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Russia in India :  भारत-अमेरिका ट्रेड वार के बीच अजीत डोभाल ने पुतिन से की मुलाकात, रूसी राष्ट्रपति से इन मुद्दों पर हुई...
07/08/2025

Russia in India : भारत-अमेरिका ट्रेड वार के बीच अजीत डोभाल ने पुतिन से की मुलाकात, रूसी राष्ट्रपति से इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Russia in India : भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के बीच भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह मुलाकात मास्को में हुई, जहां डोभाल सुरक्षा, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर रूस के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए गए थे। इस हाई-प्रोफाइल बैठक को वैश्विक रणनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

अमेरिका की कार्रवाई के एक दिन बाद डोभाल की पुतिन से मुलाकात

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद को लेकर नाराजगी जताते हुए भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित इस कार्यकारी आदेश से अब कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है। भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीद राष्ट्रीय हित और वैश्विक बाजार की स्थितियों के अनुसार की जा रही है। भारत का यह रुख स्पष्ट करता है कि वह अपने रणनीतिक निर्णयों में स्वतंत्र और अपने हितों को सर्वोपरि मानता है।

भारत-रूस संबंध बहुत ही खास और दीर्घकालिक: डोभाल

रूसी मीडिया स्पुतनिक द्वारा जारी एक वीडियो में अजीत डोभाल ने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते बहुत ही खास हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे रणनीतिक संबंधों ने हर मोड़ पर परिपक्वता दिखाई है। डोभाल ने कहा, हमारे बीच बहुत ही खास और दीर्घकालिक संबंध हैं और हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। हमारे बीच उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं और इनका इसमें बहुत बड़ा योगदान रहा है।

राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की पुष्टि

इस मुलाकात के दौरान डोभाल ने यह भी बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की राजकीय यात्रा पर आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस यात्रा की तारीख तय करने पर सहमति बन चुकी है, हालांकि अंतिम पुष्टि अभी बाकी है। उन्होंने कहा, हमें यह जानकर प्रसन्नता है कि महामहिम पुतिन भारत आने वाले हैं। शिखर बैठकें हमेशा से द्विपक्षीय रिश्तों में अहम मोड़ साबित हुई हैं।

रक्षा सहयोग में मजबूती

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है। 2018 में भारत ने रूस से 5.43 अरब डॉलर में एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली खरीदने का समझौता किया था। अब तक तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं। शेष दो स्क्वाड्रन जल्द आने की उम्मीद है।

Uttarkashi : कितनी गहराई तक सूंघ लेते हैं खोजी कुत्ते? धराली में लापता लोगों को तलाशेंगे डॉगUttarkashi : उत्तराखंड के उत...
07/08/2025

Uttarkashi : कितनी गहराई तक सूंघ लेते हैं खोजी कुत्ते? धराली में लापता लोगों को तलाशेंगे डॉग

Uttarkashi : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने और सैलाब से आई तबाही के कारण मौतों का आंकड़ा 6 हो गया है. धराली गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 190 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. गांव चारों तरफ से पानी और मलबे से भरा हुआ है. इस मिशन के लिए सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, और स्थानीय लोगों के साथ खोजी कुत्तों को भी भेजा गया है ताकि लाशों को मलबे से निकालकर उनकी पहचान की जा सके.

रेस्क्यू मिशन के दौरान खोजी कुत्ते यानी स्निफर डॉग के जरिए लापता लोगों का पता लगाने की कोशिश की जाएगी. ये कुत्ते अपनी सूंघने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं. अब सवाल है कि ये खोजी कुत्ते मलबे में कितनी गहराई तक दबे शवों को सूंघने और खोजने में समर्थ होते हैं और इनके अंदर सूंघने की क्षमत इतनी ज्यादा क्यों होती है. जानिए इनके जवाब.

स्निफर डाॅग क्यों कितने खास?

इन खोजी कुत्तों की खासियत होती है सूंघने की क्षमता. इन्हें ट्रेनिंग देकर और भी पावरफुल बनाया जाता है. इनकी सूंघने की क्षमता क्यों ज्यादा होती है, अब इसे जान लेते हैं. स्निफर डॉग में करीब 50 करोड़ सूंघने वाले रिसेप्टर्स होते हैं, जबकि इंसानों में करीब 50 लाख होते हैं.

इनकी इसी खूबी का इस्तेमाल करते हुए इन्हें ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें अलग-अलग गंध को पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. जैसे- कोकीन की गंध, इंसानों की गंध, TNT. गंध को पहचानने के बाद ये बैठकर, पंजा मारकर या भौंककर इशारा करते हैं.

