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*पहलगाम आतंकी हमला: खारून गंगा महाआरती में दी गई श्रद्धांजलि, न्याय की मांग से गूंज उठा रायपुर*स्थान: महादेव घाट, रायपुर...
26/04/2025

*पहलगाम आतंकी हमला: खारून गंगा महाआरती में दी गई श्रद्धांजलि, न्याय की मांग से गूंज उठा रायपुर*

स्थान: महादेव घाट, रायपुर (छत्तीसगढ़) । रायपुर का महादेव घाट सोमवार की शाम शोक, श्रद्धा और एकता का प्रतीक बन गया, जब पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए खारून गंगा महाआरती का आयोजन किया गया। सैकड़ों नहीं, हजारों लोगों की मौजूदगी ने ये साफ कर दिया कि भारतवासी आतंक के खिलाफ एकजुट हैं, और न्याय की पुकार अब हर कोने से उठ रही है।

हाथों में तख्तियां लिए, आँखों में आँसू और दिल में आक्रोश लिए लोग घाट पर एकत्रित हुए। तख्तियों पर लिखे नारे – "आतंक का जवाब चाहिए", "मासूमों का खून नहीं जाएगा व्यर्थ", "भारत झुकेगा नहीं" – माहौल को भावुक बना रहे थे।

विशेष पूजन और सामूहिक मौन के साथ महाआरती की गई। हर दीपक, हर मंत्र और हर आह्वान, उन मासूमों को समर्पित था जो इस नृशंस हमले का शिकार बने। अर्चकों द्वारा विशेष पूजा कर मृत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई, और फिर मां खारून गंगा से प्रार्थना की गई कि देश के सैनिकों को शक्ति और साहस मिले, ताकि वे हर आतंकी ताकत का मुकाबला कर सकें।

दीपदान करते समय घाट का हर कोना रोशनी से जगमगा उठा – जैसे पूरा शहर यह कहना चाह रहा हो कि "अंधेरा चाहे जितना भी गहरा हो, दीयों की लौ बुझाई नहीं जा सकती।"

भीड़ में मौजूद लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और खुलकर मांग की कि जो आतंकी इस जघन्य अपराध में शामिल हैं, उन्हें सिर्फ सजा नहीं, बल्कि सबक सिखाया जाना चाहिए, ताकि आगे कोई मासूम जान ना जाए।

"मां खारून गंगा महाआरती महादेव घाट जनसेवा समिति" की ओर से सरकार से मांग की गई कि पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को न्याय दिलाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में समिति ने कहा –

"ये वक्त सिर्फ शोक मनाने का नहीं, इंसानियत को एकजुट कर आतंक के खिलाफ खड़े होने का है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता — यह सिर्फ एक अमानवीय सोच है, जिसे हर स्तर पर कुचलना होगा।"

समिति ने अंत में सभी भक्तों और आम नागरिकों से अपील की कि वे प्रतिदिन खारून गंगा महाआरती में शामिल होकर प्रार्थना करें और एकता का संदेश फैलाएं।

“मेरी हत्या कर दो, जेल में डाल दो, फिर भी खारून गंगा आरती नहीं होगी बंद” — वीरेंद्र सिंह तोमररायपुर, छत्तीसगढ़:छत्तीसगढ़...
23/04/2025

“मेरी हत्या कर दो, जेल में डाल दो, फिर भी खारून गंगा आरती नहीं होगी बंद” — वीरेंद्र सिंह तोमर

रायपुर, छत्तीसगढ़:
छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और धार्मिक परंपराओं के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस राज्य की पहचान इसकी विविधता में एकता, त्योहारों की भव्यता और धार्मिक आयोजनों की गरिमा से होती है। इन्हीं आयोजनों में एक है खारून गंगा महा आरती, जो प्रतिदिन महादेव घाट स्थित खारून नदी के पावन तट पर सम्पन्न होती है।

यह आरती न केवल प्रदेश की गहरी धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता, एकजुटता और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार का भी एक मजबूत माध्यम है। परंतु हाल के दिनों में यह आयोजन कुछ असामाजिक तत्वों को खटकने लगा है। आयोजकों को आरती बंद करने की धमकियाँ दी जा रही हैं और जानबूझकर आयोजन में बाधाएँ उत्पन्न की जा रही हैं।

खारून गंगा आरती के प्रमुख आयोजक श्री वीरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“मैं जेल चला जाऊं या मेरी हत्या कर दी जाए, लेकिन खारून गंगा आरती कभी बंद नहीं होगी। यह आरती हमारी आस्था की पहचान है और इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता।”

श्री तोमर ने बताया कि यह आयोजन निरंतर सनातन धर्म को जन-जन तक पहुँचाने, युवाओं को आध्यात्म से जोड़ने और समाज में सकारात्मकता फैलाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन दुर्भाग्यवश, कुछ लोग इस दिव्य परंपरा को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे शांति और श्रद्धा का वातावरण प्रभावित हो रहा है।

माँ खारून गंगा आरती महादेव घाट समिति प्रशासन और समाज के सभी वर्गों से अपील करती है कि वे इस धार्मिक आयोजन की रक्षा में साथ खड़े हों और ऐसे असामाजिक प्रयासों का विरोध करें।

*अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण केवल वादा नहीं बल्कि एक प्रतिज्ञा थी - अशोक बजाज* *ग्राम छांटा और परसदा के मानस सम...
11/04/2025

*अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण केवल वादा नहीं बल्कि एक प्रतिज्ञा थी - अशोक बजाज*

*ग्राम छांटा और परसदा के मानस सम्मलेन में बजाज ने कहा कि समूचा देश बार बार के चुनाव से मुक्ति चाहता है*

