01/09/2025
राँची — 315 अल्पसंख्यक छात्रों की सफलता का जश्न : हज हाउस में हुआ भव्य सम्मान समारोह
फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी ने आयोजित किया प्रतिभा सम्मान सह स्कॉलरशिप वितरण समारोह
राँची — कडरू स्थित हज हाउस में फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी एवं अमेरिकन फेडरेशन ऑफ इंडियन ओरिजिन एएफएमआई अमेरिका और कनाडा के संयुक्त तत्वावधान में प्रतिभा सम्मान समारोह सह स्कॉलरशिप वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 2025 में आयोजित 10वीं और 12वीं की सीबीएसई, एवं जैक बोर्ड परीक्षाओं में 85% से अधिक अंक लाने वाले राज्यभर से आए 315 मुस्लिम छात्र-छात्राओं को मोमेंटो, प्रमाणपत्र एवं नकद राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज अब्दुल्लाह कमर द्वारा तिलावत-ए-कुरआन से हुई। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी के कार्यकारी सदस्य खालिद खलील ने किया। सचिव कमर सिद्दीकी ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। संचालन का दायित्व खालिद खलील, लिज़ाम लेज़, अली और नवाज़िश हसन ने निभाया। फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी के अध्यक्ष तनवीर अहमद ने कहा इस तरह के आयोजन का उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा को पहचान दिलाना, उनकी योग्यताओं का सम्मान करना तथा उन्हें सही मार्गदर्शन देकर शिक्षा की शक्ति से समाज, राज्य और देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करना है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी के. राजू ने अपने संबोधन में कहा— फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी गरीब छात्रों को आर्थिक रूप से सहयोग कर रही है, यह प्रशंसनीय है। कैरियर काउंसलिंग और स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि युवाओं को प्राइवेट और सरकारी सेक्टर में बेहतर अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की शैक्षिक योजनाओं के प्रति संवेदनशील नहीं रही है। लेकिन गठबंधन सरकार से उम्मीद है कि वह अल्पसंख्यक छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से हल करेगी। शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स, बीदर (कर्नाटक) के निदेशक डॉ. अब्दुल कादिर ने छात्रों को शिक्षा के साथ इंसानियत और नैतिकता अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा— शाहीन ग्रुप की शुरुआत मात्र 17 छात्रों से हुई थी और आज यह 117 संस्थानों तक पहुँच चुका है। शिक्षा सिर्फ डिग्री पाने का नाम नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान और बेहतर नागरिक बनाने का जरिया है। उन्होंने लड़कों की शिक्षा में घटती रुचि पर चिंता जताई और अभिभावकों से अपील की कि वे बेटियों के साथ बेटों को भी समान रूप से तालीम में आगे बढ़ाएँ। साथ ही महंगी शादियों पर रोक लगाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने संस्था को झारखंड की शान बताया और वादा किया कि वे अल्पसंख्यक समुदाय की शैक्षणिक समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत रहेंगी। अल्पसंख्यक आयोग, झारखंड के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने संस्था को शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणादायी कार्य करने वाला संगठन बताया। सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा— शिक्षा और तहज़ीब ही अच्छे इंसान, अच्छे नागरिक और अच्छे मुसलमान बनने की कुंजी है। जिस घर की बेटियाँ शिक्षित होती हैं, पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है। जैक बोर्ड 10वीं की डिस्ट्रिक्ट टॉपर तहरिम फातिमा (राज्य रैंक – 6) को संस्था की ओर से एडवांस लैपटॉप देकर सम्मानित किया गया। बोर्डवार टॉपरों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 2025 के नीट और जेईई मेन परीक्षा पास करने वाले छात्रों – रहमत सफ़िया, अरमान अहमद, अनम जुलकरनैन और आयत रहमान – को भी सम्मानित किया गया। अमेरिका से आए एएफएमआई प्रतिनिधि शमीम अहमद ने कहा— एएफएमआई हर साल हजारों छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करता है। फ्रेंड्स ऑफ वीकर सोसाइटी भी इसी दिशा में काम कर रही है और गरीब बच्चों को ड्रॉपआउट होने से बचाने में मददगार साबित हो रही है। डीआईजी पलामू नौशाद आलम ने अपने संबोधन की शुरुआत कुरआन शरीफ की तिलावत से की। उन्होंने कहा कि इंसान को अपने चरित्र पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों से उन्होंने कहा कि प्रतियोगी जीवन में हर व्यक्ति का एक लक्ष्य होना चाहिए और वह लक्ष्य हमेशा बड़ा होना चाहिए। प्रायः केवल 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले छात्रों को ही सम्मानित किया जाता है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि कम अंक लाने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित किया जाए। पत्थर को तराशकर ही हीरा बनाया जा सकता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के. राजू, प्रदेश प्रभारी, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी; विशिष्ट अतिथि डॉ. अब्दुल कादिर, निदेशक, शाहीन ग्रुप, बीदर (कर्नाटक); एएफएमआई प्रतिनिधि शमीम अहमद, अमेरिका; सम्मानित अतिथि डॉ. महुआ माजी, सांसद (राज्यसभा); मो. शमशेर आलम, उपाध्यक्ष, अल्पसंख्यक आयोग, झारखंड; अजय नाथ शहदेव; नौशाद आलम, आईपीएस, डीआईजी, पलामू रेंज; डॉ. माजिद आलम, अध्यक्ष, आलम अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र; एम.एम. ज़मा देशमुख, निदेशक–राष्ट्रीय संचालन, शाहीन समूह; लुत्फुल हक, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता, पाकुड़ (झारखंड); विशेष अतिथि डॉ. तौसीफ अहमद, सदस्य, झारखंड अल्पसंख्यक आयोग; नफीस अहमद खान, सहायक रजिस्ट्रार, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची; एकराम हसन, डॉ. मोहिब अहमद, डॉ. फरहान सिकोह, डॉ. शाहबाज आलम, डॉ. नजरूल आबेदीन, डॉ. तारिक अजीज, इं. नसीम अली, जावेद शम्सी, डॉ. के. नाज़, सहायक प्रोफेसर, बीआईटी मेसरा, रांची सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।