खोजी कुत्तों को संदिग्ध जगहों के पास ले जाया जाता है. वो सूंघता है और अगर उसे कोई जानी-पहचानी गंध समझ आती है तो वो खास तरह का सिग्नल देता है. इसके बाद विशेषज्ञों की टीम अगला कदम उठाती है. खोजी कुत्तों की टीम में जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, बेल्जियन मेलिनोइस और कोकर स्पैनियल नस्लें बहुत एक्टिव, फुर्तीली और समझदार मानी जाती हैं.

कितनी गहराई तक सूंघ लेते हैं खोजी कुत्ते?

आमतौर मुलायम मिट्टी में 5 से 6 फीट की गहराई तक ये डेडबॉडी को सूंघने की क्षमता रखते हैं. वहीं रेत या ढीली मिट्टी में 3 से 4 फीट और बर्फ में 10 फीट तक सूंघ लेते हैं. हालांकि, पानी के मामले में इनके सूंघने की क्षमता ज्यादा नहीं होती. कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जब 6 फीट से नीचे दबे शवों को भी खोजी कुत्तों को सूंघकर पहचान लिया.

शव खोजने वाले कुत्ते को कैडेवर डॉग कहते हैं. इनकी सूंघने की क्षमता के कारण शवों को ढूंढना आसान हो जाता है. कुत्ते हवा में फैली गंध के हल्के अंश को भी पहचान सकते हैं. फिर चाहें मिट्टी में दबा हो, बर्फ के नीचे हो या फिर पानी के पास हो.

वर्तमान में भारतीय वायुसेना (IAF) भी राहत और बचाव कार्य मेंलगी है. बरेली और आगरा एयरबेस से Mi-17 हेलिकॉप्टर, ALH Mk-III, An-32 और C-295 विमानों को अभियान के लिए तैयार रखा गया है.

Share market strong : ट्रंप टैरिफ और बाजार की उड़ान, 120 मिनट में 4.50 लाख करोड़ की कमाईShare market strong : अमेरिकी रा...
07/08/2025

Share market strong : ट्रंप टैरिफ और बाजार की उड़ान, 120 मिनट में 4.50 लाख करोड़ की कमाई

Share market strong : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ से गुरुवार को शेयर बाजार काफी खौफजदा था, एक समय पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक​ सेंसेक्स 700 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था. उसके बाद शेयर बाजार में यू—टर्न देखने को मिला. दोपहर डेढ़ बजे के बाद से शेयर बाजार में रिकवरी देखने को मिली. बाजार बंद होने से कुछ मिनट पहले तक सेंसेक्स 120 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ कारोबार करता हुआ दिखाई दिया. शेयर बाजार बंद हुआ तो हरे निशान पर था.

इसका मतलब है कि दो घंटे में सेंसेक्स में दिन के लोअर लेवल से 800 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ. खास बात तो ये है कि निवेशकों इन दो घंटों में करीब 4.50 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है. जानकारों की मानें तो शेयर बाजार में ये यूटर्न सिर्फ अमेरिकी टैरिफ के 27 अगस्त तक होल्ड हो जाने से देखने को मिला है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़े देखने को मिले हैं?

चार घंटे से ज्यादा का खौफ
गुरुवार को जब शेयर बाजार ओपन हुआ तो उस पर ट्रंप के एक्सट्रा 50 फीसदी टैरिफ का भार था. टैरिफ का खौफ शेयर बाजार पर चार घंटे से ज्यादा का खौफ देखने को मिला. आंकड़ों को देखें तो सुबह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक​ सेंसेक्स करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ 80,262.98 अंकों पर ओपन हुआ जो लगातार बढ़ता गया. करीब डेढ़ बजे सेंसेक्स 732 अंकों की गिरावट के साथ सेंसेक्स 79,811.29 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गया. करीब 3 महीने यानी 9 मई के बाद पहली बार सेंसेक्स 80 हजार अंकों से नीचे देखा गया.

वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 में भी कुछ इसी तरह की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी सुबह करीब 100 अंकों की गिरावट के साथ 24,464 अंकों के साथ ओपन हुआ था. उसके बाद इसमें लगातार गिरावट देखने को मिली. लेकिन निफ्टी 230.05 अंकों की गिरावट के साथ 24,344.15 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर देखने को मिला. खास बात तो ये है कि निफ्टी 9 मई के बाद पहली बार 24,350 अंकों से नीचे देखने को मिला.

फिर आया शेयर बाजार का यूटर्न
करीब डेढ़ बजे के बाद शेयर बाजार ने यूटर्न लेना शुरू किया. ये यूटर्न कुछ ऐसा वैसा नहीं था. सेंसेक्स अपने लोअर लेवल से शेयर बाजार बंद होने से पहले 900 ज्यादा अंकों तक उछल गया था. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स बाजार बंद होने से करीब 5 मिनट पहले दिन के लो से 926.26 अंक ऊपर उठकर 80,737.55 अंकों के साथ दिन के हाई पर पहुंच गया. शेयर बाजार जब बंद हुआ तो सेंसेक्स लोअर लेवल से 811.97 अंकों की उछाल के साथ 80,623.26 अंकों पर बंद हुआ. वैसे एक पहले के मुकाबले में सेंसेक्स में 79.27 अंकों की तेजी देखने को मिली.

Udhampur Accident: जम्मू के उधमपुर में CRPF का ट्रक खाई में गिरा, तीन जवानों की मौत और 15 घायलUdhampur Accident: जम्मू-क...
07/08/2025

Udhampur Accident: जम्मू के उधमपुर में CRPF का ट्रक खाई में गिरा, तीन जवानों की मौत और 15 घायल

Udhampur Accident: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके में गुरुवार सुबह 10:30 बजे CRPF जवानों की बंकर गाड़ी 200 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 3 जवानों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हो गए। प्रशासन के मुताबिक, 5 जवानों की हालत गंभीर है।

CRPF के अफसरों के अनुसार, 'गाड़ी जवानों के एक दल को ले जा रहा था, जो सड़क से फिसलकर खड़ी ढलान से नीचे खाई में जा गिरा। 3 शव घटनास्थल से बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई घायल जवानों को गंभीर हालत में रेस्क्यू कर पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।'


Accident

TrumpTariffs : अमेरिका के हर प्रतिबंध पर गज भर की मुस्कान रवि अग्रहरिTrumpTariffs : डोनाल्ड ट्रंप कुछ भी कर रहें हैं लेक...
07/08/2025

TrumpTariffs : अमेरिका के हर प्रतिबंध पर गज भर की मुस्कान
रवि अग्रहरि

TrumpTariffs : डोनाल्ड ट्रंप कुछ भी कर रहें हैं लेकिन भारत का जवाब सधा और शांत है। इससे ट्रम्प की खिसियाहट बढ़ती जा रही है। एक दम बारात में फूफा टाइप स्थिति हो गई है। भारत मजे लेने के मूड में है।

ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाकर 50% टैरीफ की घोषणा करने के बाद अब नई धमकी दी है कि भारत के खिलाफ अतिरिक्त 25 प्रतिशत की घोषणा के तुरंत बाद सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

वजह वही इस फैसले के पीछे भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया है। और यहाँ तो भारत रूस के साथ युद्धाभ्यास कर रहा है, साथ ही विदेशमंत्री जयशंकर और NSA अजीत डोभाल रूस पहुँच कर रक्षा सौदे के साथ तमाम पेंडिंग डील्स निपटा रहे हैं।

पता नहीं मोदी क्या चाहते हैं। गलबहियाँ की तो वह भी प्यार से और औकात दिखाने की बारी आई तो भी उतनी ही सहजता और शांत भाव से। हालाँकि, डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस वार्ता के दौरान संवाददाताओं से कहा, "देखते हैं क्या होता है। आपको और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। आपको कई अतिरिक्त प्रतिबंध देखने को मिलेंगे।"

और यहाँ भारत भाव ही नहीं दे रहा है। ट्रम्प चचा देखते जाइए खुद ही ऊपर-नीचे, आगे-पीछे होते रहेंगे।

एक ज़माना था जब अमरीका की छींक से आधी दुनिया बुखार में पड़ जाती थी। व्हाइट हाउस से कोई फूंक भी निकले, संयुक्त राष्ट्र से लेकर संयुक्त अरब तक सब अपनी अपनी नाक ढक कर खड़े हो जाते थे। पर अब दौर बदल गया है। अब जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प हर सुबह भारत को धमकी देने उठते हैं, तो भारत उतने ही ठंडेपन से उन्हें अनदेखा करता है जैसे किसी बरात में दूल्हे का फूफा, जो खुद को सेंटर ऑफ ग्रैविटी समझता है, लेकिन लड़की वाले चाय तक नहीं पूछते।

ट्रम्प रोज़ ट्वीट करते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, आरोप लगाते हैं, धमकी देते हैं लेकिन भारत सरकार की तरफ से कोई बड़ा मंत्री तो छोड़ो, विदेश मंत्रालय का एक एडिशनल जॉइंट सेक्रेटरी फाइल से गर्द झाड़ते हुए जवाब दे देता है।

"हमें खेद है राष्ट्रपति महोदय को गलतफहमी हुई है, लेकिन हम अपनी नीति पर कायम हैं।"

इतना सुनते ही ट्रम्प का चेहरा वैसा हो जाता है जैसा किसी पंचायत चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार का, ना कोई पहचानता है, ना कोई भाव देता है, और जब वो अपने पोस्टर खुद लगाते हुए पकड़े जाते हैं, तो खुद ही चिल्लाते हैं मुझे जनता का साथ चाहिए!

ट्रम्प की तिलमिलाहट अब वही है जो भारत में पिछले दस साल से राहुल गांधी, अखिलेश, केजरीवाल और उनकी बारात में घूम रहे हर छोटे-बड़े जोकर की रही है। दिन-रात टीवी डिबेट में उछल-उछल कर यही पूछा गया मोदी चुप क्यों हैं? मोदी जवाब क्यों नहीं देते? मोदी बहस से भागते क्यों हैं?