नवापारा राजिम / जिला पंचायत रायपुर के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक बजाज ने अभनपुर क्षेत्र के ग्राम छांटा और परसदा में आयोजित मानस सम्मलेन में कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से देश में सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था पहले से बढ़ी है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण केवल वादा नहीं बल्कि एक प्रतिज्ञा थी जो पूरी हुई. प्रयागराज के महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने डूबकी लगा कर धर्म के प्रति आस्था का परिचय दिया है. श्री बजाज ने कहा कि देश में हो रहे बड़े बदलाव के कारण दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. आज "एक देश-एक चुनाव" की चर्चा हो रही है, पूरा देश बार बार के चुनाव से मुक्ति चाहता है. एक देश एक चुनाव से समय, श्रम व धन की बचत होगी. आप लोग भी अपने ग्राम पंचायत से प्रस्ताव पारित कर सीधे राष्ट्रपति को भेंजें ताकि राष्ट्रपति को आपकी धारणा की जानकारी हो सके. इससे उन्हें निर्णय लेने में सुविधा होगी. इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती चंद्रकला ध्रुव, जिला पंचायत सदस्य अन्नू तारक, पूर्व मंडल अध्यक्ष अभनपुर अनिल अग्रवाल एवं खोरपा के मंडल अध्यक्ष किशोर साहू , जनपद सदस्य ब्रह्मानंद साहू, सरपंच ऐसकुमार साहू, गोपाल साहू, गुलाब साहू, दशरथ साहू, अशोक साहू, कमलनारायण साहू, भावेश दिवाकर, कृष्ण कुमार, राजू साहू, रूपनारायण, युवराज साहू, सरपंच परसदा रमेश वर्मा, तारिणी साहू, खेलावन साहू, टीकू यादव, ललित , मोहन साहू, महेंद्र वर्मा, जगदीश साहू, बोधन ध्रुव, गोपाल साहू, होरी लाल, घनश्याम यादव, रामकुमार हिरवानी, द्वारका हिरवानी, शत्रुघ्न सेन आदि उपस्थित हुए उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना से एक भारत श्रेष्ठ भारत को बल मिलेगा - अशोक बजाजनवापारा राजिम / मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा ...
27/03/2025

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना से एक भारत श्रेष्ठ भारत को बल मिलेगा - अशोक बजाज
नवापारा राजिम / मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के अंतर्गत तीर्थयात्रियों का जत्था आज विशेष ट्रेन से रामेश्वरम, मदुरई एवं तिरुपति के लिए रवाना हुए. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हरी झंडी दिखा कर ट्रेन को रवाना किया। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक बजाज ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना पुनः प्रारंभ करने के लिए विष्णुदेव साय सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि सीनियर सिटीजन एवं निशक्तजनों के लिए यह योजना एक वरदान है. साथ ही साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम को इस योजना से बल मिलेगा. इस पहले जत्थे में अभनपुर, नवापारा के अलावा क्षेत्र के विभिन्न गावों से सैकड़ों की तादात में तीर्थयात्री शामिल है जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी है. सभी तीर्थ यात्री मुख्यमंत्री श्री साय एवं भाजपा सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए प्रसन्नचित होकर गंतव्य की ओर प्रस्थान किये।

बचपन से देखिए बड़े ख्वाब..... दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से यह सपने होते पूरे जनाब!!! रायपुर... आज युवा पीढ़ी अपने भविष्य...
23/12/2024

बचपन से देखिए बड़े ख्वाब..... दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से यह सपने होते पूरे जनाब!!!

रायपुर... आज युवा पीढ़ी अपने भविष्य और रोजगार के लिए बेहद परेशान है ,लेकिन देखा जाए आधुनिक टेक्नोलॉजी और उसके -सही इस्तेमाल से हम बहुत कुछ कर सकते हैं। आपके हाथ में जो एंड्राइड मोबाइल है वह कमाल का है, इसमें दी हुई जानकारी से हम बहुत कुछ कर सकते हैं नकारात्मक से लेकर सकारात्मक। इसका उदाहरण हमें आए दिन देखने को मिलते हैं, सकारात्मक उदाहरण जो देश के हर युवक के लिए प्रेरणा स्रोत है- हरियाणा स्टेट का महेंद्रगढ़ जिला की गौरव- दिव्या तंवर इस बेटी ने बेहद गरीबी के माहौल में 8 बाई 8 के कमरे में अपनी मजदूरी करती मां और बहन के साथ रहती थी दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बल पर पहले आईपीएस फिर आईएएस बनकर पूरे देश में तहलका मचा दिया था सेल्फ स्टडी और एंड्राइड मोबाइल से पढ़ाई कर यह इतिहास रचा था, यह लगभग 2 वर्ष पूर्व की बात है, उम्र भी मात्र 22 से 23 वर्ष के बीच।
ऐसी ही प्रतिभा की धनी हैं छत्तीसगढ़ और कवर्धा की गौरव सुश्री तृप्ति देव साहू..... दुबली पतली काया- दमदार आवाज 23 वर्ष की उम्र के आते तक डिग्रियों का अंबार- बीएससी कंप्यूटर साइंस- एमए इन इंग्लिश- पीजीडीसीए इसके बाद वर्तमान मेंD.Ed कोर्स कंप्लीट कर रही हैं लेकिन खास बात क्या है जब विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने रायपुर में उनके एक पारिवारिक उत्सव में इनकी बेहद जबरदस्त मेहंदी कला को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए बहुत तेजी बेहद पेशेवर अंदाज से मेहंदी डिजाइन करती यह स्टार! आप भी देखें आश्चर्य होगा जब इस बारे में पूछा गया तृप्ति देव ने बताया लगभग 11 12 साल की उम्र से मोबाइल से देखकर मेहंदी डिजाइनिंग सीखा और इसके साथ इनको पेंटिंग डांसिंग का भी शौक है इसको भी इन्होंने अपने मोबाइल से ही सीखा जिसमें क्लासिकल डांस का फुटेज देखकर मन बहुत प्रफुल्लित हो गया अपने भविष्य के बारे में उन्होंने बताया उनका उद्देश्य प्रशासनिक सेवा में जाने का है और इन सब कलाओं के बीच में उसकी भी तैयारी काफी गंभीरता से कर रही हैं ll
सेल्फ मेड का सर्वोत्तम उदाहरण... हिंदी में अच्छी पकड़ रखने वाली सुश्री तृप्ति देव ने कहा-"" सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो- जिन्हें छत तक जाना है- अपनी मंजिल तो आसमान है- रास्ता स्वयं बनाना है"" आगे उन्होंने बताया बचपन से अपनी हॉबी को पूरा करने के लिए मोबाइल से घंटो पहले कागज में फिर अपने हाथ में मेहंदी डिजाइन करना शुरू किया कड़ी मेहनत से यह कल निखरती गई और आज इसमें सेल्फ मेड है और अच्छा खासा पैसा भी मिल जाता है इसी तरह से क्लासिकल डांस में इंटरेस्ट रहा और वह घर में ही मोबाइल देख-देख कर सिखती गई आज इसमें भी परफेक्ट है जब विशेष संवाद दाता ने उनसे पूछा आर्ट और प्रशासनिक सेवा दोनों साथ-साथ लेकर चलेगीं तो उन्होंने कहा -अवश्य असंभव शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है। इन्होंने कहा मेरी इस कला और करियर के लिए मेरे पिताजी श्री देव कुमार साहू जो समाजसेवाऔर राजनीति में सक्रिय है माता श्रीमती अनीता साहू जो पार्षद हैं और भाई पंकज देव साहू और पुष्पेंद्र देव साहू का पूर्ण सहयोग मिलता हैl
स्वावलंबन की ओर बढ़ते सशक्त कदम..... तृप्ति देव का यह जुनून और कला स्वावलंबन की ओर बढ़ते सशक्त कदम को दर्शाता है हर युवा को इससे प्रेरणा मिलती है और कहा जा सकता है" -मंजिले उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है- पंखों से कुछ नहीं होता- हौसलों से उड़ान पूरी होती है"।। सुश्री तृप्ति देव को कई मंचोऔर संस्थान से कई सम्मान मिल चुका है- दीन हीन की सेवा करना और नेचर से प्यार भी इनकी प्राथमिकता में है।।
फोटो.. 1,,महाराष्ट्र के प्रसिद्ध लावणी नृत्य की एक मोहक पोजl
2,,,मेहंदी कला की अनुपम छटा।।

