19/04/2024
💥💥 आवश्यक सुचना बेतिया गुलाब मेमोरियल कॉलेज💥💥
परवेज आलम के फेसबुक पर एक पोस्ट देखी गई है जो बिहार न्यूज़ चैनल पर डाले हुए खबर को गलत बता रहे हैं।
इसके स्पष्टीकरण में हम कुछ साक्ष्य आपको दिखाना चाहते है जिससे जनता निष्पक्ष हकीकत को जान सके।
💥💥💥स्पष्टीकरण💥💥💥
💥ट्रस्टियों एवं परवेज आलम के द्वारा जो अवैध दस्तावेज बनाकर जो गुलाब मेमोरियल कॉलेज का मान्यता और अनुदान राशि लिया गया है उसको परवेज आलम फेक न्यूज़ बताकर बेतिया के लोगों को गुमराह कर रहे हैं और सरासर झूठ फैलाया जा रहा है और मुद्दा को परवेज आलम भटका कर कहीं और लेकर जा रहे हैं।
💥गवर्नर के नाम से एक अवैध जमीन की दस्तावेज तैयार की गई थी सन् 2006 में परवेज आलम और ट्रस्टियों द्वारा।
गुलाब मेमोरियल कॉलेज बेतिया गवर्नर के नाम से नौतन अंचल की जमीन जो गिफ्ट की गई थी उस जमीन का बिहार परीक्षा समिति पटना द्वारा जांच करने के लिए नौतन अंचलाधिकारी को पत्र भेजा गया उसके बाद दिनांक 14.03.2024 को इंक्वारी कराई गई नौतन अंचलाधिकारी और हल्का कर्मचारी द्वारा दी गई रिपोर्ट उसमें यह अंकित है कि गुलाब मेमोरियल कॉलेज ने जो जमीन भोला मियां से खरीदा वह जमीन भोला मियां के नाम पर जमाबंदी नहीं चलती थी और ना ही गुलाब मेमोरियल कॉलेज के नाम पर जमाबंदी कायम हुआ वही जमीन गुलाब मेमोरियल कॉलेज बिहार गवर्नर के नाम गिफ्ट दस्तावेज लिखी गई है जिसमें मुख्य पहचानकर्ता (गवाह)परवेज आलम है और परवेज आलम से नौतन के हल्का कर्मचारी ने बार-बार फोन करके पूछा कि आप गुलाब मेमोरियल कॉलेज का जमीन गवर्नर के नाम गिफ्ट दस्तावेज में आप पहचानकर्ता हैं आप दिखाइए कि वह जमीन कहां है तो इस पर परवेज आलम अपने फोन को बंद कर लिया करते थे और कोई जवाब नही देते थे फिर नौतन हल्का कर्मचारी अपने टीम के साथ अमीन को लेकर भूमि की जांच की,वह जमीन कहां स्थित है तो जमीन कहीं नहीं मिला और हल्का कर्मचारी ने अपना रिपोर्ट बनाया की जमीन कही है ही नहीं उस जमीन का रकबा खेसरा अंचल के अभिलेख में कहीं दर्ज नहीं है इसी जमीन का सन् 2006 में जांच हुई थी अंचलाधिकारी नौतन के तरफ से तो उस समय भी हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट यह कह रही है कि जमाबंदी पर अंकित खेसरा पड़ताली है जिसका पड़ताली खतियान हल्का कार्यालय में उपलब्ध नहीं है और यह मौजा पंडितवा गंडक नदी का दियारा है जो हाल में बेचिरागी है तथा झौवा पेटर खरई का जंगल उपजा हुआ है उस वक्त भी परवेज आलम ने इस जांच की रिपोर्ट को मिलीभगत कर दबा दिया था जिसका अब यह वर्तमान में इसका खुलासा हो रहा है जो जमीन गुलाब मेमोरियल कॉलेज गवर्नर के नाम से गिफ्ट की गई थी जिसमें पहचानकर्ता (गवाह) परवेज आलम हैं वह जमीन का अता-पता कहीं नहीं है परवेज आलम ने अपना लाज बचाने के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
💥जिस यूसुफ मिस्त्री वक्फ इस्टेट-0983पर यानी ट्रस्ट की जमीन पर गुलाब मेमोरियल कॉलेज स्थित है वह जमीन पर भी 90 साल का अवैध लीज डीड तैयार की गई थी सन् 1987 में।
💥सन् 1984 में जब गुलाब मेमोरियल कॉलेज की स्थापना हुई उस समय डॉक्टर वहाब खान ट्रस्टी थे और उन्होंने अपने नाम पर विधवत रजिस्टर्ड लीज नामा एक्ट के तहत 3 साल का अपने नाम रजिस्टर्ड लीज करवाए थे।