और मोदी शांत, सधा, रणनीति में डूबा हुआ हर हमले जवाब चुपचाप अपनी टीम से दिलवाते रहे।

आज वही अपमान ट्रम्प झेल रहे हैं। भारत उन्हें जवाब नहीं दे रहा, बल्कि रूस के साथ सैन्य अभ्यास कर रहा है, तेल की डील साइन कर रहा है, और BRICS में नई मुद्रा लाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका बौखलाया हुआ है जैसे कोई आशिक लड़की के इनबॉक्स में “Hi” के बाद 69 मैसेज भेज दे और उधर सीन तक ना आए।

ट्रम्प ने कहा, "भारत को इस व्यवहार की कीमत चुकानी होगी।"

भारत ने ट्रम्प की धमकी पर वही रिएक्शन दिया जो भारतीय बाप अपनी महाबिगड़ी औलाद के कॉलेज से सस्पेंशन लेटर पर देता है, "अच्छा? और?"

ट्रम्प के लिए भारत अब वो एक्स बन चुका है जो अपने नए रिश्ते में इतना खुश है कि पुराने वाले के ब्लॉक किए हुए नंबर पर भी मुस्कुरा देता है। व्हाइट हाउस में बैठे-बैठे ट्रम्प अब कागज़ फाड़ते हैं, दीवारों से सिर मारते हैं और प्रेस ब्रीफिंग में हकलाते हैं, "इंडिया… इंडिया को… हम सबक सिखाएँगे!"

उधर भारत लद्दाख में इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है, रूस से सुपरसोनिक मिसाइलें ले रहा है, S-400 की डिलीवरी ले चुका है और अमेरिका के हर प्रतिबंध पर गज भर की मुस्कान से जवाब दे रहा है।

भारतीय विपक्ष की दुर्दशा इस पूरे मसले में और भी शर्मनाक है। उन्हें ट्रम्प की चिंता तो है, लेकिन देश की प्रतिष्ठा की नहीं। वे बार-बार यही रट लगाए बैठे हैं मोदी बताएँ, वो क्यों चुप हैं? मोदी जवाब दें!

यही लोग एक वक्त पर मोदी को कहते थे विदेशों में जा कर देश की छवि खराब करते हैं। और अब जबकि मोदी चुप हैं, मजबूती से खड़े हैं, तब इन्हें फिर परेशानी है- "क्यों खड़े हैं?"

असल में ये सब उसी तरह की कंफ्यूज़्ड विपक्षी राजनीति है जैसी किसी गाँव की शराबी बारात में डीजे बंद होते ही दूल्हे के मौसेरे भाइयों को लगता है कोई साजिश हुई है।

आज ट्रम्प की हालत भारत के सामने वैसी ही है जैसी पाकिस्तान की IMF के सामने रोज़ कुछ नया माँगो, बदले में बकरी गिरवी रखो।

पर भारत की हालत? भारत आज वो गबरू जवान है जिसे अब चप्पल फेंक कर कोई रोक नहीं सकता। और ट्रम्प? वो अब गली का वही पुराना गुंडा हो चला है, जिसकी दहाड़ सुन कर अब सिर्फ उसका खुद का कुत्ता ही डरता है।

High Speed Train: भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार हाई स्पीड ट्रैक पर 9 हजार हॉर्सपावर के इंजन का होगा ट्रायल, तैयारी...
07/08/2025

High Speed Train: भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार हाई स्पीड ट्रैक पर 9 हजार हॉर्सपावर के इंजन का होगा ट्रायल, तैयारी पूरी

High Speed Train: भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार 9 हजार हॉर्सपावर का सबसे ताकतवर इलेक्ट्रिक इंजन हाई स्पीड ट्रायल टेस्ट ट्रैक पर दौड़ेगा। यह ट्रायल अगले सप्ताह जयपुर-जोधपुर रेलमार्ग पर नवनिर्मित देश के पहले हाई स्पीड ट्रायल टेस्ट ट्रैक पर होगा। गुजरात के दाहोद स्थित लोकोमोटिव फैक्ट्री में निर्मित इस इंजन को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। ट्रायल के लिए इंजन भी गुजरात से ही आएगा। दावा है कि, यह ट्रायल भारतीय रेलवे को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत आधार देगा।

64 किलोमीटर लंबा हाईस्पीड ट्रैक

जयपुर-जोधपुर रेलखंड पर गुढ़ा से मीठड़ी तक 64 किमी लंबा यह ट्रैक देश का पहला हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक है। यहां ट्रेनें 220 किमी प्रतिघंटा से भी अधिक स्पीड में दौड़ सकेंगी। करीब 800 करोड़ की लागत से बन रहा यह ट्रैक 75 फीसदी पूरा हो चुका है और जनवरी 2026 तक पूरी तरह तैयार होने की उम्मीद है। इस ट्रैक पर भविष्य में वंदे भारत, बुलेट ट्रेन और अन्य हाई स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग होगी।