जूनागढ़ उड़ीसा से ध्रुवा गुडी जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़ तक रेलवे लाइन बिछाने की मांग कर रहे लगातार--- प्रदेश और देश की जनत...
19/07/2024

जूनागढ़ उड़ीसा से ध्रुवा गुडी जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़ तक रेलवे लाइन बिछाने की मांग कर रहे लगातार--- प्रदेश और देश की जनता की खुशहाली ही हमारे जीवन का मुख्य सार.... समाजसेवी चिकित्सक दंपति डॉ धीरेंद्र साव एवं डॉक्टर रजनी साव।।
नवापारा /राजिम रायपुर....." हे ईश्वर करें हम- सब का भला-- और दे सबको इतनी शक्ति और कला" यह कहावत छत्तीसगढ़ के जाने-माने सर्जन एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दंपति डॉ धीरेंद्र साव और डॉक्टर रजनी साव पर बिल्कुल सटीक बैठती है। छत्तीसगढ़ी कला- संस्कृति और जन सेवा के लिए समर्पित यह दंपति खामोशी से जनहित के लिए बेहद क्रियाशील रहते हैं।
उड़ीसा से गरियाबंद जिला छत्तीसगढ़ के लिए रेल कनेक्टिविटी के लिए नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री -अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री -एवं श्रीमती रूप कुमारी चौधरी महासमुंद लोकसभा क्षेत्र सांसद से की है यह मांग........ एक खास मुलाकात में डॉक्टर दंपति ने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को बताया कि उड़ीसा के जूनागढ़ तक अगर गरियाबंद जिले के धुर्वा गुड़ी जिसमें बीच में उड़ीसा का धरमगढ़ महत्वपूर्ण व्यापारिक एवं आर्थिक मुख्य कस्बा, छत्तीसगढ़ का अंतिम ब्लॉक तहसील- मुख्यालय एवं व्यापारिक केंद्र देवभोग इससे आगे गोहरापदर जिससे कनेक्टिविटी में छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के सैकड़ो गांव आते हैं इनके लिए आवागमन का बहुत ही सस्ता और व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह क्षेत्र बहुत तेजी से विकास करेगा, बशर्ते धूर्वागुडी जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़ से जूनागढ़ उड़ीसा तक रेल लाइन बिछाई जाए इनके बीच की दूरी लगभग 70 किलोमीटर होती है खास बात यह है यह पूरा इलाका लगभग मैदानी क्षेत्र है रेलवे लाइन बिछाने में ज्यादा खर्च नहीं आएगा, स्थानीय उपज- वनोंउपज और सर्वे किया जाए तो मिनरल्स का यह क्षेत्र भंडार है जिसका दोहन किया जाए जिससे आवागमन के साथ इस बेहद पिछड़े क्षेत्र का भी कायाकल्प हो सकता है, बेरोजगारों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा। फिर आगे जूनागढ़ से उड़ीसा के तमाम महत्वपूर्ण आर्थिक और धार्मिक केंद्र से भी कनेक्टिविटी हो जाएगी जो पूरे क्षेत्र की उन्नति के लिए माइलस्टोन साबित होगा।।
फोटो ---डॉक्टर दंपति ।

छत्तीसगढ़ में सशक्त राजनेता एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रयास से पर्यटक कॉरिडोर  का निर्माण होगा--- ---डॉक्टर द...
11/07/2024

छत्तीसगढ़ में सशक्त राजनेता एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रयास से पर्यटक कॉरिडोर का निर्माण होगा--- ---डॉक्टर दंपति ने ऐतिहासिक एवं पौराणिक राजिम क्षेत्र के लिए यह मांग रखी।।।।
नवापारा राजिम /रायपुर..... रायपुर और छत्तीसगढ़ में अपने शानदार ट्रीटमेंट और छत्तीसगढ़ की माटी- कला- संस्कृति से अगाध लगाव रखने वाले रायपुर के जाने-माने चिकित्सक दंपति डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर रजनी साव ने छत्तीसगढ़ के जाने-माने सशक्त राजनेता एवं वर्तमान रायपुर सांसद के छत्तीसगढ़ पर्यटन कॉरिडोर बनाने के बारे में प्रयास और उसको फलीभूत करने के लिए उनको धन्यवाद देते हुए बहुत ही शानदार मांग रखी हैl
राजिम क्षेत्र का यह नाम हो..... डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं डॉक्टर रजनी साव ने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से बातचीत करते हुए यह कहा अगर छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार राजिम क्षेत्र पर्यटन कॉरिडोर का नाम-- भगवान राजीव लोचन वन गमन पथ कॉरिडोर या भक्त माता कर्मा- राजिम कॉरिडोर रखे तो अति उत्तम होगा डॉक्टर धीरेंद्र साव ने आगे कहा राजिम क्षेत्र पौराणिक और ऐतिहासिक नगरी है, पूरे क्षेत्र का शासन प्राचीन काल में महान प्रतापी क्षत्रिय राजा -जगपाल देव के अंतर्गत था, और उन्हीं के द्वारा भगवान राजीव लोचन और अन्य मंदिरों का निर्माण कराया गया यह बात कलचुरी संवत 896 की है जिसका उल्लेख राजिम में स्थित शिलालेख में हैl डॉक्टर धीरेंद्रसाव ने राम के बारे में चार पंक्ति की बहुत सुंदर कविता सुनाई--- "वे मर्यादा पुरुषोत्तम यूं नही कहलाए ....राम की जिंदगी से हम सब ने आदर्श ही आदर्श पाये ...14 वर्ष के वनवास में कौशल क्षेत्र राजिम आए.... राजीव लोचन बन हर राम भक्त को भाये.".....l विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने डॉक्टर साहब की धर्मपत्नी डॉ रजनी साव से भी कुछ सुनाने का अनुरोध किया -तो उनकी द्वारा सुनाई बहुत सुंदर पैरोडी आप सबके सामने प्रस्तुत है.... "माता कर्मा ने अपने कठिन कर्म योग से असीम अपूर्व भक्ति का मार्ग दिखाया... राम मय कैसे होना है उसमें लीन होकर बताया.".lll

