26/10/2025
तेरे जाने के बाद सब कुछ वीरान हो गया,
दिल था जो रोशनी से भरा, अब सुनसान हो गया।
तेरी हँसी की गूँज अब तक दीवारों में है,
हर कोना तेरे नाम से पहचान हो गया।
सोचा था वक्त मरहम बनेगा इन ज़ख्मों पर,
पर हर पल तेरी याद से एहसान हो गया।
जो ख्वाब तेरे साथ देखे थे कभी मैंने,
वो अब आँखों का काँटा, अरमान हो गया।
लोग कहते हैं “भूल जा,” पर कैसे भूलूँ तुझे,
तू ही तो मेरी रूह का एक बयान हो गया।
अब इश्क़ से डर लगता है, ये सच्चाई है,
क्योंकि पहला ही इश्क़ मेरा इम्तहान हो गया।