23/03/2025
सुशांत सिंह राजपूत की मौत एक ऐसी घटना है जिसने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उनकी मृत्यु के बाद से लेकर अब तक इस मामले ने कई मोड़ लिए, जांच एजेंसियों ने गहन तफ्तीश की, और जनता के बीच कई सवाल उठे। नीचे इस पूरी कहानी को शुरू से लेकर अब तक विस्तार से बताया जा रहा है:
शुरुआत: सुशांत की मृत्यु (14 जून 2020)
सुशांत सिंह राजपूत, एक प्रतिभाशाली बॉलीवुड अभिनेता, 14 जून 2020 को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। वह मात्र 34 साल के थे। प्रारंभिक जांच में मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना। उनके शव को पंखे से लटका हुआ पाया गया था, और हरे रंग के कपड़े से बना फंदा इस्तेमाल किया गया था। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए।
उनका शव पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर अस्पताल भेजा गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण "फांसी के कारण दम घुटना" (asphyxia due to hanging) बताया गया। फोरेंसिक जांच में यह भी पाया गया कि जिस कपड़े से फंदा बनाया गया था, वह 200 किलो तक वजन सहन कर सकता था। शरीर पर कोई संघर्ष या हत्या के निशान नहीं मिले।
मुंबई पुलिस की जांच
मुंबई पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और इसे आत्महत्या मानकर आगे बढ़ाया। पुलिस ने सुशांत के करीबियों से पूछताछ की, जिसमें उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती, दोस्त सिद्धार्थ पिठानी, मैनेजर दीपेश सावंत, और परिवार के सदस्य शामिल थे। 27 जुलाई 2020 को फोरेंसिक लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सुशांत के विसरा में कोई जहर या संदिग्ध रसायन नहीं मिला। पुलिस ने यह भी पता लगाया कि सुशांत अवसाद (depression) से जूझ रहे थे।
हालांकि, सुशांत के प्रशंसकों और परिवार को मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था। सोशल मीडिया पर अभियान शुरू हुआ, जिसमें लोग इसे हत्या मानते हुए CBI जांच की मांग करने लगे।
परिवार का आरोप और बिहार पुलिस का प्रवेश
28 जुलाई 2020 को सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार (पिता इंद्रजीत, मां संध्या, भाई शोविक) के खिलाफ FIR दर्ज की। इसमें रिया पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने (IPC धारा 306), धोखाधड़ी (धारा 420), और पैसे ऐंठने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। इसके बाद बिहार पुलिस सक्रिय हुई और मुंबई पहुंची, लेकिन वहां मुंबई पुलिस से सहयोग नहीं मिला।
रिया ने इस FIR को मुंबई ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। दूसरी ओर, सुशांत के परिवार ने CBI जांच की मांग की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केंद्र से इसकी सिफारिश की।
CBI को जांच सौंपी गई
5 अगस्त 2020 को केंद्र सरकार ने मामले को CBI को सौंप दिया, और 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी। CBI ने जांच शुरू की और सुशांत के घर पर क्राइम सीन का पुनर्निर्माण किया। टीम ने रिया, उनके परिवार, सुशांत के स्टाफ, और अन्य करीबियों से पूछताछ की। दिल्ली के AIIMS के फोरेंसिक विशेषज्ञों से भी सहायता ली गई।
सितंबर 2020 में AIIMS की मेडिकल टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सुशांत की मृत्यु आत्महत्या ही थी, और हत्या का कोई सबूत नहीं मिला। हालांकि, CBI ने जांच जारी रखी।
NCB और ड्रग्स का कोण
जांच के दौरान रिया और सुशांत के व्हाट्सएप चैट से ड्रग्स से जुड़ी बातें सामने आईं। इसके बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) सक्रिय हुई और ड्रग्स रैकेट की जांच शुरू की। रिया, उनके भाई शोविक, और सुशांत के स्टाफ दीपेश सावंत को गिरफ्तार किया गया। रिया को एक महीने जेल में बिताने के बाद अक्टूबर 2020 में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिली। NCB ने 2021 में 12,000 पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें रिया समेत 33 लोगों को आरोपी बनाया गया। हालांकि, यह ड्रग्स केस सुशांत की मृत्यु से सीधे जुड़ा नहीं था।
CBI की जांच में देरी और सवाल
CBI की जांच धीमी गति से चली। 2021 में CBI ने गूगल और फेसबुक से सुशांत की डिलीट की गई चैट्स और ईमेल्स मांगने के लिए अमेरिका को औपचारिक अनुरोध भेजा, लेकिन 2023 तक कोई जवाब नहीं मिला। इस बीच, सुशांत के परिवार और वकील विकास सिंह ने CBI पर जांच में देरी का आरोप लगाया।
2022 में कूपर अस्पताल के एक कर्मचारी रूपकुमार ने दावा किया कि सुशांत के शरीर पर चोट के निशान थे और यह हत्या हो सकती है, लेकिन इस दावे की पुष्टि नहीं हुई।
क्लोजर रिपोर्ट (22 मार्च 2025)
लगभग 4 साल की जांच के बाद, 22 मार्च 2025 को CBI ने मुंबई की एक विशेष अदालत में अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट में कहा गया कि सुशांत की आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। CBI को कोई सबूत नहीं मिला कि किसी ने सुशांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया या उनकी हत्या की। रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी गई।
CBI ने यह भी स्पष्ट किया कि सुशांत के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों और रिया द्वारा परिवार पर लगाए गए जवाबी आरोपों, दोनों की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला। परिवार के पास अब "प्रोटेस्ट पेटिशन" दाखिल करने का विकल्प है, जिसके जरिए वे कोर्ट से आगे की जांच की मांग कर सकते हैं।
जनता और परिवार की प्रतिक्रिया
सुशांत के प्रशंसकों और परिवार ने शुरू से इसे हत्या मानने की बात कही थी। क्लोजर रिपोर्ट के बाद भी कई लोग संतुष्ट नहीं हैं और इसे साजिश मानते हैं। सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने सोशल मीडिया पर "न्याय" की मांग जारी रखी। वहीं, कुछ लोगों ने रिया को बेवजह निशाना बनाए जाने पर सवाल उठाए।
निष्कर्ष
सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु एक दुखद घटना थी, जिसने बॉलीवुड में नेपोटिज्म, मानसिक स्वास्थ्य, और जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता जैसे मुद्दों को उजागर किया। CBI की क्लोजर रिपोर्ट के साथ यह केस औपचारिक रूप से बंद होने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कई सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। कोर्ट अब तय करेगा कि इस रिपोर्ट को स्वीकार करना है या आगे जांच के आदेश देना है।
यह कहानी शुरू से लेकर अब तक की पूरी तस्वीर है, जो तथ्यों और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है।