Kharido Becho Kamao

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🇮🇳 वो सिर्फ 18 साल के थे…ना उनके सपनों में दौलत थी,ना उनके दिल में डर था…सिर्फ एक सपना था — आज़ाद भारत का! ✊🔥✝️ आज ही के...
20/09/2025

🇮🇳 वो सिर्फ 18 साल के थे…
ना उनके सपनों में दौलत थी,
ना उनके दिल में डर था…
सिर्फ एक सपना था — आज़ाद भारत का! ✊🔥

✝️ आज ही के दिन क्रांतिकारी ख़ुदीराम बोस को फाँ"सी दे दी गई थी…
सोचिए — 18 साल की उम्र,
जहाँ आज हम मज़े में कॉलेज जाते हैं, घूमते-फिरते हैं,
वहीं उन्होंने हँसते-हँसते फाँ"सी का फं"दा चूम लिया… 😭🙏

उनकी मुस्कान में छुपा था ल"हू से लिखा संदेश —

> “ज़ुल्म जितना भी बड़ा हो,
आज़ादी की लौ बुझा नहीं सकता!” 🔥

आज अगर हमारी साँसें आज़ाद हैं,
तो उसमें ख़ुदीराम जैसे वीरों का ल"हू मिला है!
आइए, आज उन्हें दिल से नमन करें —
💐 श्रद्धांजलि उन अमर शहीद को 💐

जिन्होंने हमें सिखाया कि देश पहले, बाकी सब बाद में! 🇮🇳

जय हिंद! ✊🇮🇳
वंदे मातरम! 🙌
इंक़लाब ज़िंदाबाद! 🔥🔥🔥

िंद
#वंदे_मातरम
#इंकलाब_जिंदाबाद
#खुदीराम_बोस_अमर_रहे
#शहीदों_को_नमन
#स्वतंत्रता_संग्राम
#भारत_माता_की_जय







देशभक्ति केवल एक भावना नहीं...देशभक्ति केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक ऐसा जज़्बा है जो इंसान को अपने प्राणों से भी प्यारे ...
20/09/2025

देशभक्ति केवल एक भावना नहीं...

देशभक्ति केवल एक भावना नहीं, बल्कि एक ऐसा जज़्बा है जो इंसान को अपने प्राणों से भी प्यारे देश के लिए बलिदान देने को प्रेरित करता है। ऐसे ही एक वीर सपूत थे राजस्थान के सौरभ कटारा, जिन्होंने अपने कर्तव्य को अपनी निजी खुशी से ऊपर रखा। उन्होंने शादी के मात्र 10 दिन बाद देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और अमर हो गए।

एक नई शुरुआत... और एक अंत
सौरभ कटारा की शादी हाल ही में हुई थी। घर में खुशी का माहौल था। दूल्हा बना बेटा जब बारात लेकर चला था, तो मां-बाप की आंखें गर्व और खुशी से चमक रही थीं। पत्नी के चेहरे पर भविष्य के सुनहरे सपनों की चमक थी। मगर किसे पता था कि यह सुख सिर्फ चंद दिनों का मेहमान है।

शादी के 10 दिन बाद ही सौरभ को अपनी ड्यूटी पर लौटना पड़ा। देश की रक्षा का जिम्मा उनके कंधों पर था और एक सैनिक के लिए देश हमेशा पहले होता है। उन्होंने विदाई ली, मुस्कराते हुए वादा किया — "जल्दी लौटूंगा।" लेकिन वह वादा निभ नहीं पाया, बलिदान बन गया।

ड्यूटी पर वीरगति
जवान सौरभ कटारा सीमा पर तैनात थे। एक ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ हुई, जिसमें उन्होंने साहस और पराक्रम की मिसाल कायम करते हुए दुश्मनों से लोहा लिया। वे आखिरी सांस तक लड़े, लेकिन दुर्भाग्यवश शहीद हो गए। उनके इस बलिदान ने पूरे देश की आंखें नम कर दीं।

परिवार के लिए ग़म, देश के लिए गर्व
सौरभ के माता-पिता और नवविवाहित पत्नी के लिए यह खबर किसी तूफान से कम नहीं थी। एक हंसता-खेलता घर पल भर में सन्नाटे में बदल गया। पर इसी के साथ गर्व का वो भाव भी था, जो हर सैनिक के परिवार के दिल में होता है — कि उनका बेटा देश के लिए मरा है, वो शहीद कहलाया है।