फोटो--- डॉक्टर दंपति

बेहद प्रसंसनीय- अनुकरणीय- रजन कटा ग्राम वासियों के सहयोग भरे कदम----- हर दुख- मुसीबत को करेंगे कमllllनवापारा राजिम/गरिया...
30/06/2024

बेहद प्रसंसनीय- अनुकरणीय- रजन कटा ग्राम वासियों के सहयोग भरे कदम----- हर दुख- मुसीबत को करेंगे कमllll
नवापारा राजिम/गरियाबंद..... "वसुधैव कुटुंबकम" हमारे देश की प्राचीन बेहद शानदार परंपरा यह कि पूरा विश्व एक कुटुंब या परिवार है। इसकी शुरुआत अपने परिवार समाज गांव या शहर से होता है वहां जब हम एक दूसरे का निस्वार्थ सहयोग करते हैं तो अपने आप हमारे गौरवशाली परंपरा आगे बढ़ते चली जाती है इसी परंपरा का गरियाबंद जिले के प्रगतिशील ग्राम रजन कटा के निवासी पूरी मनोयोग और खुशी-खुशी कर रहे हैं ।।
जून माह में तीन परिवार के असीम दुख को कम करने पूरे ग्रामवासी तन -मन -धन से सहयोग किये..... पहले निषाद परिवार फिर ध्रुव परिवार और तीसरे नंबर में जून माह में ही एक सड़क दुर्घटना में गांव का नौजवान रिखी राम विश्वकर्मा 21 जून 2024 गंभीर रूप से घायल हुआ और रिखीराम विश्वकर्मा को परिवारजन अस्पताल में भर्ती किये डॉक्टर के पूरे प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और दिनांक 28 जून 2024 को रात्रि में स्वर्गवासी हो गए ,जैसे ही गांव वालों को पता चला तो समस्त ग्राम वासियों के साथ ग्रामीण समिति के ऊर्जावान युवा अध्यक्ष शेषनारायण साहू उनके साथ उपाध्यक्ष भगत राम साहू एवं सचिव नीलमणि यादव तथा सरपंच पति टिकेश दीवान उनके परिवार को सांत्वना देते हुए किराना सामान हेतु 7400 रुपए पूरे गांव के सहयोग से और 75 किलो चावल उनके अंतिम संस्कार के बाद के समस्त कार्यक्रम हेतु प्रदान किया, रजन कटा के पूरे ग्राम वासियों का यह पहल पूरे अंचल और प्रदेश के लिए एक अनुक्रणीय पहल हैĺl
फोटो ...विश्वकर्मा परिवार को सहायता प्रदान करते ग्राम ग्राम वासी एवं ग्राम समिति के पदाधिकारीll

ग्राम वासियों और नौजवानों की मेहनत और शानदार पहल.... गरियाबंद जिले का प्रगतिशील रजनकटा गांव  बदल रहा आज और कल....lllllगर...
25/06/2024

