जरिये अपने पिता की यादों को जीवंत रखे हुए हैं।

विन्यास प्रकाशन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कला साधना में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पटना के वरिष्ठ चित्रकार एवं लेखक सिद्धेश्वर को वर्ष 2025 का विन्यास प्रकाशन कला विभूति सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही श्रीमती कमला नायक को विन्यास प्रकाशन रचनाकार सम्मान से विभूषित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान स्मृति शेष प्रोफेसर दविंदर कौर उप्पल स्मृति पत्रकारिता सम्मान से प्रो गोविंद सिंह को सम्मानित किया गया। प्रो गोविंद सिंह वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक हैं तथा वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष हैं। उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुये भारतीय जनसंचार संस्थान के राजभाषा अधिकारी अंकुर विजयवर्गीय ने कहा कि प्रो गोविंद सिंह सिर्फ एक पत्रकार, एक लेखक या एक शिक्षक ही नहीं हैं, बल्कि एक विचार हैं, एक चेतना हैं और हम सभी के लिए मार्गदर्शक भी हैं। प्रो गोविंद सिंह ने इस अवसर पर प्रो उप्पल की जीवन यात्रा की चर्चा करते हुये कहा कि उप्पल मैडम पत्रकारिता की एक बेमिसाल शिक्षक होने के साथ ही जन सरोकारों के लिए हमेशा से संघर्ष करने के लिए तत्पर रहती थीं। उनके विद्यार्थियों द्वारा इस सम्मान की शुरुआत ऐसे महान शिक्षक के प्रति उनकी सच्ची गुरु दक्षिणा है।

पटना के शायर मो नसीम अख्तर के बेहतरीन एवं सधे हुये संचालन में चल रहे इस कार्यक्रम में सिद्धेश्वर द्वारा संपादित पुस्तक ‘21 वीं सदी की लघुकथाएं’ का लोकार्पण भी किया गया। इस पुस्तक के सह संपादक की भूमिका ऋचा वर्मा ने निभाई है। इस दौरान सिद्धेश्वर ने लघुकथा की इस पुस्तक के बारे में प्रकाश डालते हुये कहा कि लघुकथा एक ऐसी विधा है, जो कम शब्दों में एक छोटी घटना को प्रभावशाली तरीके से पाठकों के मन-मस्तिष्क को झकझोरने में कामयाब होती है। उन्होने इस पुस्तक को ऐतिहासिक बताते हुये प्रकाशक को इसके प्रकाशन के लिए धन्यवाद ज्ञपित किया।

कार्यक्रम के तीसरे सत्र में वरिष्ठ शायर विज्ञान व्रत की अध्यक्षता में आयोजित मुशायरे में देशभर से आए कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं का पाठ किया। मुख्य अतिथि की भूमिका वरिष्ठ शायर लक्ष्मी शंकर वाजपेई ने निभाई एवं विशिष्ट अतिथि विजय स्वर्णकार एवं दिवाकर रहे। मुशायरे में विज्ञान व्रत, अनिरुद्ध सिन्हा, लक्ष्मीशंकर वाजपेई, सिद्धेश्वर, नसीम अख्तर, राहुल शिवाय, पीयूष कान्ति, मयंक राजेश, एकलव्य केसरी, ममता किरण, कालजई घनश्याम, माधुरी स्वर्णकार, विश्व मोहन, अपूर्व कुमार, कमला अग्रवाल, निशा भास्कर आदि कवियों ने अपनी कविताओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य पाठ करने वालेन सभी कवियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन कवि घनश्याम के कनिष्ठ सुपुत्र चैतन्य चन्दन ने किया। इस दौरान कवि घनश्याम की पत्नी उषा किरण एवं पुत्रवधु अनूपा केसरी सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

“योग जीवन की समग्र उन्नति का माध्यम है – डॉ. विजय वीर सिंह”भरतपुर (राजस्थान), जय हिन्द Newz रिपोर्ट: डॉ प्रशांत यादव 21 ...
21/06/2025

