Suresh jai hind

Suresh jai hind सत्य मेव जयते
सत्य परेशान करेगा .....
लेक

सिर्फ उतना ही विनम्र बनो जितना जरूरी हो,बेवजह की विनम्रता दूसरों के अहम को बढ़ावा देती है..
21/06/2025

सिर्फ उतना ही विनम्र बनो जितना जरूरी हो,
बेवजह की विनम्रता दूसरों के अहम को बढ़ावा देती है..

जोधपुर से जैसलमेर हेलीकाप्टर यात्रा के दौरान यात्री द्वारा खींची गई यह तस्वीर क्या बता रही है ?
06/06/2025

जोधपुर से जैसलमेर हेलीकाप्टर यात्रा के दौरान यात्री द्वारा खींची गई यह तस्वीर क्या बता रही है ?

यह खेल प्रेमी हैं या बेरोज़गारी......
05/06/2025

यह खेल प्रेमी हैं या बेरोज़गारी......

15/05/2025
11/05/2025

Osho कभी आपने खयाल किया, जब युद्ध चलता है तब लोग ज्यादा जीवित हो जाते हैं। जो आदमी सुबह आठ बजे भी बिस्तर से उठने में मुश्किल पाता था, वह पांच बजे उठ कर रेडियो खोल कर सुनने लगता है--क्या खबर है? जान में जान आ जाती है। खून तेजी से चलने लगता है। सुबह से आदमी अखबार लेकर बैठ जाता है। लोगों के चेहरों पर रौनक देखें! जब युद्ध चलता है, तब लोगों के चेहरों पर रौनक देखें! जब युद्ध चला जाता है, लोग फिर मंदे हो जाते हैं; फिर धीमे हो जाते हैं; फिर राह देखते हैं कि कुछ हो जाए। कहीं कुछ नहीं हो रहा है, अखबार में कोई खबर नहीं है।हमारे जीवन का जो ढंग है, वह ज्वरग्रस्त है। युद्ध होता है तो सबकी रीढ़ तन जाती है।
हिटलर ने अपनी आत्मकथा में, मेन केम्फ में लिखा है कि किसी भी राष्ट्र को बड़ा होना हो तो युद्ध के बिना कभी कोई बड़ा नहीं होता। और जो राष्ट्र बिना युद्ध के बहुत दिन जी जाते हैं, उनकी रीढ़ टूट जाती है।
हो सकता है, यही कारण भारत की रीढ़ के टूट जाने का हो। क्योंकि महाभारत के बाद युद्ध वगैरह से हमने कोई संबंध नहीं रखा। हिटलर ने लिखा है कि अगर कोई युद्ध न भी हो रहा हो तो भी मुल्क में जान बनाए रखने के लिए युद्ध की अफवाह बनाए रखनी चाहिए कि अब युद्ध हो रहा है, अब युद्ध हो रहा है। सस्पेंशन! तो लोगों का खून तेजी से दौड़ता है, आत्मा जोर से धड़कती है, लोग प्राणवान रहते हैं।

अभी सभी को याद रखा जाना चाहिए कि आपसी असहमतियाँ अपनी जगह हैं…लेकिन बाहर के दुश्मनों के लिए हम सब एक हैं… 🇮🇳
07/05/2025

अभी सभी को याद रखा जाना चाहिए कि आपसी असहमतियाँ अपनी जगह हैं…

लेकिन बाहर के दुश्मनों के लिए हम सब एक हैं… 🇮🇳

ये तो आउट आफ सिलेबस जा रहा है मोदी जी, हम तो सोच रहे थे कि पानी रोकना है पर दुश्मन को पानी पिला पिला कर मा-र-ने का सोचा ...
27/04/2025

ये तो आउट आफ सिलेबस जा रहा है मोदी जी,
हम तो सोच रहे थे कि पानी रोकना है पर दुश्मन को पानी पिला पिला कर मा-र-ने का सोचा ही नही था।😐
झेलम नदी 😂

26/04/2025

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