29/07/2025
भारत में पहला सफल हाथ प्रत्यारोपण: डॉक्टरों को सलाम
ऐतिहासिक उपलब्धि
भारत में पहली बार किसी व्यक्ति के दोनों हाथ किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ से सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किए गए। यह ऐतिहासिक सर्जरी कोच्चि के अमृता इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में वर्ष 2015 में अंजाम दी गई थी, जब 30 वर्षीय मनु का सफल ‘डबल हैंड ट्रांसप्लांट’ किया गया था। इसके लिए करीब 20 सर्जनों की टीम ने 12-13 घंटे तक कठिन परिश्रम किया। इस सर्जरी से पहले मनु ने एक दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए थे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे दोबारा जिंदगी जीने का मौका दिया।
इसके बाद समय-समय पर भारत के अलग-अलग शहरों में भी इसी तरह के सफल हाथ प्रत्यारोपण हुए; जैसे कि दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में पहली बार एक महिला के हाथ एक पुरुष को लगाए गए। लगभग 12 घंटे तक चली इस कठिन सर्जरी में डॉक्टरों ने आर्टरी, मसल, टेंडन और नर्व को जोड़कर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की।
डॉक्टरों के लिए आदरसूचक शब्द
"फ़रिश्ता": डॉक्टर को अक्सर फरिश्ता कहा जाता है, क्योंकि वे न केवल जीवन को बचाते हैं, बल्कि नई उम्मीद भी देते हैं।
"सेवा-वीर": अपनी सेवा और समर्पण के लिए डॉक्टर समाज में सेवा-वीर (सर्विस हीरो) कहलाते हैं।
"भगवान का रूप": अनेक जगह, विशेष उपलब्धि वाले डॉक्टरों को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है।
"जीवनदाता": क्योंकि वे दूसरे के जीवन में फिर से मुस्कान लाने का अद्भुत कार्य करते हैं।
डॉक्टरों की इस उपलब्धि का महत्व
यह न सिर्फ़ चिकित्सा विज्ञान की क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है, बल्कि समाज के लिए एक नई प्रेरणा भी है।
चिकित्सकों की टीम ने कठिन आर्टरी, नर्व, हड्डियों और टेंडन को जोड़कर किसी को नया जीवन दिया।
इस प्रकार की जटिल सर्जरी से न केवल सर्जनों की तकनीकी दक्षता सिद्ध होती है, बल्कि उनका सेवा भाव भी झलकता है।
डॉक्टरों के प्रति गर्व व्यक्त करने वाले कुछ वाक्य
"जब जिंदगी हारने लगे, तब उम्मीदों को संजीवनी देने वाले डॉक्टर सच में फरिश्ते हैं।"
"आप है इसलिए हम हैं – आपसे बेहतर कोई नहीं। डॉक्टर डे की शुभकामनाएं!"
"आपके हाथों में सिर्फ़ स्टेथोस्कोप नहीं, सैकड़ों जिंदगियों की धड़कनें भी हैं।"
निष्कर्ष
भारत के डॉक्टरों ने जिस समर्पण, कौशल और सेवा भाव के साथ किसी का हाथ दूसरे के हाथ में जोड़कर नया इतिहास रचा है, वह न केवल चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से बल्कि इंसानियत के नाते भी अविस्मरणीय है। आज पूरा देश ऐसे डॉक्टरों पर गर्व करता है – ये सच्चे जीवनदाता, फरिश्ते और भगवान के रूप हैं।