
03/03/2025
#सुशासन_बनाम_अपराधिक_संरक्षक #भ्रष्ट_सरकार_बनाम_बिहार
बिहार के मधुबनी जिला में 29 मार्च 2021 को होली के दिन एक राजपूत परिवार के पाँच सदस्यों की बर्बरता पूर्वक की गई उस हत्या काण्ड को आज तक नहीं भूल पाया हूँ जिसे राजपूतों के द्वारा पुजनीय समझे जाने वाले ब्राह्मण जाति के अपराधियों ने अंजाम दिया था। आज उस घटना के चार साल हो गये, लेकिन आज तक इस परिवार को सरकार के द्वारा किसी भी तरह की मदद नहीं दी गई। जबकि इसी देश में फूलनदेवी, अतीक अहमद और शहाबुद्दीन जैसे दुर्दान्त अपराधियों की सहायता करने के लिए शासन-प्रशासन और माफ़िया जरा सी भी देरी नहीं करती है। उनकी सहायता करने के लिए देश की सम्पत्ति को इस तरह खर्च करती है, मानों वह लूट की सम्पत्ति हो।
लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक फौजी की नौकरी करने वाले और राष्ट्र की उन्नत्ति के लिए बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाने वाले शिक्षक की नौकरी करने वाले देशभक्तों की दुर्दान्त हत्या करने के बाद भी जब सरकार उनके आश्रितों को सहारा नहीं देगी तब ऐसे देश से कौन प्रेम करेगा? ऐसे देश में रहने वाले देशभक्तों की टोली! यदि देशद्रोही बन जायें तो कुछ भी गलत होगा? आखिर उस घटना से पीड़ित परिवार को आज तक क्यों नहीं किसी तरह की सरकारी सहायता दी गई? न तो उस घटना में मारे गए फौजी के किसी आश्रित को केन्द्र सरकार के द्वारा सहायता दी गई न ही बिहार सरकार के अधीन शिक्षक की नौकरी करने वाले दिवंगत शिक्षक के परिवार को बिहार सरकार के द्वारा सहायता की गई। कम से कम इन लोगों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी भी दे दी जाती तो उनके आश्रितों के समक्ष जीविकोपार्जन की समस्या का समाधान हो जाता। ऐसे मामलों में सरकार द्वारा दी जाने वाली त्वरित सहायता को देख कर उन नागरिकों में भी देशभक्ति की भावना अंकुरित हो सकती थी, जिनके हृदय से देशभक्ति की भावना खत्म हो चुकी है।
अब भी वक़्त है इस देश को संगठित और सशक्त बनाने के लिए आज से और अभी से ही इस देश के असली जरूरतमंदों की सहायता करना शुरू कर दें। ऐसे मामलों में नेतागिरी और भाषणबाजी करने के बजाए जरूरतमंद लोगों की न सिर्फ़ खुल कर मदद करें बल्कि उन्हें न्याय और अधिकार दिलाने के लिए भी निस्वार्थ होकर काम करें।