14/07/2025
आरव ने अपनी माँ, सुधा, को हमेशा टोकते हुए कहा कि वह कुछ नहीं समझती। वह अपने कमरे का दरवाज़ा जोर से पटककर बाहर निकल गया। सुधा एक साधारण गाँव की महिला थीं जिन्होंने अपने पति की मौत के बाद आरव को पढ़ाया। वह मजदूरी करके आरव को शहर के बड़े कॉलेज में भेजने में सफल रहीं। लेकिन आरव शहर जाकर बदल गया और अपनी माँ को गंवार कहने लगा। सुधा बीमार हो गईं, लेकिन उन्होंने आरव को नहीं बताया। उन्होंने एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने आरव से माफी मांगी और उसे अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। आरव को चिट्ठी मिलने के बाद, वह अपनी माँ की ममता और बलिदान को समझ गया और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी। माँ का दिल बहुत बड़ा होता है, और वह चोट सहती है लेकिन दिखाती नहीं। बेटा या बेटी चाहे जितने बड़े हो जाएं, माँ की ममता उनके लिए कभी छोटी नहीं होती।