04/04/2025
दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल द्वारा एक गर्भवती महिला का इलाज करने से इनकार करना, केवल इसलिए कि उन्होंने 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान नहीं किया, यह अत्यंत असंवेदनशील और अमानवीय कृत्य है। इस प्रकार की स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि मानवता और चिकित्सा सेवा से अधिक अस्पतालों के लिए केवल पैसा महत्वपूर्ण हो गया है।
यह गंभीर और निंदनीय है कि एक महिला और उसके होने वाले बच्चे की जान को पैसों की वजह से खतरे में डाला गया जिसकि वजह से महिला की मृत्यु हो गयी ।
यह महाराष्ट्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस जघन्य कृत्य पर कड़ी कार्रवाई करें और अस्पतालों को ऐसी अमानवीय प्रथाओं से रोकें। हर इंसान को सही इलाज का अधिकार है, खासकर एक गर्भवती महिला को, जो अपने जीवन और बच्चे के लिए संघर्ष कर रही होती है। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार इस मामले में तुरंत कार्रवाई करेगी और ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सबसे पहले दीननाथ हॉस्पीटल पर करवाई करें ।
यह घटना अस्पतालों की नैतिकता और मानवीय दृष्टिकोण को पूरी तरह से सवालों के घेरे में डालती है। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और हमें इस पर गंभीर विचार करना होगा।
Shweta Shalini RJ Sumit Anand Sharda Madhukar Keshav Ropaam Dey