“योग जीवन की समग्र उन्नति का माध्यम है – डॉ. विजय वीर सिंह”
भरतपुर (राजस्थान), जय हिन्द Newz
रिपोर्ट: डॉ प्रशांत यादव
21 जून 2025 : भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर
भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर द्वारा 21 जून, 2025 को 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। इस वर्ष की थीम "योग संकल्प – एक पृथ्वी और एक स्वास्थ्य के लिए योग" रही, जो मानव स्वास्थ्य और पृथ्वी के सतत् संरक्षण के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। कार्यक्रम की शुरुआत ईश्वर वंदना एवं सामूहिक योगाभ्यास से हुई। संस्थान के निदेशक डॉ. विजय वीर सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि "योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह मानसिक संतुलन, आत्मिक जागरूकता और जीवन की समग्र उन्नति का मार्ग है। यदि हम योग को अनुशासित रूप से अपने जीवन का हिस्सा बना लें, तो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।"
योग सत्र का संचालन योग प्रशिक्षक श्री भागीरथ सिंह द्वारा किया गया, जिसमें संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य कर्मियों ने सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न योगासन, प्राणायाम तथा ध्यान की तकनीकें सिखाईं और उनके शारीरिक एवं मानसिक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि योग का वैश्विक महत्व इतना बढ़ गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में घोषित किया गया है।
इस अवसर पर संस्थान परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें निदेशक सहित सभी अधिकारियों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने भाग लिया। यह पहल इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” को सार्थक रूप से दर्शाती है। कार्यक्रम का समापन 'विश्व शांति' की कामना और सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि हम योग को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करेंगे। कार्यक्रम का समुचित संचालन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत यादव और डॉ. राम लाल चौधरी द्वारा किया गया।

विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि राज्य मंत्री ने किसानों से किया संवाद, भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, में हुआ किसा...
12/06/2025

विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि राज्य मंत्री ने किसानों से किया संवाद, भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, में हुआ किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
भरतपुर (राजस्थान), जय हिन्द Newz
12 जून 2025 : भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर में ‘विकसित भारत 2047’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने 12 जून 2025 को राजस्थान के भरतपुर जिले के रारह गाँव में किसानों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को नवीनतम वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, प्राकृतिक एवं जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य आधारित उर्वरक प्रबंधन, ड्रोन तकनीक के उपयोग तथा सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभों की जानकारी दी।
इसी क्रम में 12 जून 2025 को भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर में इस अभियान के सफल समापन के अवसर पर एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें भरतपुर जिले के लगभग 500 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने गुजरात के दुखद हादसे के कारण अपना संबोधन स्थगित कर दिया और अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए शोक जताया।
संस्थान के निदेशक डॉ. विजय वीर सिंह ने जानकारी दी कि अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर और डीग जिलों में गठित 9 वैज्ञानिक टीमों ने 15 दिनों तक इस अभियान में भाग लिया और 405 गाँवों के 60,000 से अधिक किसानों से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान किसानों को शुद्ध एवं प्रमाणित बीज के उपयोग, बीजोपचार के लाभ, तथा मृदा परीक्षण आधारित उर्वरक प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिससे उत्पादन में वृद्धि और लागत में कमी सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, किसानों को खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों, रोग प्रबंधन के वैज्ञानिक उपायों, तथा प्राकृतिक खेती के फायदों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें जीवामृत, घनजीवामृत एवं बीजामृत तैयार करने की विधियाँ भी विस्तार से समझाई गईं।
इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राम स्वरूप जाट, डॉ. भागीरथ राम, डॉ. मोहनलाल दोतानिया, डॉ. ललित कुमार मीना एवं डॉ. हरवीर सिंह ने किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया।

11/06/2025

विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री किसानों के साथ करेंगे संवाद
भरतपुर(राजस्थान ),जय हिन्द Newz
11 जून 2025: भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान, भरतपुर
विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी 12 जून 2025 को राजस्थान के भरतपुर जिले के रारह गाँव तथा भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान में किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद करेंगे। वे किसानों को नवीनतम वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, प्राकृतिक एवं जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य आधारित उर्वरक प्रबंधन, ड्रोन तकनीक के प्रयोग तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से किसानों को मिल रहे लाभों एवं किसानों की समस्याओं के बारे में चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के संकल्प को साकार करने की दिशा में, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून 2025 तक देशभर में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान का उद्देश्य वैज्ञानिक कृषि तकनीकों को खेतों तक पहुँचाना, किसानों की आय में वृद्धि करना, कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देना तथा भारत को वैश्विक खाद्य आपूर्ति केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. विजय वीर सिंह ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्पादन में वृद्धि, लागत में कमी, लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना, प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिपूर्ति तथा कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के मार्गदर्शन में 2000 बहुविषयक वैज्ञानिक टीमों का गठन किया गया है, जो देशभर के 1.5 करोड़ किसानों के सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं के समाधान में सहायता करेंगी।

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