ट्रायल में क्या-क्या परखा जाएगा

* इंजन की स्पीड, ब्रेकिंग कैपेसिटी और स्थिरता।

* ट्रैक्शन, झटकों को झेलने की क्षमता और वाइब्रेशन टेस्ट।

* सिग्नलिंग, ओवरहेड वायरिंग और सेफ्टी सिस्टम की जांच।

* विशेषज्ञों की निगरानी में पूरा टेक्निकल विश्लेषण होगा।

खराब परिस्थिति में परखेंगे मजबूती

रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस ट्रायल के तहत ईएन 14363 मानकों के अनुसार क्वॉजी स्टेटिक टेस्ट किया जाएगा, जिसमें इंजन को 15-20 किमी प्रति घंटे की गति से सबसे खराब ट्रैक परिस्थितियों में चलाकर उसकी मजबूती और स्थिरता की जांच की जाएगी। यह प्रक्रिया दिखाएगी कि नया इंजन किन परिस्थितियों में ट्रैक पर कैसे प्रदर्शन करता है। खासबात है कि,यह ट्रायल इंजन और ट्रैक दोनों के लिए एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है।

Mahadev : कल्प केदार मंदिर, जो मलबे के साथ फिर समा गया!रवि अग्रहरिMahadev : खुदाई में निकला था फिर मलबे में समा गया! जान...
07/08/2025

Mahadev : कल्प केदार मंदिर, जो मलबे के साथ फिर समा गया!

रवि अग्रहरि
Mahadev : खुदाई में निकला था फिर मलबे में समा गया! जानिए, धराली के कल्प केदार मंदिर को जो कल मलबे के साथ फिर समा गया!

उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को बादल फटा और इस प्राकृतिक वज्रपात का नतीजा ये हुआ कि पूरा का पूरा गाँव ही बह गया। सुबह तक जहाँ होटल, बाजार-बस्ती, गाँव-खेड़े आबाद थे, दोपहर बाद वहाँ अब सिर्फ गाद ही गाद है, मटमैला पानी है और दो मंजिल से भी अधिक ऊंचा बहकर आया कीचड़नुमा मलबा है।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक 4 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। बचाव अभियान जारी है।

महादेव शिव को समर्पित कल्प केदार धाम
खबरों के इस सिलसिलों के बीच, जो एक बात अपनी ओर ध्यान आकर्षित करती है, वह है इस कस्बे में मौजूद एक प्राचीन मंदिर। शिवजी को समर्पित यह मंदिर 'कल्प केदार धाम' कहलाता है और इसकी अपनी ही विचित्र कहानी है, अलग ही इतिहास है।

इस मंदिर की शैली, बनावट सबकुछ केदारनाथ धाम जैसा ही है और जिस तरह केदारनाथ धाम का इतिहास है कि आइस एज में यह मंदिर चार सौ साल तक बर्फ में दबा रहा था, ठीक वैसे ही कल्प केदार मंदिर, बाढ़ या ऐसी ही किसी आपदा के कारण या तो भूमि में दब गया था, या फिर लुप्त था।

कैसे सामने आया था मंदिर?

उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति को डिजिटली संजोने की कोशिश में लगी वेबसाइट, काफल ट्री की मानें तो, ये मंदिर यूँ तो बहुत प्राचीन है, लेकिन आधुनिक दौर में इसमें दर्शन-पूजन पिछली ही सदी में शुरु हुआ है। साल 1945 में खीर गंगा के इस नाले का बहाव कुछ कम हुआ तब लोगों को इसके किनारे मंदिर के शिखर जैसी संरचना नजर आई। तब लोगों ने इसकी खुदाई की। तकरीबन 20 फीट खुदाई के बाद एक समूचा शिव मंदिर सामने था, जिसकी बनावट काफी प्राचीन थी।

मंदिर के गर्भगृह में भरा रहता है जल:

उत्तराकाशी के स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता द्वारिका प्रसाद सेमवाल इस मंदिर के इतिहास पर विस्तार से बताते हैं। वह कहते हैं कि खुदाई के बाद जो संरचना सामने आई वह काफी हद तक केदारनाथ मंदिर से ही मिलती-जुलती थी। आज भी मंदिर का अधिकांश हिस्सा जमीन के नीचे ही दबा हुआ है और लोग गहराई में ही जाकर मंदिर में दर्शन-पूजन करते हैं।

वह बताते हैं कि इस मंदिर के गर्भगृह में जहाँ, शिवलिंग मौजूद है वहाँ अक्सर खीरगंगा का जल आ जाता है। मंदिर जमीन से नीचे की ही ओर है, लोगों ने आस-पास की मिट्टी निकालकर मंदिर में भीतर जाने का रास्ता बनाया है।

19वीं सदी की भीषण बाढ़ में विलुप्त हुआ था मंदिर!

