03/03/2025
आ राजस्थानी भाषा है
इणरो इतिहास अणूठो है, इण मांय मुलक री आसा है.
चहुं कूँटा चावी ने ठावी आ राजस्थानी भाषा है.
जद ई भारत में सताजोग आफत री आंधी आई ही.
बगतर री कड़ियाँ बड़की ही, जद सीन्धू राग सुनाई ही.
गड़गड़ता तोपां रा गोला,भाला री अणियां भलकी ही.
जोधारा धारा जुड़ता ई ,खाल़ा रातम्बर खलकी ही.
रडवडता माथा रण खेतां, अड़वड़ता घोड़ा ऊललता.
सर कटियाँ सूरां समहर में ,ढाला तलवारां ले ढ़लता .
रण बंका भिड़ आराण रचै, तिड़ पेखै भाण तमासा है.
उण बखत हुवै ललकार उठै, वा राजस्थानी भाषा है.
इण में सतियाँ रा शिलालेख , इण में संतां री बाणी है.
इण में पाबू रा परवाडा, इण में रजवट रो पाणी है.
इण में जाम्भै री जुगत जोय ,पीपै री दया प्रकासी है.
दीठो समदरसी रामदेव ,दादू सत नांव उपासी है.
इण में तेजै रा वचन तौर .इण में हमीर रो हठ पेखो.
आवड करणी मालणदे रा, इण में परचा परगट देखो .
जद तांई संत सूरमा अर साहितकारां री सासा है.
करसां रै हिवडे री किलोळ , आ राजस्थानी भाषा है.
करसां री इण बोली में ई भगवान् खीचड़ो खायो है.
मीरा मेड़तणी इण में ई ,गिरधर गोपाल रिझायो है.
इण में ई पिव सूँ मान हेत राणी उमादे रूठी ही.
पदमणियाँ इण में पाठ पढयो ,जद जौहर ज्वाला ऊठी ही.
इण में हाड़ी ललकार करी ,जद आंतड़ीयां परनाळी ही .
मुरधर री बागडोर इण में ई ,दुर्गादास संभाळी ही.
इण में प्रताप रो प्रण गूंज्यो ,जद भेंट करी भामाशा है.
सतवादी घणा सपूतां री , आ राजस्थानी भाषा है.
इण में ई गायो हालरियो , इण में चंडी री चिरजावाँ .
इण में ऊजमणे गीत गाळ , गुण हरजस परभात्या गावां .
इण में ई आडी ओखाणा , ओळगां भिणत बातां इण में .
जूनो इतिहास जीवणों व्है तो अणगिणती ख्यातां इण में .
इण में ई ईसरदास अलू ,भगती रा दीप संजोया है .
कवि दुरसै बाँकीदास करण , सूरजमल मोती पोया है.
इण में ई पीथल रची वेल , रचियोड़ा केईक रासा है .
डिंगल गीतां री डकरेलण , आ राजस्थानी भाषा है. .
इण में ई हेडाऊ जलाल , नान्गोदर लाखो गाईजे .
सोढो खीवरों उगेरै जद , चंवरी में धण परणाईजे .
काछी करियो ने तोडड़ली , राईको रिड़मल रागां में .
हंजलो मोरूड़ो हाड़ो ने , सूवटियो हरिये बागाँ में .
इण में ई जसमां ओडण ने , मूमल रो रूप सरावे है .
कुरजां पणिहारी काछबियो बरसाल़ो रस बरसावे है.
गावै इण में ई गोरबंद , मनहरणा बारैमासा है .
रागां रीझाल़ू रंगभीनी ,आ राजस्थानी भाषा है.
इण में ई सुपना आया है , इण में ई ओलूँ आई है .
इण में ई आयल अरणी ने झेडर बाल़ोचण गाई है.
इण में ई धून्सो बाज्यो है, रण तोरण वंदण रीत हुई .
इण में ई बाघे- भारमली,ढोले-मरवण ऱी प्रीत हुई .
इण में ई बाजै बायरियो , इण में ई काग करूके है .
इण में ई हिचकी आवै है ,इण में ई आँख फरूकै है .
इण में ई जीवन-मरण जोय ,अंतस रा आसवासा है .
मोत्यां सूँ मूंघी घन मीठी ,आ राजस्थानी भाषा है.
(रचना : डा. शक्तिदान कविया )