02/09/2025
"मातृशक्ति के सम्मान में : तीजहरिन समागम"
रायपुर। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते भावनात्मक तनाव और जीवनशैली संबंधी बीमारियों के बीच भारतीय परंपराएँ और त्यौहार किस प्रकार मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित रखते हैं – इसी संदेश को सामने लाने के उद्देश्य से " लाईफ वर्सिटी " की पहल पर श्री गणेश विनायक फ़ाउंडेशन एवं लक्ष्य फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को “तीजहरिन समागम” का आयोजन श्री गणेश विनायक हॉस्पिटल के सभागार में किया गया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक महत्त्व से जुड़ा था बल्कि मातृशक्ति को केंद्र में रखकर उनके स्वास्थ्य, आत्मबल और सामाजिक भूमिका पर एक गहन विमर्श भी प्रस्तुत करता रहा।
आयोजन का मुख्य उद्देश्य था – आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों, भावनात्मक दबाव और बढ़ती लाइफ़स्टाइल डिज़ीज़ के बीच त्यौहारों के महत्व को रेखांकित करना। भारतीय संस्कृति में तीज को सदियों से मातृशक्ति के उत्सव के रूप में देखा गया है। यही कारण है कि इस आयोजन को “आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य” की कड़ी मानते हुए प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर यह संदेश भी दिया गया कि छत्तीसगढ़, जिसे श्रीराम की माता कौशल्या का मायका माना जाता है, तीज के पर्व से विशेष रूप से जुड़ा हुआ है। परंपरा के अनुसार हर वर्ष तीज के अवसर पर माता कौशल्या को निमंत्रण दिया जाता है, अयोध्या से मिट्टी लाई जाती है और फिर एक सप्ताह बाद माता को विदा किया जाता है। यह कार्यक्रम उसी प्रतीकात्मक विदाई का जीवंत रूप था।
कार्यक्रम की परिकल्पना एवं मंच संचालन डॉ. नरेन्द्र पाण्डेय ने किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही बहनों द्वारा की गई छत्तीसगढ़ी काव्य-पाठ की मनमोहक प्रस्तुतियाँ, जिनमें मातृशक्ति, तीज की परंपरा और सामाजिक बंधन की गहरी झलक दिखाई दी।
डॉ. नरेन्द्र पाण्डेय ने अपने संबोधन में तीज का मायके में मनाने का आध्यात्मिक कारण विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यह केवल एक पारंपरिक रिवाज़ नहीं है, बल्कि यह मातृशक्ति के सम्मान, भावनात्मक संतुलन और परिवार के सामंजस्य का प्रतीक है।
वहीं, डॉ. अनिल गुप्ता ने बहनों को स्वास्थ्य से जुड़ी व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से रसोईघर को स्वस्थ रखने के उपाय बताए और यह समझाया कि कौन-सी चीज़ें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं तथा किन खाद्य पदार्थों को जीवनशैली में शामिल करने से बीमारियों से बचा जा सकता है।
ज्ञात हो कि श्री गणेश विनायक फ़ाउंडेशन समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों को समाप्त करने के संकल्प के साथ प्रतिदिन किसी-न-किसी विशेष थीम के माध्यम से गणेश उत्सव मना रहा है। इसी कड़ी में इस दिन आयोजित “तीजहरिन समागम” के दौरान सभी महिलाओं ने भाइयों से नशा छोड़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ खड़े होने और महिला सशक्तिकरण के लिए संगठित होकर आगे बढ़ने का संदेश भी दिया। यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक सशक्त कदम माना गया।
कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इनमें मुख्यमंत्री के निज सचिव तुलसी कौशिक, नगर निगम ज़ोन 1 की कमिश्नर डॉ. दिव्या चंद्रवंशी, डॉ. उदय भान सिंह चौहान, कपिल अग्रवाल सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व सम्मिलित हुए। सभी अतिथियों ने मातृशक्ति को शुभकामनाएँ दीं और इस पहल को समाज के लिए प्रेरणादायी बताया।
“तीजहरिन समागम” केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा प्रयास था जिसमें परंपरा, स्वास्थ्य और सामाजिक चेतना का सुंदर संगम दिखा। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि त्यौहार केवल उत्सव मनाने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे हमें जीवन की भागदौड़ में संतुलन बनाने, भावनात्मक स्थिरता पाने, स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा भी देते हैं।