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*दो दिनों से लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर, धर्मजयगढ़ विधान सभा के कई गांव का सड़क संपर्क टूटा, निजी स्कूल के कई बच्च...
23/08/2025

*दो दिनों से लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर, धर्मजयगढ़ विधान सभा के कई गांव का सड़क संपर्क टूटा, निजी स्कूल के कई बच्चे रास्ते में फंसे*

नरेश शर्मारायगढ़। बीती रात से जारी मूसलधार बारिश ने धरमजयगढ़ अंचल को मानो जलराशि के घेरे में कैद कर दिया है। गाँव-गा.....

22/06/2025
20/06/2025

*नवा रायपुर में ₹350 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की होगी स्थापना:- ओपी चौधरी*

रायगढ़ :- वित्त मंत्री विधायक रायगढ़ ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी उपलब्धि की जानकारी साझा करते हुए कहा नवा रायपुर में एक और राष्ट्रीय स्तर के संस्थान की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया। नवा रायपुर में 350 करोड़ रुपए की लागत से राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इससे न केवल नवा रायपुर का विकास होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ फॉरेंसिक शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभरेगा। यह प्रदेश के युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को उन्नत बनाएगा ।

CM Sai Cabinet Expansion Delay : अड़ंगा, जोर, जुगाड़ और अफवाहों से टल गया कैबिनेट विस्तारअमर अग्रवाल से ज्यादा गजेंद्र-पुर...
10/04/2025

CM Sai Cabinet Expansion Delay : अड़ंगा, जोर, जुगाड़ और अफवाहों से टल गया कैबिनेट विस्तार

अमर अग्रवाल से ज्यादा गजेंद्र-पुरंदर के नामों को लेकर सीनियरों को कोफ़्त, विरोध के मद्देनजर कैबिनेट के बजाए राज्य मंत्री से करना न पड़े संतोष

CM Sai Cabinet Expansion Delay :

छत्तीसगढ़ शासन में तीन नए मंत्रियों के शामिल करने को लेकर चल रहे प्रयास फ़िलहाल के लिए टल गया है। काफी वक्त से CM साय कैबिनेट के विस्तार की मुहूर्त टल रहा है। अब चौंथी बार तीन नए संभावित मंत्रियों के नामों और संगठन मंत्री की आमदरफ्त के बाद मुख्यमंत्री द्वारा दिए मिडिया को बयान से लगने लगा था कि हनुमान जयंती तक शपथ ग्रहण हो जायेगा।

तीन नए संभावित नामों के खुलासे के बाद से ही भाजपा के सियासी गलियारे में अड़ंगा, जोर, जुगाड़ और अफवाहों की वजह से एक बार फिर बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार ताल दिया गया है। पार्टी के भीतरखाने से खबर आ रही है कि तीन में से दो नए नामों खासकर गजेंद्र यादव और पुरंदर मिश्रा के नामों को लेकर नाराज और वरिष्ठ विधायकों की भृकुटि तन गई है।

वैसे भी मिनिस्टर इन वेटिंग में वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व अनुभवी मंत्रियों अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी समेत संगठन के चंद नेता भी नाखुश हैं। तीन संभावित नामों में महज अमर अग्रवाल ही ऐसे एकमात्र पार्टी विधायक हैं जिनके नाम पर मुखर विरोध नहीं हुआ है। लेकिन महज जातिगत समीकरण, पैतृक योगदान और ओडिशा लॉबी की वजह से सीनियरों की अनदेखी कर किसी को भी बतौर मंत्री थोप देने का विरोध तेज हो गया है।

प्रदेश संगठन से दिल्ली दरबार तक शटरांग
सूत्रों की मानें तो पुरंदर मिश्रा के लिए पहले विधायक टिकिट के वक्त भी रायपुर से लेकर दिल्ली तक ओड़िया लॉबी लगी रही अब मंत्री पद के लिए वही लॉबी सक्रीय है। जबकि गजेंद्र यादव के लिए उनकी राजनितिक पृष्ठ्भूमि पिता का नाम और बिहार चुनाव में जातिगत समीकरण की वजह से नामजद किया गया है। इसलिए प्रदेश संगठन, वरिष्ठ लेकिन हाशिये पर बैठे छत्तीसगढ़ के पार्टी नेता संघ, आदिवासी कल्याण आश्रम समेत दिल्ली चैनल को खंगलने में लग गए है। लब्बोलुआब यह कि जिन दो नामों पर आपत्ति है कहीं उन्हें राजयमंत्री का दर्जा लेकर ही शांत ना बैठना पड़े।