समाज को संदेश
सौरभ की कहानी आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा है। वो सिर्फ 10 दिन की शादीशुदा जिंदगी छोड़कर चला गया, लेकिन पीछे एक महान उदाहरण छोड़ गया — कि देश सर्वोपरि है। निजी सुख-दुख, रिश्ते-नाते सब बाद में आते हैं, पहले आता है तिरंगे का सम्मान।

एक सेकंड का वक्त... जय हिंद के लिए
हम अक्सर सोशल मीडिया पर बहुत कुछ पोस्ट करते हैं, लेकिन क्या हम शहीदों के लिए एक सेकंड भी निकाल पाते हैं? सौरभ जैसे वीरों ने अपने पूरे जीवन का बलिदान दिया, क्या हम एक ‘जय हिंद’ भी नहीं कह सकते?

निष्कर्ष
सौरभ कटारा जैसे वीरों की वजह से ही हम चैन से सांस लेते हैं, हंसते हैं, आगे बढ़ते हैं। वो चला गया, पर उसकी कहानी अमर हो गई। वो एक बेटा था, एक पति था, और सबसे पहले — भारत मां का वीर सपूत था।
सौरभ कटारा अमर रहें।

🌸👨‍👧 बाप हो तो ऐसा…! 👨‍👧🌸कहते हैं माँ की ममता अनमोल होती है… लेकिन कभी-कभी पिता का स्पर्श भी जीवनदान बन जाता है। ❤️जहाँ ...
20/09/2025

🌸👨‍👧 बाप हो तो ऐसा…! 👨‍👧🌸

कहते हैं माँ की ममता अनमोल होती है… लेकिन कभी-कभी पिता का स्पर्श भी जीवनदान बन जाता है। ❤️

जहाँ पिता अपने नवजात शिशु को सीने से लगाकर (Kangaroo Care) उसकी धड़कन और गर्माहट से जीवनदान दे रहे हैं।
👉 बच्ची को रोज़ घंटों सीने से चिपकाकर रखा,

👉 ताकि उसे गर्माहट, धड़कन और सुरक्षित साँसें मिलती रहें।

👉 प्रीमैच्योर और कम वज़न के बच्चों को मशीनों से ज़्यादा फायदा इस मानवीय स्पर्श से मिल रहा है।
👉 डॉक्टरों का कहना है कि जब पिता बच्चे को सीने से लगाए रखते हैं, तो उसकी सांसें स्थिर होती हैं, वज़न बढ़ता है और वह जल्दी स्वस्थ होता है।

यह वाकई साबित करता है कि –
💞 पिता का प्यार किसी औज़ार से कम नहीं, बल्कि जीवन की असली ढाल है।

🙏 सच में, पिता सिर्फ कमाने वाले नहीं होते…
कभी-कभी वे अपने सीने से बच्चे की धड़कन जोड़कर उसकी ज़िंदगी भी बचा लेते हैं।

💞 ऐसे महान पिताओं को दिल से सलाम 💞

सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस तस्वीर में दिख रही महिला का नाम अंजलि सिंह है और यह घटना ग्वालियर की है। वायरल वीडियो और मीम...
20/09/2025

सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस तस्वीर में दिख रही महिला का नाम अंजलि सिंह है और यह घटना ग्वालियर की है। वायरल वीडियो और मीम में दावा किया गया था कि महिला 2 पानीपुरी कम मिलने पर सड़क पर बैठकर रो रही थी, लेकिन यह सच नहीं है। महिला के परिवार ने बताया कि यह घटना उनके घर पर हुए काम के ₹10,000 के भुगतान से जुड़ी है। जिस व्यक्ति से उन्हें यह पैसे मिलने थे, वह देने से मना कर रहा था, जिसके बाद अंजलि न्याय के लिए सड़क पर बैठ गईं। कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और पानीपुरी से जुड़ा झूठा कैप्शन लगाकर इसे वायरल कर दिया। असल में यह वीडियो उनके बेटे ने न्याय की अपील के लिए शेयर किया था।

इस आदमी के लिए एक शब्द एक ज़ोमैटो डिलीवरी हीरो को चुनौतियों के बावजूद एक प्लेटफ़ॉर्म ट्रॉली पर डिलीवरी करते हुए देखा गया...
20/09/2025

