20/10/2025
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष आदरणीय श्री पुष्पेंद्र प्रताप सिंह जी ने, भावुक हो, कई बार अपने आंसुओं को पोंछते हुए,
अपने मन की वह बात कही, जिसे सतना का हर भाजपा कार्यकर्ता और स्वर्गीय शंकरलाल जी से वास्ता रखने वाला हर इंसान कहना चाहता है, पर सत्ता के भय से कह नहीं पाया।
मंच पर ही बकायदे मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, जिला प्रशाशन को जम कर खरी खोटी सुनाई।
जस का तस
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अटल बिहारी वाजपेयी के दौर की एक वह भाजपा और एक आजकी, भाजपा का वो कार्यकर्ता जिसने आपातकाल में 18 महीने जेल में बिताए
जिसने अपने जीवन के पांच दशक 50 वर्ष दिए, अबकी भाजपा को अपने ही कार्यकर्ता की कीमत नहीं महसूस होती है,
मुख्यमंत्री जी को हवाई जहाज मिल गया, पर शंकरलाल जी को 7 दिन पहले हेलीकॉप्टर मिल जाता तो शायद हम लोग श्रद्धांजलि सभा से बच जाते
पर अब भाजपा को अपने ही कार्यकर्ता की कोई कीमत नहीं, इस बीजेपी को बड़ी महंगी पड़ेगी ये लापरवाही
शंकर लाल कोई एक दिन में तैयार नहीं होता, शंकर लाल बनने के लिए जो 50 वर्ष देगा वही बन पाएगा।
हम उस घर से आते हैं, जहां खाना पानी का आभाव नहीं था, पर शंकरलाल जी ने अपने घर, परिवार, भाई, मां, बहन, पत्नी, बच्चों को जिस तरीके से कष्ट में डालकर खुद भारतीय जनता पार्टी का काम किया, वह अविस्मरणीय है, कोई नहीं कर सकता
दो दो रोटी के लिए परिवार तरसता था, आपातकाल के समय, उस समय बहुत सारे कार्यकर्ता थे जो उनके लिए राशन की व्यवस्था करते थे पर तब भी वह भारतीय जनता पार्टी का काम करते थे
आज तो हम उस चमक दमक वाली भाजपा में है, जहां हजार मीटर का कुर्ता, हजार मीटर का पैजामा, बढ़िया दुपट्टा और एक बढ़िया गाड़ी ना हो तो हम भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं कहलायेंगे
1980 में पार्टी का जन्म हुआ, तब यही सतना के मेरे साथी, उस समय कभी वैमनस्यता नहीं हुई, पार्टी की परंपरा रही कि अपने व्यक्तिगत संबंध कभी खराब नहीं हुए
शंकर लाल तिवारी जी को जो लोग आज श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं मैं उनका मुंह तक नहीं देखना चाहता
इतना बड़ा कार्यकर्ता की एम्स में लावारिस लाश की तरह पड़ा रहा 10 20 दिन, तब मुख्यमंत्री क्या कर रहा था ?
तब खंडेलवाल क्या कर रहे थे, तब शिवराज सिंह क्या कर रहे थे, तब प्रदेश का नेतृत्व क्या कर रहा था ?
आज यहां श्रद्धांजलि देने आए हुए यह लोग काश ! विजिट कर लेते तो शंकरलाल जी हमारे बीच होते।
बड़ा अचरज होता है, एम्स भारत का सर्वोच्च संस्थान है स्वास्थ्य के मामले में,
उसे ही नहीं पता चल पाया कि उनको रोग क्या है, जब भी फोन करो तो पता चला बुखार आ गई है, कमजोरी है, ठीक नहीं हो रही
सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी, की इसमें SIT का गठन होना चाहिए, की उनकी मृत्यु का कारण क्या है
और एम्स के उन डॉक्टरों और स्टाफ से इंक्वारी होनी चाहिए कि तुम बताओ की तिवारी जी को हुआ क्या था ?
बुखार तो हर घर में आ रही है सतना में, यहीं ठीक होते हैं
मगर दिल में यह कसक है, इतनी बड़ी सरकार होते हुए भी, 20 साल से सत्ता में होते हुए भी,
50 साल, पांच दशक देने वाला कार्यकर्ता, जो आपातकाल में तिल तिल कर के मरा 18 महीने,
उसको हम एयर लिफ्ट करके दिल्ली नहीं भेज पाए
आज हवाई जहाज से cm आ रहे हैं, पूरा प्रशासन लगा हुआ है
तब ना यहां के कलेक्टर ने चिंता की ?
ना यहां के एसपी ने चिंता की ?
ना मुख्यमंत्री ने चिंता की
ना प्रदेश अध्यक्ष ने की,
ये डूब कर मर जाने वाली बात है जिला प्रशासन को भी
तिरंगे में लिपेट कर सलामी दे रहे हो कि यह मीसाबंदी है
जब वह मर रहे थे तब जिला प्रशासन को याद नहीं आई ? की कोई दिक्कत तो नहीं है ?
उनकी व्यवस्था नहीं की गई तो इस बात का कष्ट हम लोगों को रहेगा, एक-एक कार्यकर्ता को रहेगा Part 21