10/03/2025

*रायपुर बड़ी खबर,*

*EX CM भूपेश बघेल के निवास में ED की रेड,*

*तड़के सुबह पहुंची ED की टीम,*

*चैतन्य बघेल घर समेत कई जगहों पर ED ने की रेड,*

*कांग्रेस ने जारी प्रतिक्रिया में कहा _*

*भाजपा के इशारे पर ईडी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई निवास पर ईडी पहुंची है ..*

*निगम महापौर की ”अजीब है कहानी” कभी एक मजदूर इस सीट पर बैठता है, कभी हाउस वाईफ तो कभी किन्नर, अब क्या चाय वाला बनेगा महा...
27/01/2025

*निगम महापौर की ”अजीब है कहानी” कभी एक मजदूर इस सीट पर बैठता है, कभी हाउस वाईफ तो कभी किन्नर, अब क्या चाय वाला बनेगा महापौर…..!*

रायगढ़. नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होनें के बाद अब प्रत्याशियों की भी घोषणा हो चुकी है। रायगढ़ नगर निगम के सभी 48 वार्ड....

20/01/2025

*छत्तीसगढ़ में आचार संहिता लागू*

*राज्य निर्वाचन आयोग ने की घोषणा*

*छत्तीसगढ़ में कुल 192 निकाय है जिनमे 14 नगर निगमों में से 10 नगर निगम में चुनाव होगा*

*54 नगर पालिका और 124 नगर पंचायतों में से 114 नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए चुनाव कराये जायेंगे*

*अब इन बातों का रखना होगा ध्यान:*

*राज्य शासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है*

*आचार संहिता से संबंधित विषय पर तत्कालिक निर्णय लेना आवश्यक हो तो राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श कर निर्णय लिया जाए*

*कर्मचारियों व अधिकारियों को कलेक्टर की बिना अनुमति के अवकाश स्वीकृत नहीं होगा*

*नियुक्ति व पदस्थापना भी प्रतिबंधित रहेगी*

*सरकार के मंत्री और जनप्रतिनिधि कोई घोषणा नहीं कर पाएंगे और न ही भूमिपूजन या लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे*
*लाउडस्पीकर के उपयोग, वाहनों की व्यवस्था, विश्रामगृहों व भवनों में कमरों का आरक्षण*
*स्थानीय निकायों, शासकीय उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं आदि के वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध के संबंध में निर्देश*

*तीन चरणों में होगा मतदान*

*प्रथम चरण 18-02-25*

*द्वितीय चरण 20-02-2025*

*तृतीय चरण* *23-02- 2025*

*को कराया जायगा मतदान*

*कलेक्टर के निर्देश पर दूसरे दिन विभागों का निरीक्षण, 26 कर्मचारी मिले अनुपस्थित, एक दिन का कटेगा वेतन*
16/01/2025

*कलेक्टर के निर्देश पर दूसरे दिन विभागों का निरीक्षण, 26 कर्मचारी मिले अनुपस्थित, एक दिन का कटेगा वेतन*

रायगढ़। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर आज दूसरे दिन प्रभारी अपर कलेक्टर श्रीमती ऋषा ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर...

*एनटीपीसी तलईपल्ली में किया गया टीबी जागरूकता एवं निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन*
16/01/2025

*एनटीपीसी तलईपल्ली में किया गया टीबी जागरूकता एवं निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन*

घरघोड़ा, 16 जनवरी: एनटीपीसी तलईपल्ली कोयला खनन परियोजना द्वारा कामगारों के लिए क्षय रोग (टीबी)…

*एनटीपीसी तलईपल्ली में किया गया टीबी जागरूकता एवं निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन*
16/01/2025

*एनटीपीसी तलईपल्ली में किया गया टीबी जागरूकता एवं निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन*

घरघोड़ा, 16 जनवरी: एनटीपीसी तलईपल्ली कोयला खनन परियोजना द्वारा कामगारों के लिए क्षय रोग (टीबी) जागरूकता और निःशुल्क ज...

