
03/06/2025
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। उसकी फसलें बार-बार खराब हो जाती थीं। कभी तेज बारिश, कभी तेज धूप और कभी ठंड से उसकी फसलें नष्ट हो जाती थीं। इससे वह बहुत दुखी हो गया और उसने भगवान पर भरोसा खो दिया। वह हर दिन भगवान को कोसता था, लेकिन उसकी फसलें फिर भी खराब हो जाती थीं।
एक दिन, वह अपनी फसल को देखकर बहुत दुखी होकर अपने घर के बाहर बैठा था। तभी, एक बूढ़ा आदमी उसके पास आया और उससे पूछा कि क्या हुआ। किसान ने उसे अपनी सारी परेशानी बताई। बूढ़े आदमी ने उसे धैर्य रखने और हार न मानने की सलाह दी। उसने कहा कि हर मुसीबत के बाद एक नया अवसर होता है।
किसान ने बूढ़े आदमी की बात मान ली और अगले दिन से उसने अपनी फसल को बचाने के लिए नए तरीके खोजने शुरू कर दिए। उसने पानी की व्यवस्था में सुधार किया, मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाया और नई किस्म के बीजों का प्रयोग किया। उसने अपनी मेहनत से अपनी फसल को बचाया और अगले वर्ष उसने एक अच्छी फसल प्राप्त की।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा मेहनत करते रहना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। जीवन में आने वाली कठिनाइयां हमें कमजोर नहीं बनाती हैं, बल्कि हमें और मजबूत बनाती हैं। हमें बस धैर्य रखना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए।