12/08/2025
क्या एनकाउन्टर के बाद ये शर्ते पूरी कर पाएंगी पुलिस See...
सुप्रीम कोर्ट की 16 शर्तें पुलिस एनकाउंटर के लिए
(अगर इनका पालन न हो, तो एनकाउंटर संदिग्ध माना जाएगा)
1. सूचना का रिकॉर्ड
एनकाउंटर की जानकारी लिखित में दर्ज हो और FIR में केस का पूरा विवरण हो।
2. FIR दर्ज होना
घटना के तुरंत बाद FIR पुलिसकर्मी के खिलाफ भी दर्ज होनी चाहिए।
3. स्वतंत्र जांच
जांच किसी दूसरी पुलिस यूनिट या स्वतंत्र एजेंसी (जैसे CID) करेगी।
4. मैजिस्ट्रेटी जांच
हर एनकाउंटर की न्यायिक (Judicial) या मैजिस्ट्रेटी जांच जरूरी है।
5. मृतक के हथियार का सबूत
अगर आरोपी के पास हथियार था, तो उसकी बरामदगी और जांच जरूरी है।
6. पोस्टमार्टम जरूरी
पोस्टमार्टम सरकारी डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ होगा।
7. पीड़ित के परिवार को सूचना
मृतक के परिवार को तुरंत सूचना और रिपोर्ट दी जाएगी।
8. NHRC या राज्य मानवाधिकार आयोग को सूचना
घटना की सूचना तुरंत NHRC/SHRC को दी जाएगी।
9. केस डायरी का रख-रखाव
पूरी घटना की केस डायरी में विस्तार से एंट्री होनी चाहिए।
10. गवाहों का बयान
गवाहों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने 164 CrPC के तहत रिकॉर्ड होंगे।
11. मुआवजा
अगर जांच में पता चले कि एनकाउंटर फर्जी था, तो परिवार को मुआवजा मिलेगा।
12. हथियार का बैलिस्टिक परीक्षण
पुलिस और आरोपी, दोनों के हथियारों का बैलिस्टिक टेस्ट होगा।
13. मौके का नक्शा और फोटो
घटना स्थल का नक्शा, फोटो, वीडियो सबूत के तौर पर लिया जाएगा।
14. आरोपी पुलिसकर्मी का मेडिकल
गोलीबारी में शामिल पुलिसकर्मी का भी मेडिकल और बयान दर्ज होगा।
15. मीडिया को सही सूचना
अफवाह से बचने के लिए मीडिया को तथ्यात्मक सूचना दी जाएगी।
16. अदालत में रिपोर्ट पेश
पूरी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश होगी, और अदालत तय करेगी कि कार्रवाई सही थी या नहीं।
अगर पुलिस इन स्टेप्स का पालन करती है और सबूत साबित करते हैं कि गोली आत्मरक्षा में चली, तो एनकाउंटर कानूनी माना जाएगा, वरना वह हत्या की श्रेणी में आएगा।