कई दावे ऐसे भी हैं कि इस मंदिर को भी 19वीं शताब्दी की शुरुआत में खीर गंगा नदी में आई भीषण बाढ़ में बहा या मलबे में विलुप्त हुआ मान लिया गया था। साल 1945 के बाद जब मंदिर नजर आया और खुदाई के बाद यह पूरी संरचना सामने आई तब से ये अनुमान है कि ये मंदिर उन्हीं 240 लुप्त मंदिर समूहों में से एक हैं, जो समय-समय पर होने वाले भौगोलिक परिवर्तन के कारण लुप्त हुए।

ऐसा भी दावा होता रहा है कि इसका निर्माण आदि शंकराचार्य ने वैदिक परंपरा के उत्थान के अपने अभियान के दौरान किया था।

कत्यूर शैली में बना है मंदिर:

कल्प केदार मंदिर कत्यूर शिखर शैली का मंदिर है। इसका गर्भ गृह प्रवेश द्वार से करीब सात मीटर नीचे है। इसमें भगवान शिव की सफेद रंग की स्फटिक की प्रतिमा रखी है। मंदिर के बाहर शेर, नंदी, शिवलिंग और घड़े की आकृति समेत पत्थरों पर उकेरी गई नक्काशी की गई है।

गर्भगृह में मुख्य शिवलिंग केदारनाथ के समान ही नंदी पीठम (बैल के पीठ पर उठा हुआ कूबड़) आकृति का है। धराली उत्तरकाशी गंगोत्री मार्ग पर 73 किमी की दूरी पर है। भागीरथी और खीरगंगा का संगम स्थल धराली पौराणिक काल में श्यामप्रयाग के नाम से पुकारा जाता था। पुरातत्वविद कल्प केदार और धराली में मौजूद अवशेषों को 17वीं शताब्दी का बताते है।












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Donald Trump Tariffs : अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैर-जरूरी फैसला… ट्रंप के 50% टैरिफ पर भारत का जवाबDonald Trump Tariffs : ...
06/08/2025

Donald Trump Tariffs : अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैर-जरूरी फैसला… ट्रंप के 50% टैरिफ पर भारत का जवाब

Donald Trump Tariffs : भारत ने अमेरिका द्वारा रूस से तेल आयात पर लगाए गए 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ पर करारा जवाब देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। भारत का कहना है कि यह कदम 'अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेवजह' है। सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत का तेल आयात बाजार की जरूरतों और 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया,'हमने अपनी स्थिति पहले ही साफ कर दी है। हमारे तेल आयात बाजार के हालात पर आधारित हैं और इसका मकसद देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है।'

यह पूरी तरह से अनुचित और बेवजह है'
भारत ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों के लिए ऐसे ही कदम उठा रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने सिर्फ भारत को निशाना बनाया, जो कि नाइंसाफी है। मंत्रालय ने आगे कहा, 'यह बेहद दुखद है कि अमेरिका ने भारत के खिलाफ अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया। हम इसे पूरी तरह से अनुचित और बिना वजह का मानते हैं।' अपने बयान से भारत ने साफ कर दिया कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात को लेकर सवाल उठाए और पहले 25 फीसदी और फिर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की।

27 अगस्त से लागू होगा अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सामान पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का आदेश दे दिया। इसके साथ ही भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में अब कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगेगा। पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की थी, और अब नए आदेश के बाद यह टैरिफ और बढ़ गया है। ट्रंप ने इस नए टैरिफ को लागू करने से कुछ घंटे पहले ही कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इस आदेश के तहत कुछ खास सामानों को छोड़कर बाकी सभी भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। शुरुआती 25 प्रतिशत टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा, जबकि अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क 21 दिन बाद यानी 27 अगस्त से शुरू होगा।

Bihar : इलेक्शन है भाई..काम जारी है..पंकज श्रीवास्तवBihar : भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी 2010 में की थी। तब कांग्र...
06/08/2025

Bihar : इलेक्शन है भाई..काम जारी है..

