
11/05/2025
मां बच्चे की चोट पर सिसकी है, मां… मां चूल्हा-धुंआ-रोटी और हाथों का छाला है, मां… मां ज़िंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है, मां… मां पृथ्वी है, जगत है, धुरी है, मां बिना इस सृष्टी की कल्पना अधूरी है, तो मां की ये कथा अनादि है, ये अध्याय नहीं है… …1 day ago