13/12/2025
सुमित कुमार
....मां व भाई करते मजदूरी, खुद फर्जी आइएएस बनकर घूमता रहा ललित
....छात्रों को भरोसा दिलाने के लिए मेधावी छात्रों को करता रहा सम्मानित, नौकरी दिलाने वीएड व विभिन्न कोर्सों में एडमिशन का झांसा देकर करने लगा ठगी
सीतामढ़ी।गांव देहात में प्रचलित लोकोक्ति-घर में भूजी भांग नाहीं... गोरखपुर में गिरफ्तार फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह पर बहुत ही सटीक बैठती है। शहर के महसील थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 37 मेहसील पूर्वी सुंदर नगर निवासी ललित किशोर के घर और उसके स्वजन की स्थिति देखकर किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि यह आइएएस के रूप में इस कदर रौब-रूतबा मेंटेन करता होगा। पिता स्व. चलितर राम व मां जहरी देवी की ललित किशोर समेत पांच पुत्र थे। इसमें राजकुमार राम सबसे बड़े हैं। इसके बाद हरि किशोर राम, राजकिशोर राम, ललित राम, राजनंदन राम हैं। उसके शेष चारों भाई और मां आज भी गांव में मेहनत मजदूरी कर किसी प्रकारजीवन यापन कर रहें। ललित जहां फर्जी आइएएस बनकर शानों शौकत भरी जिंदगी जी यहा था वहीं उसके परिवार के लोग झोपड़ीनुमा एक घर में गुजर बसर कर रहे हैं। बताया जाता है कि यह 2017 से ही घर आना-जाना छोड़ रखा था। वह अपने पिता के निधन पर श्राद्धकर्म के दिन आया और उसके दूसरे दिन हो चला गया। वह घर को कचरा बताकर कहता था कि यहां उसे नहीं रहना है। सभी चार भाई एक कट्ठा जमीन में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहते हैं। खेती बारी के लिए भी जमीन नहीं है। ललित ने कुछ दिनों तक उसने गांव में ही एक कोचिंग भी चलाया जिसमें मात्र 30 रुपये फीस लेकर बच्चों को पढ़ाता था। मगर, गरीच बच्चों से यह कोई फीस नहीं लेता था। ललित ने फर्जी आइएएस बनने के लिए अपना नाम भी बदलकर गौरव कुमार सिंह रख लिया था।
.....गौरव का साला अभिषेक था मास्टरमाइंड
जानकारी के अनुसार ललित उर्फ गौरव को फर्जी आइएएस बनने के पीछे उसका साला अभिषेक मास्टर माइंड था। उसने उसकी काफी मदद की थी। जिले के रीगा थाना क्षेत्र के रामनगरा गांव निवासी राकेश सिंह का पुत्र अभिषेक कुमार साफ्टवेयर इंजीनियर था। इसलिए वह साफ्टवेयर पर अच्छा खासा काम कर लेता था। ललित किशोर राम ने अभिषेक कुमार की बहन से लव मैरिज किया था। ललित किशोर राम ट्यूशन पढ़ाने का काम करता था। इसी दैरान अभिषेक की बहन से उसे प्यार हो गया और उसे लेकर फरार हो गया, उसी कोचिंग में उसका साला अभिषेक भी पढ़ा करता था।जिससे उसने बाद में शादी कर ली। ललित उर्फ गौरव को फर्जी आईडी, नेम-प्लेंट और अन्य दस्तावेज बनाकर देने का काम अभिषेक करता था और उसे स्टेनो बाबू कहता था। पहले वह जालसाजों ड्राइवर आदि का काम करता था। ललित ने गलत रास्ते पर चलने के लिए पहला कदम बांका में रखा था। वह 2017 में बांका पहुंचा और वहां गरीब छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देना शुरू किया था।
....लड़कियों का भी शौकीन था ललित उर्फ गौरव
सीतामढ़ी फर्जी आइएस के रूप में गिरफ्तार ललित उर्फ गौरव लड़कियों का भी शौकीन था। उसके मोवाइल में कई लड़कियों से चेट किए जाने की बात बताई जा रही है। उसकी चार गर्लफ्रेंड बताई गई है। उसके लंबे-लंबे चैट को देखकर पता चलता है कि वह तीन लड़कियों को गर्भाती भी कर चुका है। बताते चलें कि ललित ने करीव पांच वर्ष पहले सीतामढ़ी के जानकी मंदिर में एक लड़की को भगाकर उससे शादी की। जिसमें मुकदमा भी हुआ। अपने साले अभिषेक को रुपये देकर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाता था। जब से एआई का जमाना आया उसके लिए यह सब तैयार करना काफी आसान हो गया। अखबार की कटिंग से लेकर सरकारी टेंडर तक सब वह एआर्ई की मदद से तैयार करने लगा। वहीं गौरव कोचिंग देना शुरू किया। लोगों को लगने लगा कि वह समाज के लिए कुछ करना चाहता है, लेकिन उसकी प्लानिंग कुछ और थी। उसने आदित्य सुपर 50 नाम से कोचिंग संस्थान खोल लिया। वहां गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। फिर पटना के शिक्षा विभाग में उसने अपनी अच्छो पकड़ बना ली। वह मुफ्त कोचिंग के नाम पर विभाग से पत्र जारी करा लेता था।इन पत्रों का इस्तेमाल कर यह जिले के सरकारी स्कूलों में प्रवेश परीक्षा तक आयोजित करता था। छात्रों को भरोसा दिलाने के लिए मैट्रिक व इंटर के मेधावी छात्रों को समय-समय पर सम्मानित भी करता रहा। उसको यह एहसास हो गया कि यहां के लोग उसपर भरोसा करने लगे तो उसने अपना असली काम शुरू कर दिया। नौकरी दिलाने, वीएड कराने और विभिन्न कोसों में एडमिशन कराने का झांसा देकर यह लोगों से पैसे लेने लगा। बताया जाता है कि बांका के कई लोगों से उसने करीब दो करोड़ से अधिक रुपये वसूले और एक मई 2023 को रातों-रात बांका से फरार हो गया। उसके बारे में यह बताया जाता है कि उसने अपनी करीबियों तक को नहीं छोड़ा है। जिस मकान में वह किराए पर रहता था उसके मालिक से भी 10 लाख की उसने ठगी कर रातोंरात भाग निकला।