
29/06/2025
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3_दिन_की_बच्ची_थी_सड़क_पर_पड़ी #मिली_थी_एक_औरत_ने_उसे_अपनाया #माँ_बनकर_पाला_पढ़ाया_प्यार_दिया।13 #साल_बाद_उसी_बेटी_ने_अपने_2 #बॉयफ्रेंड्स_की_मदद_से_उसी_माँ_की #हत्या_कर_दी_क्या_ये_सच_है
यह दिल दहला देने वाली घटना ओडिशा के गजपति जिले के परलाखेमुंडी शहर में 29 अप्रैल 2025 को हुई थी। राजलक्ष्मी नाम की एक 54 वर्षीय महिला ने लगभग 14 साल पहले भुवनेश्वर में सड़क किनारे एक तीन दिन की नवजात बच्ची को पाया था। राजलक्ष्मी और उनके पति, जो निःसंतान थे, ने उस बच्ची को गोद लिया और उसे अपनी बेटी की तरह पाला-पोसा। पति की मृत्यु के बाद राजलक्ष्मी ने अकेले ही बच्ची की परवरिश की और उसे केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई के लिए परलाखेमुंडी ले गईं।
लेकिन जब बच्ची 13 साल की हुई, उसने अपने दो पुरुष मित्रों, गणेश राठ (21) और दिनेश साहू (20), के साथ मिलकर राजलक्ष्मी की हत्या की साजिश रची। पुलिस के अनुसार, राजलक्ष्मी अपनी बेटी के इन दो युवकों के साथ संबंधों का विरोध करती थीं, जिसके चलते लड़की ने उनकी हत्या की योजना बनाई। इसके अलावा, वह राजलक्ष्मी की संपत्ति और सोने के गहनों पर कब्जा करना चाहती थी।
29 अप्रैल 2025 को लड़की ने कथित तौर पर अपनी मां को नींद की गोलियां दीं और फिर राठ और साहू के साथ मिलकर तकिए से उनका गला घोंट दिया। हत्या के बाद, उन्होंने राजलक्ष्मी को अस्पताल ले जाकर यह दावा किया कि उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। इस घटना को दो सप्ताह तक छिपाया गया, लेकिन राजलक्ष्मी के भाई, सिबा प्रसाद मिश्रा, को लड़की का मोबाइल फोन मिला, जिसमें इंस्टाग्राम चैट्स से हत्या की साजिश का खुलासा हुआ। इसके बाद, 14 मई 2025 को परलाखेमुंडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई, और तीनों आरोपियों—लड़की, गणेश राठ, और दिनेश साहू—को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना ने मां-बेटी के रिश्ते और मानवीय मूल्यों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।