💥सन् 1987 के बाद से ट्रस्टियों द्वारा वक्फ ईस्टेट- 0983 के सचिवों द्वारा मिलीभगत कर के 90 साल का अवैध लीज डीड बनाई गई थी जिस पर वर्तमान में महाविद्यालय स्थित है।
💥परवेज आलम गुलाब मेमोरियल कॉलेज के कर्मी थे और कुछ समय के लिए प्रभारी प्राचार्य के पद पर भी थे। जब वह युसूफ मिस्त्री वक्फ इस्टेट- 0983 के सचिव बने तब से इनको जानकारी थी कि 90 साल का अवैध लीज बनाया गया है जिसमें यह सचिव रहते हुए ट्रस्टियों द्वारा मेल में आकर अवैध कागजात बनाने में यह सम्मिलित हुए।
💥अवैध कागजात के आधार पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना से मान्यता ली गई फिर अनुदान देने वाली बिहार सरकार की नियमावली में सम्मिलित हो गए इस गुलाब मेमोरियल कॉलेज की बुनियाद अवैध कागजात के आधार पर तैयार की गई थी जिसमें मान्यता गैर सरकारी अनुदान का पैसों का जबरदस्त तरीके से लाभ उठाया गया है।
💥युसूफ मिस्त्री वक्फ इस्टेट-0983 के अध्यक्ष डॉ मोहम्मद आलमगीर साहब के पत्र से साफ पता चलता है कि गुलाब मेमोरियल कॉलेज से किसको लाभ है और किसकी पॉकेट भर रही है यह परवेज आलम अल्पसंख्यक कॉलेज के नाम पर ठगी जो की जा रही है यह परवेज आलम नहीं बता रहे हैं। अवाम को बता रहे हैं कि यह एक अल्पसंख्यक कॉलेज है संस्था को तोड़ा जा रहा है परवेज आलम को यह भी बताना चाहिए कि ये ट्रस्टी अपने जाति लाभ के लिए इस कॉलेज को बचाना चाहते हैं। कॉलेज के प्रबंध समिति और ट्रस्टियों के लोगों को लग रहा है कि ये एक ATM मशीन है जो कि जिंदगी भर ऐसे ही पैसे आते रहेंगे तो ये उनलोगो को पता होना चाहिए की मशीन कभी कभी खराब भी होती है और पैसे आना बंद भी हो जाते हैं।
ये बेतिया के लोगों को फैसला करना चाहिए कि क्या होना चाहिए सही फैसला अपनी-अपनी राय अवश्य दे।
अगर ये एक अल्पसंख्यक कॉलेज रहता तो गरीब से गरीब छात्र-छात्राओं को फायदा होता, एडमिशन और एक्जाम फीस कम रहता।
💥💥प्रमाण💥💥
👉(1) गवर्नर के नाम से एक अवैध जमीन की दस्तावेज तैयार की गई थी मिलीभगत कर के सन् 2006 में और सरकारी अनुदान राशि पाने के लिए लिखी गई थी जिसमें पहचानकर्ता (गवाह) परवेज आलम हैं। प्रमाण पेज नंबर 1,2,3,4
👉(2) गवर्नर के नाम से अवैध जमीन दस्तावेज तैयार की गई थी उसकी जांच नौतन हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट जो परवेज आलम द्वारा मिलीभगत करके दबा दिया गया था।
प्रमाण पेज नंबर 1,2,3,4,5,6
👉(3) सन् 1987 में ट्रस्टियों द्वारा वक्फ इस्टेट- 0983 के सचिवों के मिलीभगत द्वारा 90 साल का अवैध लीज डीड
प्रमाण पेज नंबर 7,8,9,10,11
👉(4) युसूफ मिस्त्री वक्फ इस्टेट 0983 के अध्यक्ष डॉ मोहम्मद आलमगीर साहब के पत्र से मालूम चलता है कि अवैध तरीके से कॉलेज चला कर सरकारी अनुदान प्राप्त कर अपना अपना पॉकेट भरा जा रहा है ।
प्रमाण पेज नंबर 12,13
👉(5) बिहार परीक्षा समिति पटना द्वारा पत्र जांच करने के लिए गुलाब मेमोरियल कॉलेज की जमीन जो गवर्नर के नाम गिफ्ट की गई थी जिसमें पहचान करता परवेज आलम है उस भूमि की जांच दिनांक 14 3.2024 को कराई गई ।
प्रमाण पेज नंबर 14,15,16
💥💥💥 इस पेज पे डाली हुई ख़बर साक्ष्य के आधार पे की गई है, अगर किसी को आपत्ति हो तो साक्ष्य को सही तरीके से जांच करें।💥💥💥💥