इस आदमी के लिए एक शब्द
एक ज़ोमैटो डिलीवरी हीरो को चुनौतियों के बावजूद एक प्लेटफ़ॉर्म ट्रॉली पर डिलीवरी करते हुए देखा गया, उनका दृढ़ संकल्प और प्रयास वास्तव में प्रेरणादायक है।

Gemini AI Saree Trend 😬
20/09/2025

Gemini AI Saree Trend 😬

Canadian Influencer's की पहली भारतीय ट्रेन यात्रा वायरल!🚆"दिल्ली से राजस्थान तक 3rd AC में सिर्फ ₹1,000 में सफर करते हुए...
20/09/2025

Canadian Influencer's की
पहली भारतीय ट्रेन यात्रा वायरल!

🚆"दिल्ली से राजस्थान तक 3rd AC में सिर्फ ₹1,000 में सफर करते हुए, वह साफ कंबल, खाने वाले वेंडर, समोसे और वेज टोस्ट देखकर हैरान रह गई। 🥪🛏️
उसे साइड लोअर बर्थ से नज़ारे बहुत पसंद आए और उसने भारतीय ट्रेनों को ‘अराजकता और आकर्षण का शानदार मेल’ बताया। ❤️"

💥 जब कुछ सेकंड बने ज़िंदगी और मौत का सवाल – निहाल सिंह की बहादुरी 🙌🚍मुसीबत के समय असली हीरो सामने आते हैं — और निहाल सिं...
20/09/2025

💥 जब कुछ सेकंड बने ज़िंदगी और मौत का सवाल – निहाल सिंह की बहादुरी 🙌🚍

मुसीबत के समय असली हीरो सामने आते हैं — और निहाल सिंह ने ये सच करके दिखाया। जब एक बस 40 फुट गहरी नाली (ड्रेन) में गिर गई, तो यात्रियों में डर और घबराहट फैल गई। सब अंदर फंसे थे और कोई रास्ता नहीं बचा था। तभी निहाल सिंह ने आगे बढ़कर कमाल कर दिखाया। 🌊⚡

उन्होंने हिम्मत जुटाकर बस की खिड़की तोड़ी और लोगों के लिए बाहर निकलने का रास्ता बनाया। एक-एक करके 20 लोग मौत के मुंह से बाहर निकले। उस वक्त, जब ज़्यादातर लोग डर से थम जाते हैं, निहाल ने हिम्मत दिखाई — ये साबित करते हुए कि असली बहादुरी ताकत से नहीं, बल्कि दूसरों को बचाने की इच्छा से होती है, चाहे अपनी जान को खतरा ही क्यों न हो। 🙏🔥

👉 उनका ये निस्वार्थ काम सिर्फ एक रेस्क्यू स्टोरी नहीं है — ये याद दिलाता है कि असली वीरता कैसी होती है। उस पल में निहाल सिंह सिर्फ एक आम इंसान नहीं रहे; वो बने 20 ज़िंदगियों की ढाल, जिनकी बदौलत हादसा बच गया और उम्मीद जिंदा रही।

🌟 ऐसे हीरो हर दिन यूनिफॉर्म या मेडल नहीं पहनते, लेकिन उनकी हिम्मत सबसे बड़ी सलामी की हकदार है। निहाल सिंह की बहादुरी हमेशा इंसानियत और निस्वार्थ सेवा की मिसाल बनी रहेगी। 💖

पाकिस्तान से भागे, मार दिए गए थे मां-बाप, भाई-बहन: एक संघर्ष और सफलता  यह कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की, जिसने अपने जीवन मे...
19/09/2025

पाकिस्तान से भागे, मार दिए गए थे मां-बाप, भाई-बहन: एक संघर्ष और सफलता
यह कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की, जिसने अपने जीवन में अनगिनत कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी और अपने संघर्ष से दुनिया में एक मिसाल कायम की। उनका परिवार पाकिस्तान में रह रहा था, जहां उनके माता-पिता और भाई-बहन को निर्दयता से मार दिया गया। इस भयावह घटना के बाद, वह व्यक्ति अपने जीवन को बचाने के लिए पाकिस्तान से भागकर भारत आया। भारत आने के बाद, उनकी जिंदगी आसान नहीं थी। बिना परिवार के, बिना किसी सहारे के, उन्हें यहां नई शुरुआत करनी पड़ी। उनके पास कोई साधन नहीं था, लेकिन उनकी हिम्मत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की और अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिए खेल को चुना।