ग्राम वासियों और नौजवानों की मेहनत और शानदार पहल.... गरियाबंद जिले का प्रगतिशील रजनकटा गांव बदल रहा आज और कल....lllll
गरियाबंद/ नवापारा राजिम...... गरियाबंद जिले का प्रगतिशील गांव,रजनकटा पहले आम तौर पर जैसे गांव होते हैं -वैसा गांव था । यहां पर प्रगतिशील सोच रखने वाले ग्रामीण और नौजवानों ने ठाना अब गांव को एक अलग पहचान देनी है- नौजवानों को नया रास्ता देना है सुख-दुख में शामिल होना है एक नई पहल के साथ ताकि गांव के लोग खास करना नौजवान पॉजिटिव सोच रखते हुए प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते चलेंl
पहली पहल -दुखद स्थिति में कमजोर स्थिति वालों की भरपूर आर्थिक मदद करना..... गांव के नौजवान और अन्य ग्राम वासियों ने एक शानदार पहल की है- दुखद स्थिति में किसी के यहां मृत्यु होने पर और आर्थिक स्थिति गड़बड़ है या ठीक भी है तो मृतक के ऊपर श्रद्धांजलि स्वरुप जो नया कपड़ा डाला जाता है- उसकी जगह पर आर्थिक मदद की पहल शुरू की गई है अभी दो दुखद घटनाओं में ऐसा ही बेहद प्रशंसनीय कार्य ग्राम वासियों और नौजवानों ने किया हैl
ग्राम वासी लक्ष्मण निषाद के छोटे पुत्र रुद्र निषाद के निधन पर आर्थिक सहायता..... दिनांक 15 जून 2024 को गांव के रहने वाले लक्ष्मण निषाद का लगभग 5 साल का पुत्र रूद्र निषाद अपने दोस्तों के साथ गांव से लगे गहरे नाले में नहाने गया और वही आकस्मिक रूप से डूबने से मृत्यु हो गई जैसे ही ग्राम वासी और युवा लोगों को पता चला उन्होंने पूर्व में अपने फैसले के अनुसार पूरे गांव के द्वारा सहायता राशि 9700/_ आर्थिक रूप से कमजोर निषाद परिवार को तत्काल प्रदान की है जिससे उनका आर्थिक बोझ कम हुआ। इस पहल की जिसने भी जानकारी प्राप्त की उसने पूरे ग्रामवासी और नौजवानों को तहे दिल से धन्यवाद दिया।
दूसरी घटना गांव का ही नौजवान लड़का जो काफी मेहनत करने वाला और बहुत व्यवहार कुशल था इसका नाम डोमन ध्रुव पिता का नाम मनहरण ध्रुव जो मकान आदि बनाने में सहायक मिस्त्री का काम करता था अपने साथियों के साथ महासमुंद जाते वक्त दिनांक 21/6/ 2024 को सड़क दुर्घटना में इस नौजवान की आकस्मिक रूप से मृत्यु हो गई जैसे ही गांव वालों को पता चला उन्होंने आपस में सहयोग राशि के रूप में ध्रुव परिवार को 7600/_ तत्काल प्रदान किया यह भी शानदार पहल थी एक हफ्ते के अंदर गांव में दो आकस्मिक मृत्यु पर गांव वालों ने दोनों परिवार को लगभग 18000 रुपए सहायता राशि के रूप में मदद किया।
ग्राम युवा समिति और गांव वासियों के द्वारा गांव सुधार हेतु अनेक पहल ...... विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को जैसे ही रजनकटा गांव वालों के द्वारा किए जाने वाले पहल की जानकारी मिली उन्होंने ग्राम युवा समिति के अध्यक्ष शेष नारायण साहू एवं अन्य लोगों से संपर्क किया श्री साहू एवं ग्राम वासियों के द्वारा बताया गया गांव में शराब बंदी करने की पूरी तैयारी के साथ पहल शुरू कर दिया गया है इसके साथ ही नौजवान साथी जो दिन भर मोबाइल के पब गेम और अन्य गतिविधियों में समय बर्बाद करते हैं उसको रोकने हेतु कदम उठाए जा रहा है सर्वप्रथम गौठान में वॉलीबॉल खेलने के लिए नौजवानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है इसी तरह से अन्य कार्यक्रम किए जाएंगे जिसमें लड़के लड़कियां पुलिस सेवा और अन्य सरकारी नौकरी की ओर उनका झुकाव बढ़े और वह मेहनत करें यह एक ऐसी पहल है जिसके लिए रजनकटा सहित पांडुका के आसपास कहा जाता है 22 गांवहै- यहां भी यह शुरू होना चाहिए सर्वप्रथम रजनकटा ग्राम के युवा समिति के अध्यक्ष और ग्राम वासियों को अनेको शुभकामनाएं और बधाई इसके बारे में कहा जा सकता है -"ऐ मुश्किल हालात तेरी जंजीर तोड़ जाएंगे -अपनी मेहनत और भाईचारे से कठिन रास्तों को भी सहज रास्ते की ओर मोड़
जाएंगे,"।।।
फोटो नंबरएक... निषाद परिवार को सहायता राशि प्रदान करते ग्रामवासीl
फोटो नंबर दो... ध्रुव परिवार को सहायता राशि प्रदान करते ग्राम वासीl

विश्व सिकलिन दिवस आज--- छत्तीसगढ़ के जाने पहचाने डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं डॉक्टर श्रीमती रजनीसाव लगभग तीन दशक से छत्तीसगढ...
19/06/2024

