साहित्योदय, साहित्य कला और संस्कृति को समर्पित एक पंजीकृत संस्था है जिसमें विश्व के हजारों लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार, कलाकार, संस्कृतिकर्मी सहित अनेक गणमान्य लोग जुड़े हैं। भारतीय भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित इस संस्था ने अबतक 3 हजार से अधिक नवोदित और आर्थिक- सामाजिक रूप से कमजोर रचनाकारों को मंच प्रदान किया है। जिसमे 80 प्रतिशत घरेलू महिला रचनाकारों को वैश्विक
मंच दिया गया है. जो घर के कामकाज के समय निकाल कर किचन से सृजन तक के सफर में जुड़ रही हैं.
कार्य एवं उद्येश्य
• साहित्य, कला, संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देना, इसके लिए विभिन्न ऐतिहासिक, धार्मिक, पर्यटन स्थलों पर कवि सम्मेलन/पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन करना.
• राष्ट्र निर्माण और सनातन धर्म-संस्कृति का उत्थान करना, भारतीय सभ्यता और पुरातन संस्कृति पर साहित्य सृजन, प्रचार –प्रसार
• हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाना, हिंदी के साथ ही सभी क्षेत्रीय भाषा एवं बोली के उत्थान हेतु कार्य करना .
• नवोदित रचनाकारों, घरेलु महिलाओं और विद्यार्थिओं को साहित्य सृजन में सहयोग करना तथा उन्हें वैश्विक मंच प्रदान करना.
• आर्थिक रूप से कमजोर तथा दूर-सुदूर गुमनाम प्रतिभा को साहित्य क्षितिज पर लाना, उनकी रचनाओं के प्रकाशन और प्रसारण की व्यवस्था करना.
• हर शहर में पुस्तकालय, वाचनालय, हिंदी साहित्य सभास्थल, शोध संस्थान, प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करना.
• आर्थिक-सामाजिक रूप से पिछड़े एवं वंचितों के उत्थान में मदद करना.
• अनाथ और असहाय बच्चे-बूढों की आजीविका हेतु चेरिटी शो इत्यादि का आयोजन करना.
• पुस्तकों के प्रति लोगों की रूचि बनाये रखने हेतु पुस्तक मेला, प्रदर्शनी, प्रतियोगिताओं का आयोजन.
• मानवता की सेवा और सामाजिक कार्य