
22/01/2024
अवध में राम हैं आये,
सभी ने मंगल हैं गाये,
सकल मन मोद हरषाये,
सुमन सब देव बरसाये।
लगे हैं घर पर बन्दनवार,
गूंजता राम का जयकार,
दियों से फैला है उजियार,
सजा है रघुनंदन दरबार।।
बज रहे शंख, घड़ी, घड़ियाल,
मुदित हैं मनुज, देव, संसार,
अवध में स्वागत है मेरे करतार,
अवध में सजा राम दरबार।।
राम का महापर्व है आज,
सभी के सिद्ध सकल हों काज,
मिलें खुशियां, रहे शुभ-लाभ,
धरा पर फैले पुन्य प्रकाश।।
अनिल त्रिपाठी "नीरव"