विश्व सिकलिन दिवस आज--- छत्तीसगढ़ के जाने पहचाने डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं डॉक्टर श्रीमती रजनीसाव लगभग तीन दशक से छत्तीसगढ़ में जन जागरूकता के साथ ईलाज के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे।।।
नवापारा राजिम/ रायपुर...... मनुष्य के जीवन में तीन बड़ी प्राथमिक आवश्यकता रोटी- कपड़ा और मकान के साथ चौथी सबसे बड़ी आवश्यकता होती है स्वस्थ रहना, इस हेतु चिकित्सा विज्ञान में काफी प्रगति की है। लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी है जिसका संपूर्ण इलाज अभी तक संभव नहीं है केवल सावधानी परहेज और दवा के सेवन से इंसान लंबी जिंदगी जी सकता है इसमें एक बीमारी सिकलिन या सिकल सेल एनीमिया है दुर्भाग्य से छत्तीसगढ़ में इस बीमारी के मरीज बहुतायात से पाए जाते हैं यह अनुवांशिक और कुछ खास जाति में विशेष रूप से देखी गई है ,90 के दशक में जब इस बीमारी के बारे में छत्तीसगढ़ के प्रख्यात चिकित्सक दंपति डॉक्टर धीरेंद्र साव एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती रजनी साव ने लगातार गहन अध्ययन किया और जिसमें डॉ श्रीमती रजनी साव जो स्त्री रोग विशेषज्ञ है इन्होंने शोध किया तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आए थेl
जिसकी जितनी बड़ी आबादी उतने ही सिकलिन पेशेंट- शादी तय करते वक्त सिकलिंग जांच आवश्यक- यह कुंडली या 36 गुण मिलाने से भी ज्यादा जरूरी.......... विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से विश्व सिकलिन दिवस पर चर्चा करते हुए डॉक्टर साव दंपति ने बताया यह अनुवांशिक बीमारी है इसलिए आवश्यक है शादी से पहले लड़का और लड़की अपना सिकलिन टेस्ट कराए, ताकि आगे भविष्य की परेशानियों से बचा जा सके वही डॉक्टर रजनी साव ने बताया -जिसकी जितनी बड़ी आबादी उसने ही सिकलिन की संभावना ज्यादा इससे हेतु साव दंपति ने 1991 से जन जागरूकता और शिविर लगाना शुरू कर दिया था, जिसमें उनके साथ रायपुर के जाने-माने डॉक्टर कमलेश अग्रवाल ने भी सतत अपना सहयोग प्रदान किया।।।
डॉक्टरदंपति ने अभी तक 90 से ज्यादा सिकलिन निवारण केंद्र और हजारों मरीज का इलाज किया अपने आप में एक रिकॉर्ड.... छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र अपने लोगों से अगाध प्रेम करने वाले तत्कालीन मध्य प्रदेश वर्तमान छत्तीसगढ़ के राजनीति और समाज सेवा के पुरोधा स्वर्गीय जीवन लाल साव के सुपुत्र डॉक्टर धीरेंद्र साव और उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर श्रीमती रजनी साव ने अभी तक 90 विशाल सिकलिन निवारण शिविर का संचालन करते हुए 17890 से ज्यादा मरीजों को दवाई और बचाव के उपाय बताते हुए उन्हें नई जिंदगी प्रदान कीl
90 के दशक से लेकर अभी तक लगातार सिकलिन पीड़ित की सेवा के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिकलिन के विशेषज्ञ डॉक्टर- एक्सपर्ट के लगातार संपर्क में रहते हैं........ बेहद हंसमुख मिलनसार जन सेवा के लिए समर्पित डॉक्टर दंपति 90 के दशक से लेकर आज पर्यंत सिकलिन पीड़ित की सेवा के लिए समर्पित है जिसमें इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिकलिन विशेषज्ञ डॉक्टर सार्जेंट जो जमाईका के रहने वाले हैं वह विश्व स्तर के डॉक्टर रहे और वर्ष 2006 में डॉक्टर दंपति के बुलावे में रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिकलिन के बारे में सेमिनार हुआ उसमें शामिल हुए और सेमिनार की अध्यक्षता तत्कालीन राज्यपाल रिटायर्ड जनरल के एम सेठ ने किया था और डॉक्टर दंपति के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन को सिकलिन निवारण के लिए विशेष अभियान हेतु निर्देशित भी किया था शासकीय स्तर पर पहल तत्कालीन राज्यपाल सेठ के माध्यम से ही शुरू हुआ था इस दौर में डॉक्टर दंपति के प्रयास से 1995 में महासमुंद के तत्कालीन सांसद चंद्रशेखर साहू के सांसद निधि से सिकलिंग पीड़ित की सेवा के लिए विशेष एम्बुलेंस सीएमओ रायपुर कार्यालय को मिला थाl
इसके पश्चात छत्तीसगढ़ ही नहीं मध्य भारत और उड़ीसा में उस समय इलाज के लिए प्रसिद्ध मेकाहारा अस्पताल रायपुर को तत्कालीन सांसद- वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम रमेश बैस के सांसद निधि से सिकलिन के इलाज हेतु इलेक्ट्रो फोरसिस मशीन विदेश से आयात करवा कर प्रसूति वार्ड को दिलवाया था इस मशीन की खास बात यह है- यह प्रसूता और बच्चे में सिकलिन के प्रभाव को तत्काल डायग्नोसिस करके डॉक्टर के ट्रीटमेंट के लिए एक वरदान के रूप में काम करती हैl
सिकलिन पीड़ित वर्ष 2018 से दिव्यांग के रूप में शासकीय तौर पर स्वीकृत लेकिन अभी और कुछ परेशानी..... डॉ धीरेंद्र साव ने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018 से सिकलिन पीड़ित को दिव्यांग माना गया है लेकिन परेशानी है इनका दिव्यांग सर्टिफिकेट नहीं बनता इसके लिए लगातार वह प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख रहे हैं और पीएमओ के लगातार संपर्क में हैं ,और इस हेतु वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भी पत्र लिखा है, डॉक्टर दंपति के योगदान को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन भी और उनके आला अधिकारी सिकलिन निवारण के लिए लगातार इनसे परामर्श और मार्गदर्शन लेते रहते हैं, वास्तव में इसको कहते हैं पीड़ित मानवता की सेवा जिसके लिए डॉक्टर साव दंपति जाने जाते हैंlll
फोटो.........वर्ष 2006 में इंटरनेशनल सिकलिन निवारण सम्मेलन में तत्कालीन राज्यपाल रिटायर्ड जनरल के एम सेठ, विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर सार्जेंट के साथ डॉक्टर साव दंपति एवं अन्यl

फादर्स डे -पितृ दिवस---- पिता आकाश की वो ऊंचाई है- जो अपने बच्चों को नहीं होने देता कभी भी विवशllllनवापारा राजिम/ रायपुर...
17/06/2024

