
24/08/2025
आज सदन में एक विल प्रस्तुत किया गया, इसके कानून बनने पर प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री, मंत्री आदि यदि गम्भीर आपराधिक मामलों में 30 दिन जेल में रहते है तो उनको अपने पद से हटना पड़ेगा..…।।
इस विल के पीछे यह तर्क यह दिया जा रहा है कि इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार खत्म होगा जबकि सच यह है कि इससे राजनीतिक भ्रष्टाचार खत्म नही होगा बल्कि संघीय ढांचे पर प्रहार होगा, शक्तियों का केन्द्रीयकरण होगा, एक दलीय तानाशाही की स्थापना होगी।
गुजराती धूर्तो का यह नया घटिया प्लान है जो भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम एक दलीय तानाशाही की स्थापना के लिए सदन में प्रस्तुत किया गया है....।।
बताईये देश की सारी जांच एजेंसियां केंद्रीय सरकार के अधीन है, क्या उनकी इतनी हैसियत है कि वह प्रधानमन्त्री, गृहमंत्री या किसी भी केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कोई आपराधिक मामला पंजीकृत कर सकती है...?
जबकि यह जांच एजेंसियां केंद्रीय सरकार के आदेश पर किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री के खिलाफ अनगिनत फर्जी मामले में फंसाकर जेल में बन्द करके महीनों तक सड़ा सकते है....।।
जब इस तरह का कानून नही था, तब इस देश की केंद्रीय एजेंसियों को सरकार चलाने, बनाने, पलटने के लिए कितना दुरुपयोग गुजराती लफ़ंडरो ने किया है, यह किसी से छिपा नही है। विपक्ष के तमाम नेताओ को फर्जी मामलों में बन्द करके महीनों जेल में सड़ाया गया है। सत्येंद्र जैन का मामला ताज़ा नजीर है, उनको सात महीना जेल में सड़ाने के बाद कोर्ट ने उनको यह कहते हुए छोड़ दिया कि जांच एजेंसी के पास कोई सबूत नही है....।।
ऐसे में जब इस कानून का पॉवर मिल जाएगा तो आप सोच सकते है ये गुजराती लफ़ंडर सरकार बनाने, चलाने, पलटने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का कितना दुरुपयोग कर सकते है। हर स्टेट को इस कानून की आड़ में केंद्रीय एजेंसियों का भय दिखाकर ब्लैकमेल किया जाएगा....।।
दरअसल इन धूर्तो की नियति कभी साफ नही रहा, ये सब ठान चुके है कि जनता को गुलाम बनाकर वर्षो तक राजा की तरह राज करना है, यह विल उसी की दिशा मे एक घटिया प्रयास है। इस विल को न रोका गया तो राज्य सरकारो को इसका खामियाजा भोगना पड़ेगा....।।
इसे रोकने मे महत्वपूर्ण भूमिका नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू निभा सकते है लेकिन एक तो मानसिक बीमारी से ग्रस्त होकर पागल हो गए है, उनका क्या ठिकाना वो कुछ कर पाएंगे और दूसरा केंद्र को बारगेन करके धन वसुलने में लगा है तो उसका भी कोई ठिकाना नही है लेकिन यह तय है कि यदि यह विल कानून बन गया तो सबसे पहले नीतीश और चंद्रबाबू नायडू ही पेले जाएंगे .....।।
बाकी जनता की दशा तो जजमान टाइप बन ही चुकी है, भभा रहा है, फिर भी जय हो जय हो कर रहे है क्योकि जजमान की नियति में शोषण और गुलामी लिखा होता है..।।
#130वांसंविधानसंसोधनविधेयक #तानाशाहीकीस्थापना #लोकतँत्रकीहत्याकाप्रयास