
27/09/2025
बिहार सरकार की सोलर लाइट योजना में अनियमितता: जांच की सख्त जरूरत
योजना का अवलोकन
बिहार सरकार ने हर वार्ड में 10 सोलर लाइटें लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी रोशनी की समस्या दूर करने का बीड़ा उठाया है। इस पहल का उद्देश्य
- सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर शाम के समय रोशनी सुनिश्चित करना
इन लक्ष्यों से न सिर्फ ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि विद्युत बिलों पर निर्भरता भी कम होगी।
परिचालन में उपस्थित असमान्यताएं
हाल ही में अख्ता चकवा पंचायतों से यह शिकायत आई है कि
- वार्ड सदस्यों द्वारा लाइट लगवाने के नाम पर 1,000 रुपये की राशि वसूली जा रही है
- जिन ग्रामीणों ने शुल्क नहीं दिया, उनकी लाइटें गांव के मुख्य मार्ग या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगवाई गईं
इन अनियमितताओं से योजना का मूल उद्देश्य ध्वस्त हो रहा है और गरीब घरों को फायदा नहीं मिल पा रहा।
ग्रामीणों की आवाज़
ग्रामीण बताते हैं कि वार्ड सदस्य ने चार्ज” के नाम पर 1,000 रुपये की डिमांड ठोंक रखी है। जो दिए बिना विरोध कर देते हैं, उनकी लाइटें घरों या मोहल्लों के मुख्य मार्गों पर नहीं लगाई जा रहीं। इससे अँधेरे में आवाजाही मुश्किल हो रही है तथा महिला-पुरुष दोनों को सुरक्षा की समस्या झेलनी पड़ रही है।
इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को तत्काल निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
योजना के तहत आवंटित सभी सोलर लाइटों का फील्ड सर्वे कराना जिन पंचायतों में अनियमितता मिली, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
प्रत्येक वार्ड में लगाए गए सोलर का लेखा-जोखा
अंत में ग्रामीण इस उम्मीद से शासन से आग्रह करते हैं कि वे जांच कराकर योजना को विकृत करने वाले अधिकारियों/सदस्यों को हाशिए पर ले आएं, ताकि सोलर लाइट का लाभ सच में उन्हीं तक पहुँचे जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है। #सीतामढ़ी