फादर्स डे -पितृ दिवस---- पिता आकाश की वो ऊंचाई है- जो अपने बच्चों को नहीं होने देता कभी भी विवशllll
नवापारा राजिम/ रायपुर.... दिनांक 16 जून 2024 पूरे देश सहित पूरे विश्व में फादर्स डे अर्थात पितृ दिवस मनाया गया lफादर्स डे मनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि पिता के योगदान और त्याग को हमेशा दुनिया याद रखे- इसके बारे में कहा जा सकता है- "पिता जमीन होता है- पिता आसमान होता है- एक पिता अपने बच्चों के लिए सारा जहान होता है"l
फादर्स डे के अवसर पर विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के उन परिवारों के मुखिया मतलब पिता जहां पर एक या दो पीढ़ी में बच्चों को आगे बढ़ाने उनके भविष्य को उज्जवल करने में इनका विशेष योगदान रहा और केवल धन कमाने तक सीमित नहीं रहे इन्होंने एक मुकाम भी हासिल किया जिसका रास्ता समाज सेवा जन सेवा से जाता है तो चलिए अब हम उनसे रूबरू होते हैंl
एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक डॉक्टर ही डॉक्टर कार्य ऐसा जन-जन तक बेहद लोकप्रिय..... सर्वप्रथम विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर ने धमतरी एवं अंचल के जाने-माने चिकित्सक दंपति डॉ राहुल सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर श्रीमती रागिनी सिंह ठाकुर स्त्री रोग विशेषज्ञ जिसमें डॉक्टर राहुल सिंह के पिता डॉक्टर राजेश्वर सिंह ठाकुर धमतरी जिले नहीं अंचल के जाने-माने चिकित्सक थे सबसे बड़ी बात उनकी जन सेवा की भावना जिसमें चिकित्सा जैसे पवित्र कार्य का उच्च मापदंड रखा और कभी भी उन्होंने पैसे को महत्व नहीं दिया इसी तरह से उनके सुपुत्र उन्हीं के बताएमार्ग पर चल रहे हैं दुर्भाग्य बस कोरोना कल में डॉक्टर राहुल के पिता डॉ राजेश्वर सिंह कोरोना ग्रस्त होकर गोलोक वासी हो गए लेकिन डॉक्टर राहुल अपने पिता के बताए मार्ग पर चलते हुए उनकी सीख जिसमें पिता ने सिखाया था गरीबों की सेवा सर्वोपरि है, उस पर अनवरत चल रहे हैं उनकी बहन डॉक्टर रीनी सिंह जो स्वयं गाइनेकोलॉजिस्ट है जिनकी शादी राजस्थान में हुई है वह भी पिता के बताएं मार्गो पर चल रही हैं डॉ राहुल सिंह की माता श्रीमती रंजना ठाकुर ने भी अपने बच्चे बहू और बेटी को जन सेवा का ही पाठ पढ़ाया है इनके बारे में कहा जा सकता है--- '"वही जमीन होता है वही आसमान- होता है एक पिता अपने बच्चों के लिए सारा जहान"।
पहली पीढ़ी से लेकर तीसरी पीढ़ी- जन सेवा के लिए समर्पित... वर्तमान में महासमुंद जिला तब के रायपुर जिला के अत्यंत पिछड़े आदिवासी क्षेत्र का गांव बिराजपाली जहां से एक सशक्त समाजसेवी के रूप में जीवन लाल साव का उदय हुआ जिन्होंने 60 के दशक से लेकर 90 से ऊपर के दशक तक उस समय बेहद शोषित पीड़ित सर्वहारा समाज के लिए बहुत सारे काम किया और छत्तीसगढ़ की राजनीति के सशक्त हस्ताक्षर भी बने जिसमें महासमुंद नगर पालिका के अध्यक्ष रहे, तब के मध्य प्रदेश में 1983 से 1988 तक मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के 5 साल तक सदस्य, छत्तीसगढ़ के वीर सपूत क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह की गरिमा को सर्वोच्च स्थान दिलाया, विनोबा जी के भूदान आंदोलन के तहत रिकॉर्ड 14203 भूमिहीन लोगों को भूमि का पट्टा दिलाया, लंबे समय तक तेंदूपत्ता समिति के उपाध्यक्ष रहे, आदर्श सामाजिक विवाह के प्रणेता सहित अनेको काम किया एक पिता के रूप में इन्होंने अपने समस्त बच्चों को समाज सेवा के लिए एक प्रकार से समर्पित कर दिया- उस समय छत्तीसगढ़ चिकित्सा के मामले में बेहद पिछड़ा था, जिससे श्री साव ने अपने एक पुत्र धीरेंद्र साव को डॉक्टर बनकर गरीब जनता की सेवा करने के लिए प्रेरित किया पिताश्री के वचनों का पालन करते हुए धीरेंद्र साव 80 के दशक से लेकर आज तक चिकित्सा के क्षेत्र में पूरे छत्तीसगढ़ में जाना पहचाना नाम है बेहद सज्जन- बेहद मिलनसार यह सर्जरी के विशेषज्ञ हैं lरायपुर में तेलीबांधा मेंन रोड में कर्मा हॉस्पिटल के नाम से इनका अस्पताल पूरे छत्तीसगढ़ में फेमस है, यही नहीं इनकी धर्मपत्नी डॉ रजनी साव एमडी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, वहीं दूसरी पीढ़ी में इनकी दो बेटियां डा पारूल साव दिल्ली में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, छोटी बेटी डॉक्टर पीयूषी साव जगदलपुर छत्तीसगढ़ में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं, साव परिवार में तीन पीढ़ी अपने पिता के संस्कार और बताएं मार्ग पर चलकर जनसेवा कर रहे हैं इनके लिए भी पैसा कमाना सेकेंडरी है, जनसेवा मुख्य है अब तो जीवनलाल साव नहीं रहे लेकिन उनके सपने और आदर्श को बेटे डॉक्टर धीरेंद्र साव के साथ तीसरी पीढ़ी आगे बढ़ाने में पूरा योगदान दे रही है सबसे खास बात यह है पूरा परिवार छत्तीसगढ़ की सोंधी माटी से जुड़ा हुआ है ,और अपनी मातृभूमि के गौरव को हर ढंग से आगे बढ़ाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हैं विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से डॉक्टर धीरेंद्र साव रूबरू होते हुए कहा -जब हम इलाज करते हैं और पीड़ित के चेहरे में खुशी की दर्द रहित चमक आती है, वही हमारा सबसे बड़ा धन है इनके बारे में कहा जा सकता है-"" महकते घर आंगन की फुलवारी है पिता -बच्चों की और सब की खुशी के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दे वह परोपकारी है पिता""।
पिता की सीख जिंदगी में आत्म सात करते हुए तीन पीढ़ी ने समाज को बहुत कुछ दिया....... छत्तीसगढ़ के जाने-माने समाजसेवी और भाजपा के जाने माने चेहरे में से एक रविंद्र सिंह विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर से फादर्स डे के बारे में बातचीत करते हुए एकदम पुलकित और भाव विभोर हो जाते हैं उनके पिता एक आदर्श शिक्षक स्वर्गीय कुंवर बहादुर सिंह ने हमेशा अध्यापन काल में समाज को एक से बढ़कर एक रत्न दिए ,और साथ में रविंद्र सिंह जी और उनके और भाइयों को सेवा भाव सर्वोपरि रखने का संदेश दिया था और वैसे ही इन सब का पालन पोषण भी कियाl जिसमें से रविंद्र सिंह लंबा संघर्ष करते हुए अपने आप को स्थापित किये, एक इंडस्ट्रियल मेन बने और सबसे ज्यादा चर्चा में कोरोना काल में आए इन्होंने एक दो महीने नहीं लगातार पूरे कोरोना काल से लेकर आज तक मानव सेवा और मानव धर्म का पालन करने में अपने युवा बेटे और तीसरी पीढ़ी के उजाले दीपक सिंह तथा धर्मपत्नी पूनम सिंह एवं बहु अंजली सिंह के साथ जोश खरोश और मेहनत के साथ लगे रहते हैं। रविंद्र सिंह को उनके इस महान और पावन योगदान के लिए सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर अनेको अवार्ड और स्मृति चिन्ह प्रदान किये जा चुके हैं ,वहीं पर उनकी बहू अंजलि सिंह भारतीय इतिहास के गौरव रानी लक्ष्मीबाई और रानी दुर्गावती की याद दिला देती हैं इनका मायका घोर नक्सली क्षेत्र बस्तर में था जहां पर उनके परिवार के द्वारा नक्सलियों के मनमानी और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाए जाने पर उनके घर में 500 की संख्या में नक्सलियों ने हमला कर दिया लेकिन इस बहादुर बेटी अंजलि जो आज रविंद्र सिंह जी के यहां बहू है- ने बिना घबराए नक्सलियों से हर ढंग से लोहा लिया और सबसे बड़ी बात पूरे परिवार का सुरक्षा ढाल बनकर अपने घायल भाई को नक्सलियों के भयानक गोलाबारी के बीच में से सुरक्षित निकाल लाई थी जो उससमय स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के अखबारों की जबरदस्त सुर्खियां बनी थी और उनकी बहादुरी पर राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार ,प्रधानमंत्री वीरता पुरस्कार मुख्यमंत्री वीरता पुरस्कार के साथ अनेको अवार्ड मिले हैं अभी 5 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ के जाने-माने न्यूज़ चैनल आईबीसी 24 के द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से भी नवाजा गया है यहां यह कहना लाजमी है---" परिवार की शानदार कहानी का एक किरदार है पिता ---दुनिया जहां से हर ढंग का रिश्ता निभाने वाला फनकार है पिता"l