उन्होंने 400 मीटर की दौड़ में अपनी पहचान बनाई। कठिन परिश्रम और समर्पण के बल पर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाई। उन्होंने 400 मीटर की दौड़ में 45.73 सेकंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाकर सभी को चौंका दिया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उन्हें सम्मानित किया, बल्कि भारत का नाम भी पूरी दुनिया में रोशन किया। उनकी यह कहानी हमें सिखाती है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों न हों, अगर हम दृढ़ संकल्प और मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें, तो सफलता अवश्य मिलती है। उनकी संघर्ष और सफलता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनकी हिम्मत और संघर्ष को सलाम करते हुए, हमें उनके इस अद्वितीय योगदान को सराहना चाहिए और उनकी कहानी को आगे बढ़ाना चाहिए। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि मानव आत्मा की शक्ति असीमित होती है, और अगर हम ठान लें तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।

इनकी हिम्मत और संघर्ष को सलाम करते हुए, एक लाइक तो बनता है।

यूक्रेन की एक युवती पढ़ाई के लिए भारत आई और अप्रत्याशित रूप से उसकी मुलाकात शुभम से हुई।मात्र छह दिनों के भीतर ही दोनों ...
19/09/2025

यूक्रेन की एक युवती पढ़ाई के लिए भारत आई और अप्रत्याशित रूप से उसकी मुलाकात शुभम से हुई।

मात्र छह दिनों के भीतर ही दोनों एक-दूसरे के प्रति गहरे प्रेम में पड़ गए और कम समय के बावजूद उनके बीच एक मजबूत रिश्ता बन गया।

जब शुभम के परिवार को उनकी शादी के फैसले के बारे में पता चला, तो उन्होंने इसे मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया। परिवार की असहमति के बावजूद, इस जोड़े ने अपने दिल की बात मानने से खुद को नहीं रोका।

शुभम ने पारिवारिक दबाव के बावजूद प्यार को चुना और उससे विवाह कर लिया, जिससे प्रतिबद्धता और साहस का परिचय मिला।

अब वे परिवार की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि प्यार कई बाधाओं को पार कर सकता है।

🌸 सास-बहू का रिश्ता बना मिसाल 🌸कहते हैं सास-बहू का रिश्ता हमेशा खट्टा-मीठा होता है, लेकिन ये कहानी कुछ और ही कहती है। 🙏6...
19/09/2025

🌸 सास-बहू का रिश्ता बना मिसाल 🌸

कहते हैं सास-बहू का रिश्ता हमेशा खट्टा-मीठा होता है, लेकिन ये कहानी कुछ और ही कहती है। 🙏

65 साल की मालती देवी जी ने वो कर दिखाया, जिसकी मिसाल शायद ही कहीं देखने को मिले। जब उनकी बहू अनु की दोनों किडनी ने काम करना बंद कर दिया, तब पूरा परिवार परेशान था। जिंदगी और मौत की जंग के बीच, मालती देवी ने बिना सोचे-समझे अपनी किडनी बहू को डोनेट कर दी। ❤️

आज अनु फिर से मुस्कुरा रही है, अपने बच्चों और परिवार के साथ नई जिंदगी जी रही है… और ये सब मुमकिन हुआ उसकी सास माँ की बदौलत। 🌺

सच में, अगर सास ऐसी हो तो बहू कभी अकेली नहीं पड़ सकती। यह रिश्ता खून से नहीं, बल्कि प्यार और बलिदान से जुड़ा हुआ है। 💕

🙏 सलाम है ऐसी माँ को, जिन्होंने अपनी बहू को बेटी से भी बढ़कर माना और उसे नई जिंदगी दी।

1988 की कैलाश मानसरोवर यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी जी की दुर्लभ तस्वीर 🙏लेकिन अफ़सोस कोई लाइक नहीं करेगा 🥺💔
19/09/2025

1988 की कैलाश मानसरोवर यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी जी की दुर्लभ तस्वीर 🙏
लेकिन अफ़सोस कोई लाइक नहीं करेगा 🥺💔

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