पंकज श्रीवास्तव

Bihar : भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी 2010 में की थी। तब कांग्रेस शासनकाल था। राजीव गाँधी के बेहद करीबी 'सुरेश कलमाड़ी' को इस आयोजन का कार्यभार सौपा गया था। तब के मीडिया की माने तो इसके लिए आबंटित रकम को जितना कलमाड़ी ने नहीं लूटा उससे ज्यादा कलमाड़ी के करीबियों ने लूट लिया। आयोजन ज्यो-ज्यो नजदीक आ रहा था मीडिया में बेचैनी थी, वजह जमीन पर कोई काम नजर नहीं आ रहा था। तब मीडिया को जबाब देते हुए सुरेश कलमाड़ी ने कहा था कि "आप बेचैन न हो भारत में बेटी की शादी के पूर्व कुछ भी नहीं दिॆखता है लेकिन ऐन शादी के दिन पूरी व्यवस्था नजर आती है।" गलती माँफ बिहार में ये चुनावी बर्ष है और इधर इंद्रदेव ने मुख्यमंत्री नीतीश जी धोने की पूरी व्यवस्था कर दी है। दम ही नहीं ले रहें हैं मतलब कल तक ये रुकने का नाम नहीं ले रहें थे। राजधानी पटना जल समाधी ले रहा था लेकिन नीतीश जी के चट्टे-बट्टे मेरा मतलब है, उनके आधिकारियों ने उन्हें नंगा होने से बचाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा झोक दी। देख लीजिए दिन- रात राजधानी पटना के मुहल्लों से बरसात का पानी निकालने के लिए न सिर्फ मोटर की व्यवस्था की गयी है बल्कि ये मोटर खराब हो जायें तो मौके पर अतिरिक्त मोटर की व्यवस्था की है। तस्वीर मैंने ली है 'पाटलीपुत्र रेलवे स्टेशन' के पश्चिमी छोर यानि पटना के सबसे आधुनिक और रिहायशी इलाका गोला रोड और मिथिला कालनी की ओर से जहाँ कल तक एक से डेढ़ फूट पानी था।

ई ट्रंपवा त अब बिहारी हो गइल... चुनाव लड़े के तैयारी करत का बा ए भाई... लागत बा मोदी जी के सबक सीखाइए के रही....
06/08/2025

ई ट्रंपवा त अब बिहारी हो गइल... चुनाव लड़े के तैयारी करत का बा ए भाई... लागत बा मोदी जी के सबक सीखाइए के रही....

Donald Trump Tariffs : रूस से तेल डील पर बौखलाए ट्रंप, भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ, ऑर्डर पर किए साइनDonald Trump Tarif...
06/08/2025

Donald Trump Tariffs : रूस से तेल डील पर बौखलाए ट्रंप, भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ, ऑर्डर पर किए साइन

Donald Trump Tariffs : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही भारत पर रूस से तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. अब भारत पर अमेरिका का कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. 24 घंटे पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी थी. ट्रंप ने CNBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर भारत, रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा तो टैरिफ और बढ़ाया जाएगा. ट्रंप ने संकेत दिया था कि वे फार्मा इंपोर्ट पर टैरिफ को 250 फीसदी प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं, जो उनकी ओर से अब तक का प्रस्तावित सबसे बड़ा टैरिफ हो सकता है. वह छोटे टैरिफ से शुरुआत करेंगे, लेकिन 18 महीने के भीतर इसे धीरे-धीरे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. पहले 150 फीसदी और आखिर में इसे 250 फीसदी तक लेकर जाएंगे.

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KartavyaBhawan :  कर्तव्य भवन जनसेवा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है: प्रधानमंत्री* प्रधानमंत्री ने कर्तव्य...
06/08/2025

KartavyaBhawan : कर्तव्य भवन जनसेवा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है: प्रधानमंत्री

* प्रधानमंत्री ने कर्तव्य भवन राष्ट्र को समर्पित किया

* प्रधानमंत्री ने परिसर में पौधारोपण भी किया; पर्यावरण अनुकूल निर्माण की सराहना की

सिद्धार्थ सौरभ
KartavyaBhawan : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर कर्तव्य भवन में शिफ्ट किया जाएगा जिससे दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे।

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के लिए ऐसे कुल 10 भवनों का निर्माण होना है। इनमें से कर्तव्य भवन-3 बनकर तैयार हो गया है, इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। साथ ही वह शाम छह बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। परियोजना पूरी होने के बाद किराये के तौर पर खर्च होने वाले 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी।

कर्तव्य भवन में क्या है खास

लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस अत्याधुनिक कार्यालय परिसर में दो बेसमेंट और सात मंजिलें (भूतल+6 मंजिल) हैं। वर्तमान में, कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों से काम करते हैं, जो 1950-70 के दशक में बनाई गई थीं।

भवन में सुरक्षित और आईटी-सक्षम कार्यस्थल, स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और कमांड सेंटर, सोलर पैनल, सौर वॉटर हीटर और ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं हैं। यह पर्यावरण के अनुकूल निर्माण को भी बढ़ावा देता है, जिसमें अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग, ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं। इमारत को ठंडा रखने और बाहरी ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए इसमें कांच की विशेष खिड़कियां लगाई गई हैं।

