27/09/2025
"पूजा की विधि में ना जानू बस तुमको में अपना मानू भेट चढ़ाऊ अशुवन की" - यह पंक्ति भक्ति और सरलता की भावना को दर्शाती है। इसमें भक्त अपनी अज्ञानता को स्वीकार करते हुए भी भगवान को अपना मानने और उन्हें समर्पित करने की इच्छा व्यक्त करता है।
यह पंक्ति भक्ति साहित्य में अक्सर देखी जाती है, जहाँ भक्त अपनी भक्ति की सच्चाई और भगवान के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करते हैं। अश्रु को भेंट चढ़ाने का अर्थ है अपने भावनात्मक और आंतरिक समर्पण को भगवान के चरणों में प्रस्तुत करना।
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