पिता का आशीर्वाद एवं सीख हर घड़ी साथ रहती है....... छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर उड़ीसा बॉर्डर से लगा देवभोग ब्लॉक का कस्बा गोहरापदर जहां पर कर्तव्य परायण धर्म परायण दाऊलाल यदु उनकी धर्मपत्नी श्रीमती भोज यदु ब्रिलिएंट बेटी हिमांशी यदु और जूनियर जयदीप यदु रहते हैं इसमें सबसे खास बात यह है दवा व्यवसाय से जुड़े दाऊलाल यदु अपने पिता स्वर्गीय शोभाराम यदु की सीख को गांठ में रखकर चलते हैं जिसमें बताया गया -जन सेवा करना है चाहे नफा हो या नुकसान काम करो बाकी ईश्वर पर छोड़ना है इसी आदर्श के साथ दाऊलाल यदु अपना व्यवसाय कर रहे हैं जिसमें आधुनिक युग की परंपरा के अनुसार हजारों नहीं लाखों रुपए में दवाएं जरूरतमंद के साथ उधार चाहने वालों को दे देते हैं जिसमें उधार चाहने वाले इन्हें उधार की बहुत हैवी रकम नहीं चुकाई , लेकिन पिता की सीख से बिल्कुल ही अलग नहीं होते जिसकी वजह से परेशानी तो आती है लेकिन उसका हल भी ईश्वर ही करता है यह दंपति गायत्री मिशन से आत्मिक रूप से जुड़ा है यही कारण है इनकी ब्रिलिएंट बेटी हिमांशी यदु इस वर्ष घर में ही पढ़ाई करके हजारों बच्चों के बीच में से नवोदय परीक्षा में गरियाबंद जिले में अच्छी पोजीशन में क्वालीफाई कर गईl दाऊलाल यदु के बारे में बरबस यह पंक्तियां याद आ जाती हैं -""निकाल के जिस्म से वह अपनी जान देता है --बेहद मजबूत होता है एक पिता जो बच्चों के लिए हर घड़ी कुर्बान होता है""lll
ईमानदारी से कठोर परिश्रम करना पिता ने सिखाया- उसी ने आज सफल बनाया...... गरियाबंद जिला मुख्यालय शिक्षक नगर निवासी विद्या भूषण द्विवेदी जो अपने हंसमुख मिलनसार स्वभाव और मेहनत के लिए जाने जाते हैं इन्होंने विशेष संवाददाता महेंद्र सिंह ठाकुर को बताया उनके जीवन पर पिता स्वर्गीय श्री बृज किशोर द्विवेदी द्वारा हमेशा दी हुई सीख ने उन्हें सामाजिक सेवा के साथ सफल होने का मंत्र दिया ,जिसका सीधा सपाट अर्थ है ईमानदारी से मेहनत करो सफलता अवश्य मिलेगी यही सीख विद्या भूषण द्विवेदी और उनकी धर्मपत्नी अर्चना द्विवेदी अपने बच्चों को देते हैं उसी का परिणाम है इनके बड़े बेटे सर्वेशद्विवेदी जो कक्षा पांचवी में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल गरियाबंद में और नन्ही बेटी ज्ञाना द्विवेदी जो की एंजेल एंग्लो पब्लिक स्कूल गरियाबंद छत्तीसगढ़ में तीसरी की छात्रा है इनकी बातें सुनेगे तो आप आश्चर्य चकित रह जाएंगे , जब विशेष संवाददाता विद्या भूषण द्विवेदी जी मिलने गए तो सर्वप्रथम इस छोटी सी बच्ची ज्ञाना द्विवेदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया और बातों ही बातों के दौर में कहा- आप गरीबों की सेवा करते हैं तो कैसे करते हैं यह भी बात बिना प्रसंग के उस नन्ही बच्ची ने कहा सुन के आश्चर्यचकित रह जाना पड़ा फिर उसने कहा ईश्वर को आप अपने आसपास कैसे अनुभव करते हैं और उसका जवाब भी विशेष संवाददाता ने बच्चे से पूछा तो बड़े सहजता और हंसते हुए जवाब दिया- गरीबों की सेवा में पैसे रुपए के अलावा सबसे बड़ी बात होती है उनको खुशी देना और ईश्वर को हम महसूस कर सकते हैं आराम से घर में बैठकर सच्चे दिल से उनकी प्रार्थना करना मैंने पूछा यह सब जानकारी कौन देता है तो बच्चे ने जवाब दिया मम्मी पापा और दादी से जानकारी मिलती है ऐसे ही संस्कार आज हर माता-पिता को आने वाली पीढ़ी को देना चाहिए इनके बारे में यह कहा जा सकता है-- ""हमें रख दिया छांव में खुद जलते रहे धूप में ---मैंने देखा है ऐसा एक इंसान अपने पिता के रूप में""lll
फोटो नंबर... 1 डॉक्टर राहुल सिंह अपने परिवार और धर्मपत्नी के साथ।
फोटो नंबर 2 डॉक्टर धीरेंद्र साव अपने परिवार के साथ।
फोटो नंबर 3 रविंद्र सिंह अपने परिवार के साथ
फोटो नंबर 4 दाउलाल यदु अपने परिवार के साथ
फोटो नंबर 5 विद्या भूषण द्विवेदी अपने बच्चों के साथ।।

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