30 फीसदी कम ऊर्जा का खपत

कर्तव्य भवन को 30 प्रतिशत कम ऊर्जा खपत के लिए तैयार किया गया है। ऊर्जा की बचत करने वाली एलईडी लाइटें, जरूरत न होने पर लाइटें बंद करने वाले सेंसर, बिजली बचाने वाली स्मार्ट लिफ्ट्स और बिजली के उपयोग को प्रबंधित करने की एक उन्नत प्रणाली लगाई गई है।

जल्द ही अन्य भवन भी हो जाएंगे पूरी तरह तैयार

शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 के सभागार में पत्रकारों से चर्चा में बताया कि अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी बनकर तैयार जाएंगे। दोनों का काम लगभग अंतिम चरण में है। प्रस्तावित अन्य सात भवन भी अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इस परियोजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्रालयों के लिए बनाए जा रहे इन भवनों में तकनीक, सुरक्षा व पर्यावरण अनुकूलता का पूरा ख्याल रखा गया है। पूरे भवन की निगरानी के लिए एक कमांड सीसीटीवी सेंटर भी बनाया गया है,जहां से परिसर व अंदर के गलियारों पर पैनी नजर रखी जाएगी। खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों के लिए नवनिर्मित इन नए भवनों को पहले कामन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) नाम दिया गया था। इन कर्तव्य भवनों को मेट्रो लाइन से जोड़ने के लिए इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन से एक नई लाइन बनाने का प्रस्ताव किया गया है।

मौजूदा भवन हैं 75 साल पुराने

मंत्री खट्टर ने एक सवाल के जवाब में बताया कि मंत्रालयों के नए और अत्याधुनिक भवनों को बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि जो मौजूदा भवन हैं वह 1950 से 1970 के बीच बनाए गए थे। ये सभी पुराने हो गए है, इनका सालाना रखरखाव काफी महंगा हो गया था। गौरतलब है कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार के पास करीब 55 मंत्रालय और 93 विभाग मौजूद है। ये अभी नार्थ और साउथ ब्लाक के साथ कृषि भवन, शास्त्री भवन, उद्योग व निर्माण भवन आदि शामिल है।

नार्थ और साउथ ब्लाक होगा पूरा खाली

कर्तव्य भवनों के तैयार होते ही नार्थ और साउथ ब्लाक में मौजूद सभी मंत्रालयों को वहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। दोनों ही ब्लाक को खाली कराकर इनमें भारत संग्रहालय बनाया जाएगा। इस दौरान ढांचे के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ किए बगैर इसमें महाभारत काल से लेकर देश के आज तक के इतिहास, कला व संस्कृति आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि सेंट्रल विस्टा परियोजना का यह काम दिसंबर 2031 तक पूरा कर लिया जाएगा। इनमें ही प्रधानमंत्री के लिए नए आवास व कार्यालय भी बनाए जा रहे है। इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत, सरकार पहले ही संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण कर चुकी है, और विजय चौक से इंडिया गेट तक फैले कर्तव्य पथ का भी पुनर्विकास कर चुकी है। इस परियोजना के तहत केंद्रीय सचिवालय के अलावा, सरकार एक कार्यकारी एन्क्लेव का भी निर्माण करेगी जिसमें एक नया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय होगा। दूसरे चरण के तहत, एक नए प्रधानमंत्री आवास का निर्माण भी किया जाएगा।

कर्तव्य भवन-3 : एक नजर में
⦁ कुल क्षेत्रफल- 1.50 लाख वर्ग मीटर
⦁ भूतल क्षेत्रफल- 40 हजार वर्ग मीटर
⦁ कुल तल- दो भूतल सहित कुल दस तल
⦁ पार्किंग क्षमता- 600 कारों की
⦁ बैठने की व्यवस्था- वर्क हाल और केबिन
⦁ कॉमन सुविधा- योगा, क्रेच,मेडिकल रूम, कैफे, मल्टीपरपज हॉल
⦁ 24 मुख्य कांफ्रेंस हाल, क्षमता- प्रत्येक में 45 व्यक्तियों के बैठने की
⦁ 26 छोटे कांफ्रेंस हाल, क्षमता-प्रत्येक में 25 व्यक्तियों के बैठने की
⦁ 67 मीटिंग रूम या वर्क हाल, प्रत्येक की क्षमता नौ लोगों की
⦁ लिफ्ट- 27, सेंट्रलाइज एयर कंडीशन, स्वचालित सीढियां- दो

जल्द ही टूटेंगे कृषि, उद्योग, निर्माण और शास्त्री भवन

सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत जल्द ही कृषि भवन, उद्योग भवन, शास्त्री भवन और निर्माण भवन टूटेंगे। इनमें मौजूद सभी मंत्रालयों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन दौरान कुछ मंत्रालय अगले दो साल के लिए किराए भवन में भी शिफ्ट हो रहे है। माना जा रहा है कि जैसे ही नए कर्तव्य भवनों का निर्माण होगा, वैसे-वैसे इन सभी मंत्रालयों और विभागों को इनमें शिफ्ट किया जाएगा।






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