Maa Asmani Dham Orethi

Maa Asmani Dham Orethi माँ आसमानी धाम ओरेठी
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मां आसमानी धाम पर मेले में लगा प्रशासनिक घेरा
25/04/2025

मां आसमानी धाम पर मेले में लगा प्रशासनिक घेरा

मां आसमानी धाम पर दुर्गा अष्टमी (महाआरती) पर कुछ भक्तगण की तस्वीरे
11/04/2025

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मां आसमानी धाम पर नवमी पर लगे मेले के कुछ छाया चित्र
09/04/2025

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माँ आसमानी के दिव्य दर्शन
05/04/2025

माँ आसमानी के दिव्य दर्शन

   #पोस्ट  #वायरलपोस्ट
01/04/2025

#पोस्ट #वायरलपोस्ट

माई मंदिर माई पूजा
01/04/2025

माई मंदिर माई पूजा

चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं    #पोस्ट
30/03/2025

चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
#पोस्ट

माँ आसमानी धाम ओरेठी , विशेष रूप से मध्य प्रदेश राज्य के जिला मुरैना के तहसील पोरसा में एक धार्मिक स्थल है। यह देवी माँ ...
14/03/2025

माँ आसमानी धाम ओरेठी , विशेष रूप से मध्य प्रदेश राज्य के जिला मुरैना के तहसील पोरसा में एक धार्मिक स्थल है। यह देवी माँ आसमानी की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है
🔸 जहां दर्शन से मिलता है संतान सुख 🔸

आसमानी माता मंदिर। मंदिर की विशेषता है कि यहां संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर आने वाले लोगों की मनोकामना पूरी होती है।

अंचल के बुजुर्ग बताते हैं कि कंस के कारागार में बंद यशोदा के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने के बाद उन्हें वसुदेव नंदगांव छोड़ आए। इधर कंस को जब देवकी की आठवीं संतान के पैदा होने की जानकारी लगी तो कृष्ण की जगह योगमाया के स्वरूप में नवजात बालिका कारागार में मिली। कंस ने आकाशीय बिजली के स्वरूप में जन्मी योगमाया को जैसे ही गोद में लेकर उसका बध करने के लिए जमीन पर पटकना चाहा, योगमाया उसके हाथों से छिटक कर बिजली की तरह आसमान में समा गई। 90 साल पहले गांव में ही रहने वाले देवी भका रव. सरमन कुशवाह को माता ने स्वप्र में आकर अपनी प्रतिमा स्थापित करने के लिए कहा और तभी से यहां इन्हीं की पूजा होती आ रही है।

💢 1975 में संतान प्राप्ति होने पर इंदौर के सेठ ने कराई थी नई प्रतिमा की स्थापना सन 1930 में शरमन भगत ने शक्ति स्वरूप को जागृत किया। सन 1975 में इंदौर के एक सेठ माछीराम अरोड़ा के पास कोई संतान नहीं थी। वे कारोबार के काम से इस क्षेत्र में आए और उन्होंने संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी। जब उन्हें संतान हुई तो उन्होंने 1975 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और एक नई मूर्ति की स्थापना भी कराई। आज भी वही प्राचीन मूर्ति देव भूमि पर स्थापित है। 1978 में मंदिर पूर्णतः बनकर तैयार हो गया। द्वारा से भव्य निर्माण पूर्व कृषि मंत्री और वर्तमान मे विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने करवाया |

🔸हर साल नवमी-दशमी को लगता है मेला🔸

प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना की अर्जी लगाने एवं मां आसमानी के दर्शन करने औरेठी धाम पहुंचते हैं। नवरात्रि के नवमी और दशमी के दिन आसमानी माता के मेले का दो दिवसीय आयोजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि औरतों के लिए माता के मेले में अंगार का सामान एवं सिंदूर खरीदना काफी शुभ होता है। पूरे भारत में मां आसमानी का मुख्य मंदिर औरेठी धाम में ही स्थित है।

💢 Hagtage 💢

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कल शाम आरती की कुछ तस्वीरें  #वायरल  #ट्रेंडिंगवीडियो  #ट्रेंडिंगरील्स  #रील्स  #वायरलपोस्ट  #पोस्ट  #इंस्टाग्राम
11/02/2025

कल शाम आरती की कुछ तस्वीरें
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15/12/2024

माँ आसमानी धाम ओरेठी , विशेष रूप से मध्य प्रदेश राज्य के जिला मुरैना के तहसील पोरसा में एक धार्मिक स्थल है। यह देवी माँ आसमानी की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है
🔸 जहां दर्शन से मिलता है संतान सुख 🔸

आसमानी माता मंदिर। मंदिर की विशेषता है कि यहां संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर आने वाले लोगों की मनोकामना पूरी होती है।

अंचल के बुजुर्ग बताते हैं कि कंस के कारागार में बंद यशोदा के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म लेने के बाद उन्हें वसुदेव नंदगांव छोड़ आए। इधर कंस को जब देवकी की आठवीं संतान के पैदा होने की जानकारी लगी तो कृष्ण की जगह योगमाया के स्वरूप में नवजात बालिका कारागार में मिली। कंस ने आकाशीय बिजली के स्वरूप में जन्मी योगमाया को जैसे ही गोद में लेकर उसका बध करने के लिए जमीन पर पटकना चाहा, योगमाया उसके हाथों से छिटक कर बिजली की तरह आसमान में समा गई। 90 साल पहले गांव में ही रहने वाले देवी भका रव. सरमन कुशवाह को माता ने स्वप्र में आकर अपनी प्रतिमा स्थापित करने के लिए कहा और तभी से यहां इन्हीं की पूजा होती आ रही है।

💢 1975 में संतान प्राप्ति होने पर इंदौर के सेठ ने कराई थी नई प्रतिमा की स्थापना सन 1930 में शरमन भगत ने शक्ति स्वरूप को जागृत किया। सन 1975 में इंदौर के एक सेठ माछीराम अरोड़ा के पास कोई संतान नहीं थी। वे कारोबार के काम से इस क्षेत्र में आए और उन्होंने संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी। जब उन्हें संतान हुई तो उन्होंने 1975 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और एक नई मूर्ति की स्थापना भी कराई। आज भी वही प्राचीन मूर्ति देव भूमि पर स्थापित है। 1978 में मंदिर पूर्णतः बनकर तैयार हो गया। द्वारा से भव्य निर्माण पूर्व कृषि मंत्री और वर्तमान मे विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने करवाया |

🔸हर साल नवमी-दशमी को लगता है मेला🔸

प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना की अर्जी लगाने एवं मां आसमानी के दर्शन करने औरेठी धाम पहुंचते हैं। नवरात्रि के नवमी और दशमी के दिन आसमानी माता के मेले का दो दिवसीय आयोजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि औरतों के लिए माता के मेले में अंगार का सामान एवं सिंदूर खरीदना काफी शुभ होता है। पूरे भारत में मां आसमानी का मुख्य मंदिर औरेठी धाम में ही स्थित है।

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12/10/2024

आज माँ आसमानी धाम पर महाष्टमी (महाआरती ) का आयोजन किया गया। बहुत सारे भक्त गण आये और माँ की आरती की
10/10/2024

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