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25/10/2025

सीएम साहब तेजस्वी यादव को माला पहना दें ना - मुकेश साहनी

23/10/2025

रोज़ - रोज़ आकर अर्शन देंगे - मैथिली ठाकुर

23/10/2025

मैथिली ठाकुर के चुनाव प्रचार में यूपी की महिला विधायक केतकी सिंह पहुंचीं। मिथिला का सम्मान पगड़ी नहीं, मैथिली ठाकुर है।

22/10/2025

प्रशांत किशोर की राजनीति के पीछे अमेरिकी कनेक्शन क्या है?

22/10/2025

क्या तेजस्वी यादव से अधिक कमाई तेजस्वी यादव के गार्ड की कैसे हो गई?
करोड़ों के मालिक तेजस्वी यादव की कमाई कम है ये उनके गार्ड की कमाई तेजस्वी यादव से अधिक है?
क्या ये सम्भव है कि एक मंत्री, उप-मुख्यमंत्री, विधायक और इतने बड़े साम्राज्य के मालिक तेजस्वी यादव की सैलरी इतना कम हो?

22/10/2025

संजय झा माला नहीं पहनाने की सलाह देते नीतीश कुमार जी को |

22/10/2025

प्रशांत किशोर की किस किताब से रानीतिक सम्बन्ध है ?

21/10/2025

प्रशांत किशोर को राजनीति में बिहार में सफलता क्यों नहीं मिल पा रही है?

भाजपा के गोह विधानसभा प्रत्याशी रणविजय सिंह का नामांकन रद्द होना चाहिए या नहीं?औरंगाबाद ज़िले के गोह विधानसभा क्षेत्र से...
21/10/2025

भाजपा के गोह विधानसभा प्रत्याशी रणविजय सिंह का नामांकन रद्द होना चाहिए या नहीं?
औरंगाबाद ज़िले के गोह विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की तरफ़ से प्रत्याशी रणविजय सिंह ने अपने चुनवी हलाफ़नामे में ये लिखा है कि उनके पास तीन बंदूक़ें हैं जबकि The Arms Amendment Act 2019 के अनुसार कोई भी व्यक्ति दो से अधिक बंदूक़ नहीं रख सकता है। इस सम्बंध में 09 और 10 दिसम्बर 2019 को लोकसभा और राज्य सभा में बहस भी हुई है जिसमें खुद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने देश को जानकारी दिया था कि अब देश में कोई भी व्यक्ति दो से अधिक हथियार नहीं रख सकता है लेकिन फिर भी उनके भाजपा के प्रत्याशी रणविजय सिंह सीना ठोकर, खुलेआम तीन बंदूक़ रखते हैं और देश की संसद और अमित शाह द्वारा बनाए गए क़ानून की धज्जियाँ उड़ाते हैं।
अब रणविजय सिंह का नामांकन तो रद्द होना चाहिए लेकिन सम्भवतः जब तक आप सत्ताधारी दल के साथ हैं तब तक आपका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है, अमित शाह जी भी नहीं क्यूँकि राष्ट्र या संविधान नहीं पार्टी सर्वोपरि है भाजपा के लिए और वो भी तब जब चुनाव हो रहा हो।
कुछ कीजिए


भाजपा उम्मीदवार नीतीश मिश्रा का नामांकन रद्द होना चाहिए: चुनावी हलफ़नामे में FIR की जानकारी छुपाया है। इसी 15 मई 2025 को...
21/10/2025

भाजपा उम्मीदवार नीतीश मिश्रा का नामांकन रद्द होना चाहिए: चुनावी हलफ़नामे में FIR की जानकारी छुपाया है।
इसी 15 मई 2025 को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उद्योग मंत्री के ऊपर ज़मीन क़ब्ज़ा करने का FIR हुआ है। फ़रियादि कई महीनों से थाने का चक्कर लगा रहा था लेकिन मंत्री जी के ख़िलाफ़ FIR नहीं करवा पाए तो अंततः पटना उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया, अंततः पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद 13 मई 2025 को पुलिस ने FIR दर्ज किया लेकिन मंत्री बाबू नीतीश मिश्रा जी ने उस FIR को अपने चुनवी हलाफ़नामे से छुपा लिया है। अब चुनाव आयोग को क़ानूनन इनका नामकरण रद्द करना चाहिए लेकिन मंत्री जी है वो भी भाजपा के तो क्या पता इनके लिए क़ानून बदल जाता हो। लेकिन
को ये मुद्दा ज़रूर उठाना चाहिए और अगर वो ये मुद्दा नहीं उठाते हैं तो यही माना जाना चाहिए कि चुकी टिकट का बँटवारा हो चुका है और जितना पैसा टिकट बँटवारे के नाम पर तसिलना था वो हो चुका है तो अब इस तरह के मुद्दे उठाने से एक रुपए का फ़ायदा तो होना नहीं है तो फिर क्यूँ फ़ालतू का एनर्जी बर्बाद करें। लेकिन कम से कम




को तो ये मुद्दा ज़रूर उठाना चाहिए ताकि एक और सीट उन्हें गिफ़्ट में मिल जाए।

17/10/2025

डॉ रमेश चंद्रा अपहरण (2003) मामले में आरोपी थे बीजेपी से तरारी विधानसभा के प्रत्याशी (2025 बिहार विधानसभा चुनाव) के पिता बाहुबली सुनील पांडे और जो इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में उठा रहे हैं वो हैं विक्रम विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी सिद्धार्थ सौरव. अब दोनों गले मिलकर एक नारे के साथ एक चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं. लोकतंत्र क्या न करवाता. वैसे जिन्हें नहीं पता वो जान लें की डॉ रमेश चंद्रा अपहरण कांड के बाद डाक्टर ने हड़ताल किया, लालू यादव ने हड़ताल करने वाले डॉक्टर को धमकी दिया कि नहीं हड़ताल ख़त्म करोगे तो जला देंगे, डॉक्टर भी जलने के लिए एक अन्ने मार्ग को निकलने को तैयार थे लेकिन फिर उसके बाद कांग्रेस नेता और स्वास्थ्य मंत्री अखिलेश सिंह ने स्थिति संभाला था. किसी तरह डॉक्टर का हड़ताल ख़त्म हुआ लेकिन उसके बाद बिहार के डॉक्टर इतने नाराज हो गए थे कि बिहार से डॉक्टर बिहार छोड़कर पलायन करने लगे थे.

17/10/2025

बीजेपी उम्मीदवार सिद्धार्थ सौरव का पुराना बयान: "आज पूरा बिहार भू-माफियाओं, शराब-माफियाओं और बालू माफियाओं के गिरफ्त में हैं."

सिद्धार्थ सौरव इसके पहले लगातार दो बार से कांग्रेस के टिकट पर विक्रम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं लेकिन पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान वो बीजेपी में चले गए. ऐसे में उनके पुराने भाषण सुनिए जिसमे वो बिहार सरकार और नीतीश सरकार की बुराइयों को उजागर कर रहे हैं.

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