01/11/2024

24 सालों में क्या बदला छत्तीसगढ़ में विकास के पथ पर क्यों नही अग्रसर हो रहा है हमारा छत्तीसगढ़
नरेश शर्मा
छत्तीसगढ़ आज अपना 24वां स्थापना दिवस मना रहा है। सन् 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल विहारी बाजपेयी के द्वारा बनाये गए छत्तीसगढ़ को अब पूरे 24 साल हो गए हैं और इन 24 सालों में छत्तीसगढ़ को जो मिलना था वह शायद अभी तक नही मिल पाया है। खनिज संपदा से भरपूर छत्तीसगढ़ में कोई कमी नही है और यहां हर जिले में कोयला, हीरा, आयरन के साथ-साथ कई खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं और इसी के चलते सरकार का खजाना हमेशा भरा रहता है। अगर हम 2000 से लेकर 24 सालों के सफर पर नजर डालें तो लगता है कि जिस प्रकार नया छत्तीसगढ़ शुरूआती दौर में रफ्तार पकड रहा था वह रफ्तार अब थम गई है।
जर्जर सड़कें और बढ़ती बेरोजगारी बन गई है पहचान
बीते 24 सालों में छत्तीसगढ़ को नया कुछ नही मिला न तो यहां एक जिले से दूसरे जिले को जोडने वाली सड़कें बद से बदतर स्थिति में है। हाईवे हो या नेशनल हाईवे उनकी भी स्थिति धीरे-धीरे और खराब हो रही है। कहा ये जाता है कि छत्तीसगढ़ की अपेक्षा ओडिसा की सड़कें ज्यादा बेहतर है और छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दबाव के बाद भी इनकी हालत नही सुधर पा रही है। जनता इस बात को लेकर हैरान है कि अरबो के बजट के बाद भी आखिरकार क्या कारण है कि राजनीतिक दल के लोग विकास में सबसे ज्यादा सहयोग देने वाली सड़कों को नही सुधार पाती। अगर हम बात करें लगातार बढ़ते उद्योग संसाधनों की बावजूद इसके बेरोजगारी चारगुनी रफ्तार से बढ़ गई है। सिमित संसाधनों की दुहाई देते हुए सरकार के नुमाइंदे हर बार सरकार में आने से पहले इसे मुद्दा बनाते हैं और जैसे ही सरकार में आते हैं वे बेरोजगारों को भूल जाते हैं। आज छत्तीसगढ़ के उद्योगों में ज्यादातर यूपी बिहार के अलावा अन्य प्रांतों से आये लोग बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगारों को नाम मात्र की जगह देकर तालियां बंटोरी जाती है। बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनते जा रही है और इसको लेकर युवा अब सड़कों पर उतरने की तैयारी में लगे हैं। पीएससी की भर्ती में हुए घोटाले हो या सब इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले या शिक्षक भर्ती में हुई गडबड़ी सरकारों को कटघरे में खड़ा कर रही है।
राजनीतिक दलों के लोगों में नही है गंभीरता
2000 में जब छत्तीसगढ़ बना था तब मध्यप्रदेश से अलग होकर यहां ढाई साल के लिये प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपनी कोशिश के जरिये छत्तीसगढ़ को तेजी से विकास के पद पर आगे ले जाने की कई प्लांनिग की थी और ढाई साल के भीतर कुछ काम भी हुए थे। इसके बाद के चुनाव में उनकी पार्टी की ऐसी हार हुई कि 15 सालों तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रही जिसमें डाॅ रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का विकास तेजी से होनें के वादे किये गए पर हकीकत से कोसो दूर आज भी छत्तीसगढ़ जस का तस है जहां धूल उडाती सड़के, उद्योगों से निकलने वाली जहरीला धुआ के अलावा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार चार गुनी रफ्तार से देखने को मिला। अब 24 साल का यह छत्तीसगढ़ जवान होनें के बाद विकास के लिये छटपटा रहा है लेकिन राजनीतिक दलों के लोगों द्वारा जनता के साथ केवल झूठे वादे करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते नजर आ रहे हैं और जनता कहराती हुई यह कहने से नही चूक रही कि वाकई 24 साल का छत्तीसगढ़ ऐसा है जहां सपने भी देखना दुभर हो गया है।

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