10/10/2025
🔹 नबीनगर की जनता का सवाल: NTPC की रोशनी में हमारा अंधेरा कब मिटेगा?
नबीनगर (औरंगाबाद):
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, नबीनगर के लोगों के बीच एक पुराना सवाल फिर गूंज रहा है —
“NTPC की रोशनी तो पूरे बिहार को मिली, लेकिन नबीनगर आज भी अंधेरे में क्यों है?”
स्थानीय लोगों का कहना है कि नबीनगर में NTPC जैसी बड़ी ऊर्जा परियोजना से उम्मीद थी कि यहाँ के युवाओं को रोज़गार मिलेगा, गाँवों में सड़क और अस्पताल सुधरेंगे, और विकास के नए अवसर खुलेंगे।
लेकिन हकीकत में आज भी गाँवों की सड़कों की हालत खराब है, अस्पतालों में दवा और डॉक्टरों की कमी बनी हुई है, और स्थानीय युवाओं को स्थायी रोज़गार के मौके नहीं मिले हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि “ज़मीन हमसे ली गई, वादा रोजगार का किया गया, लेकिन मिला सिर्फ ठेकेदारी और वादों का पुलिंदा।”
कई लोगों का कहना है कि जिन किसानों ने प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन दी, उन्हें आज तक पूरा मुआवज़ा नहीं मिला, जबकि बाहरी कंपनियों और मजदूरों को काम मिल गया।
जनता का कहना है कि वर्तमान विधायक ने इस मुद्दे पर कभी ठोस पहल नहीं की, जबकि हर चुनाव में NTPC का नाम लेकर बड़े वादे किए गए।
अब चुनावी मौसम में जनता नए चेहरों से उम्मीद जता रही है कि वे इस बार सिर्फ़ “वादा” नहीं, “विकास” लेकर आएंगे।
लोगों का कहना है कि हमें नेता नहीं, नबीनगर के हक़ की लड़ाई लड़ने वाला प्रतिनिधि चाहिए, आने वाले चुनाव में वे जात-पात से ऊपर उठकर ऐसे उम्मीदवार को चुनना चाहते हैं जो NTPC से जुड़े पुराने वादों का हिसाब मांगे,
और नबीनगर को सिर्फ़ बिजली देने वाला नहीं, बिजली से चमकने वाला इलाका बनाए।
🔸 जनता की तीन मुख्य मांगें:
1. NTPC से प्रभावित परिवारों को पूरा मुआवज़ा और पुनर्वास पैकेज मिले।
2. स्थानीय युवाओं के लिए स्थायी रोजगार नीति बने।
3. सड़क, अस्पताल और शिक्षा सुविधाओं पर ठोस काम हो।
📍 नबीनगर की जनता का संदेश साफ़ है:
“अब वादा नहीं, जवाब चाहिए। इस बार नबीनगर सवाल पूछेगा — और जवाब से ही तय होगा विधायक।”